मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव नतीजे: न सजी मोहब्बत की दुकान, न भ्रष्टाचार पर बनी बात- एक दो नहीं बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस के 5 बड़े मुद्दे बुरी तरह फेल

न सजी मोहब्बत की दुकान, न भ्रष्टाचार पर बनी बात- एक दो नहीं बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस के 5 बड़े मुद्दे बुरी तरह फेल
  • राहुल के फेस को मध्यप्रदेश की जनता ने नकारा
  • हार्ड हिंदुत्व के सामने फेल सॉफ्ट हिंदुत्व का कार्ड
  • बीजेपी की योजनाओं के आगे नहीं टिक पाई पुरानी पेंशन योजना

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में वोटिंग की काउंटिंग चल रही है। अभी तक आए आंकड़ें तीनों ही राज्यों में पूरी तरह से भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में जाते हुए नजर आ रहे हैं। जहां इतनी बड़ी जीत के बाद बीजेपी के प्रदेश कार्यालयों में खुशी मनाई जा रही है, वहीं कांग्रेस के खेमे में मायूसी का माहौल है। बात करें विधानसभा चुनाव की तो जिन मुद्दों को लेकर कांग्रेस इस चुनाव में बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने का सोच रही थी उन्हें जनता ने सिरे से नकार दिया है। आइए जानते हैं कौन से थे वो मुद्दे।

मोहब्बत की दुकान

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मोहब्बत की दुकान शब्द सबसे पहले सुनाई दिया था। इस नारे के जरिए राहुल गांधी हर धर्म, समुदाय और जाति के लोगों को एक साथ लाना चाहते थे, इसके जरिए वो बहुसंख्यक से लेकर अल्पसंख्यक वर्ग को अपनी ओर करना चाहते थे। मध्यप्रदेश चुनाव के दौरान अपनी चुनावी सभाओं में भी उन्होंने इस शब्द का बहुत बार उपयोग किया था। लेकिन नतीजे को देखकर लगता है कि मध्यप्रदेश की जनता उनके इस नारे से प्रभावित नहीं हो पाई।

सॉफ्ट हिंदुत्व फेल

इस बार विधानसभा चुनाव में बीजेपी के हार्डकोर हिंदुत्व के मुद्दे का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस ने सॉफ्ट हिंदुत्व का मुद्दा उठाया। इसके लिए पार्टी ने पिछले 1-2 सालों से जगह-जगह हनुमान चालिसा का पाठ कराया। इसके अलावा कांग्रेस के मुख्यमंत्री उम्मीदवार कमलनाथ ने अपने गृह क्षेत्र छिंदवाड़ा में बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा भी करवाई। लेकिन यह मुद्दा भी बीजेपी के हार्ड हिंदुत्व कार्ड के सामने टिक नहीं पाया।

भ्रष्टाचार के आरोप फेल - मोदी अडानी

कांग्रेस ने चुनाव में भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर भी भाजपा पर निशाना साधा। बिजनेसमैन गौतम अडानी के साथ नरेंद्र मोदी का नाम जोड़कर सदन से सड़क तक विरोध किया। इसके अलावा अवैध रेत उत्खनन, नौकरी में धांधली और पेपर लीक जैसे मुद्दे भी उठाए, लेकिन यह सब मुद्दे फैल साबित हुए।

पुरानी पेंशन योजना फेल

पुरानी पेंशन योजना के जरिए कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्यों में अपनी सरकार बनाई। इसके साथ ही राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी पार्टी द्वारा इस योजना को लॉन्च किया गया। पार्टी को भरोसा था कि इन चुनावों में भी यह योजना उनके लिए मास्टर स्ट्रोक साबित होगी। पर उनका यह मुद्दा भी फेल साबित हुआ।

राहुल का चेहरा पूरी तरह फेल

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में जहां बीजेपी की तरफ से सबसे बड़ा चेहरा पीएम नरेंद्र मोदी थे तो वहीं कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी कांग्रेस का नेतृत्व किया था। दोनों ही नेताओं ने प्रदेशभर दर्जनों रैलियां की लेकिन अभी तक आए चुनावी नतीजों को देखकर लगता है कि राज्य की जनता ने राहुल की बातों पर भरोसा न दिखाकर पीएम मोदी पर भरोसा जताया है।

Created On :   3 Dec 2023 5:24 PM IST

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