मोदी 3.0 का ऐतिहासिक कदम: 'वन नेशन वन इलेक्शन' विधेयक पर केंद्र सरकार ने लगाई मुहर, संसद में अगले हफ्ते पेश होने की संभावना

वन नेशन वन इलेक्शन विधेयक पर केंद्र सरकार ने लगाई मुहर, संसद में अगले हफ्ते पेश होने की संभावना

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र की मोदी 3.0 सरकार के प्रस्तावित 'वन नेशन वन इलेक्शन' से जुड़ा बड़ा अपडेट सामने आया है। केंद्र सरकार की कैबिनेट मीटिंग में गुरुवार को देश में 'वन नेशन वन इलेक्शन' विधेयक को स्वीकृति दे दी है। माना जा रहा है कि अगले सप्ताह तक इसे संसद में पेश किया जा सकता है।

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कही ये बात

इस संबंध में बुधवार को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देश में वन नेशन वन इलेक्शन पर बेबाकी से अपनी बात रखी थी। दरअसल, हरियाणा के कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के अंतर्गत होने वाले कार्यक्रम में शिवराज सिंह चौहान शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने वन नेशन वन इलेक्शन के मुद्दे पर चर्चा की थी। उन्होंने कहा था कि बार-बार चुनाव देश की प्रगति में अवरोध डालने का काम करते हैं। उन्होंने कहा था कि देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृ्त्व में तेजी से विकसित हो रहा है।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने आगे कहा, "प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एक गौरवशाली, समृद्ध और शक्तिशाली भारत का निर्माण हो रहा है। जल्द ही भारत हमारी आंखों के सामने 'विश्व गुरु' बन जाएगा, इसमें कोई संदेह नहीं है और पूरी दुनिया यह जानती है... लेकिन भारत की प्रगति और विकास में एक बाधा है, वह है बार-बार चुनाव। देश में कुछ और हो रहा हो या न हो, लेकिन चुनाव की तैयारियां पूरे पांच साल चलती रहती हैं। जब लोकसभा चुनाव खत्म होते हैं, तो विधानसभा चुनाव आते हैं। हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव हो चुके हैं, अब दिल्ली विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। अपनी 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' योजना को आगे बढ़ाते हुए केंद्र सरकार ने सितंबर में लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के चुनाव चरणबद्ध तरीके से एक साथ कराने के लिए उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था।"

वन नेशन वन इलेक्शन की मोदी सरकार कर रही वकालात

मालूम हो कि काफी अरसे से केंद्र की मोदी 3.0 सरकार देश में चुनाव के लिए वन नेशन वन इलेक्शन की वकालत करती आई है। हालांकि, देश की वर्तमान चुनाव प्रणाली में बदलाव करना एक बड़ी चुनौती है। इसे पारित करने के लिए आम सहमति प्राप्त करनी होगी। वर्तमान चुनाव प्रणाली में 'एक राष्ट्र एक चुनाव' को लागू करने के लिए संविधान में संशोधन करना होगा। इसके लिए भी कम से कम 6 विधायक की जरूरत पड़ेगी। इसके बाद संसद में इस विधेयक को पारित करने के लिए दो-तिहाई बहुमत जुटाना होगा।

Created On :   12 Dec 2024 3:59 PM IST

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