महाराष्ट्र सियासत: 'मुझे हलके में न ले, जिसे यह समझना है, वह समझ ले', डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने किसे दी खुली चुनौती?

- मुझे हलके में न ले- डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे
- जिसे यह समझना है, वह समझ ले- एकनाथ शिंदे
- 'बाबा साहेब ठाकरे और दिघे साहेब का कार्यकर्ता हूं'
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र सीएम देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के बीच अनबन की खबरें तेज हैं। इस बीच एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को कहा कि कोई भी उन्हें हल्के में ना ले। जिसे यह समझना है, वह समझ ले। राज्य में एनडीए सरकार बनने के बाद से ही शिंदे और फडणवीस तल्खी देखने को मिली रही है।
हाल ही में बीएमसी सरकार ने भी शिंदे के 1400 करोड़ रुपये के टेंडर को खारिज कर दिया था। जिसके चलते शिंदे गुट को बड़ा झटका लगा था। इस बीच शिंदे ने अपने नए बयान में कहा कि उन्हें हलके में नहीं लिया जाना चाहिए।
'बाबा साहेब ठाकरे और दिघे साहेब का कार्यकर्ता हूं'
मीडिया से बात करते हुए एकनाथ शिंदे ने कहा- मैंने पहले ही कहा है कि जिन्होंने मुझे हलके में लिया है। मैं एक कार्यकर्ता हूं, लेकिन बाबा साहेब ठाकरे और दिघे साहेब का कार्यकर्ता हूं। यह समझकर मुझे लेना चाहिए। जब हलके में लिया तो 2022 में पलटी कर दिया सरकार को बदल दिया और आम लोगों की सरकार लेकर आई। डबल इंजन की सरकार चली और उस समय कहा था कि मैं और देवेंद्र जी 200 से ज्यादा सीटें लेकर आऊंगा और 232 सीटों पर जीत मिली। इसलिए मुझे हलके में मत लेना, यह इशारा जिसे समझना है, वह समझ ले।
गौरतलब है कि, शरद पवार की ओर से दिए गए पुरस्कार को लेकर भी शिंदे ने विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने आगे कहा- मैं काम करता रहूंगा। पवार साहब ने पुरस्कार दिया। उस पर भी कितने लोग जलने लगे। कितना जलोगे एक दिन जलकर खाक हो जाओगे। पवार साहब का भी अपमान किया, जबकि उन्होंने ही सीएम (उद्धव ठाकरे) बनाया था। साहित्यिक लोगों का भी अपमान किया। अमित शाह का भी नाम जोड़ा गया। कभी सुधरेंगे ये सब कि नहीं। जब तक जनता मेरे साथ है, मुझे चिंता नहीं है।
बता दें कि, शिवसेना नेता संजय राउत ने शरद पवार की ओर से शिंदे को पुरस्कार दिए जाने की आलोचना की थी। वहीं, आदित्य ठाकरे दिल्ली दौरे के दौरान राहुल गांधी और केजरीवाल से मुलाकात की। हालांकि, इस दौरान उद्धव ठाकरे ने शरद पवार से दूरी बनाए रखी थी।
Created On :   21 Feb 2025 7:57 PM IST