मानहानि मामला: राहुल गांधी की राह आसान नहीं, '2024' के चुनाव लड़ने के लिए बेलने पड़ सकते हैं पापड़, अब बचे हैं कितने विकल्प?
- गुजरात हाईकोर्ट से राहुल को तगड़ा झटका
- लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए राहुल के पास दो विकल्प
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गुजरात हाईकोर्ट से कांग्रेस नेता राहुल गांधी को जोरदार झटका लगा है। सियासी गलियारों में कांग्रेस नेता को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं कि क्या राहुल गांधी साल 2024 के लोकसभा चुनाव में सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ उतर पाएंगे, आम चुनाव में राहुल चुनाव लड़ पाएंगे। मोदी सरनेम मामला राहुल गांधी के लिए बड़ा मुसीबत बना है। पहले सूरत सेंशस कोर्ट से झटका फिर गुजरात हाईकोर्ट ने सजा पर रोक लगाने से साफ मना कर दिया।
राजनीतिक विश्लेषकों और सियासतदानों के बीच राहुल के चुनाव लड़ने को लेकर सरगर्मियां बढ़ गई है। विश्लेषकों का कहना है कि, अदालत से ताजा झटका मिलने के बाद राहुल के सियासी करियर पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। लेकिन उनके समर्थन में लोग सहानुभूती भी व्यक्त कर रहे हैं। हालांकि, सवाल अब भी वहीं बना हुआ है कि गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के बाद राहुल चुनाव लड़ पाएंगे या नहीं?
चुनाव लड़ सकते हैं अगर...
राहुल गांधी आगे चुनाव लड़ सकते हैं लेकिन ये राहें कांटों भरा होने वाला है। गुजरात हाईकोर्ट से झटका मिलने के बाद राहुल गांधी अपने लीगल टीम के साथ सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं। जहां वो सूरत की दोनों निचली अदालतों और हाईकोर्ट के फैसले को चैलेंज कर सकते हैं। अगर सुप्रीम कोर्ट राहुल के पक्ष में फैसला सुना देता है तो वो आराम से साल 2024 के लोकसभा चुनाव में खड़े हो सकते हैं।
गुजरात हाईकोर्ट ने क्या कहा?
मोदी सरनेम मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने कहा कि, वे अस्तित्वहीन आधार पर राहत पाने की कोशिश कर रहे हैं। निचली अदालत की ओर से सुनाई गई याचिका पर रोक लगाना कोई नियम नहीं है। ये महज एक अपवाद है जिसका सहारा रेयर केस में लिया जाना चाहिए। हाईकोर्ट ने वीर सावरकर के पोते की ओर से दर्ज कराए गए मामले का भी जिक्र करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ करीब 10 आपराधिक मामले दर्ज हैं। सजा पर रोक नहीं लगी तो ये राहुल गांधी के साथ अन्याय नहीं होगा। कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा कि, राहुल की तरफ से निर्दोष होने के लिए कोई ठोस प्रमाण नहीं दिया गया है।
राहुल के पास दो विकल्प
गुजरात हाईकोर्ट के फैसले को देखे तो साफ है कि राहुल गांधी फिलहाल किसी चुनाव को लड़ नहीं सकते, जो राहुल के लिए सियासी तौर पर बड़ा झटका माना जा रहा है। अगर यहीं फैसला राहुल गांधी के पक्ष में आता तो वो आज से ही चुनाव लड़ने के योग्य हो जाते। साथ ही खोई हुई सदस्यता वापस बहाल भी हो जाती। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद राहुल गांधी के पास अभी दो रास्ते हैं। पहला वो गुजरात हाईकोर्ट में ही डबल बेंच के पास पुनः इस फैसले की चुनौती दें। दूसरा की अदालत के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दें, ताकि साल 2024 के चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो सके।
क्या है मामला?
साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी कर्नाटक के दौरे पर गए हुए थे। जहां पर उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि मोदी सरनेम वाले चोर ही क्यों होते हैं? गांधी के इस बयान पर गुजरात बीजेपी नेता पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का केस दायर कर दिया। जिसके बाद राहुल गांधी को सूरत के एक निचली अदालत ने दोषी करार दिया और उन्हें दो साल की सजा सुनाई थी। जिसके बाद से ही राहुल गांधी मुश्किल में पड़े हुए हैं।
Created On :   7 July 2023 9:32 AM GMT