'दिल्ली सेवा बिल' लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी हुआ पास, समर्थन में पड़े 131 वोट, केजरीवाल का आया रियक्शन

  • 'दिल्ली सेवा बिल' पर राज्यसभा में चर्चा जारी
  • अमित शाह ने विपक्ष पर बोला हमला

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राज्यसभा से 'दिल्ली सेवा बिल' पास हो गया है। बिल के समर्थन में 131 वोट पड़े हैं। वहीं, बिल के विरोध में 102 वोट पड़े हैं। हालांकि, मशीन में तकनीकी खामी के चलते यह वोटिंग स्लिप के जरिए हुई है। लेकिन जीत आखिरकार केंद्र सरकार के पक्ष में रहा। वोटिंग के दौरान विपक्ष को 3 वोट कम मिले, वहीं एनडीए को उम्मीद से 10 वोट ज्यादा मिला है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार यानी 7 अगस्त को राज्यसभा में दिल्ली अध्यादेश पेश किया। जिसे लेकर विपक्षी दलों ने पहले से ही काफी तैयारी की हुई है। बीते दिन यानी रविवार (6 अगस्त) को आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस ने अपने-अपने सांसदों को सदन में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी किया था। भाजपा पहले ही अपने सभी सांसदों को सदन में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी कर चुकी है। दिल्ली अध्यादेश पर केंद्र की मोदी और दिल्ली की आप सरकार में पिछले कई दिनों से ठनी हुई है।

राज्यसभा में पेश करने से पहले 3 अगस्त को इस विधेयक को लोकसभा में भारी ध्वनि मत से पारित किया जा चुका है। जब ये अध्यादेश लोकसभा में लाया गया था तब इंडिया (I.N.D.I.A) गठबंधन के सांसदों ने सदन से वॉकआउट किया था। इसी को देखते हुए आज और कल यानी 7 और 8 को आम आदमी पार्टी ने अपने सभी राज्यसभा सांसदों को संसद में रहने के लिए व्हिप जारी किया है। दिल्ली सेवा बिल पर राज्यसभा में चर्चा हो रही है। विपक्ष की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि, ये बिल संविधान के खिलाफ है। केंद्र सरकार दिल्ली का सुपर सीएम बनने की कोशिश कर रही है।

बिल पास होने के बाद केजरीवाल का रियक्शन

राज्यसभा से दिल्ली सेवा बिल पास होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, "इससे साफ जाहिर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह रहे हैं के मैं सुप्रीम कोर्ट को नहीं मानता। दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी को जिताकर साफ कहा है कि दिल्ली में दख़लंदाज़ी मत करना लेकिन मोदी जी जनता की बात नहीं सुनना चाहते हैं। संसद में अमित शाह जी ने कहा कि हमारे पास कानून पारित करने की शक्ति है। आपको लोगों के लिए काम करने की शक्ति दी गई है, उनके अधिकार छीनने की नहीं।मैं जो भी करता हूं दिल्ली की जनता उसमें मेरा समर्थन करती है और उन्होंने मुझे चुनाव में जीत दिलाकर अपना समर्थन दिखाया है। भाजपा सिर्फ हमारे अच्छे काम को रोकने की कोशिश कर रही है। वे विकास कार्य में बाधा डाल रहे हैं। वे मुझे काम करने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं। इस बार जनता उन्हें कोई भी सीट नहीं जीतने देगी

दिल्ली सेवा बिल पर वोटिंग जारी

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) विधेयक, 2023 पर ध्वनि मत चल रहा है, इधर, विपक्ष ने मांगा मत विभाजन है।

राज्यसभा में चर्चा जारी

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, " दो सदस्य (बीजद सांसद सस्मित पात्रा और भाजपा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी) कह रहे हैं कि उन्होंने AAP सांसद राघव चड्ढा द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव (चयन समिति का हिस्सा बनने के लिए) पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। अब यह जांच का विषय है कि प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कैसे हो गए।"

मणिपुर पर चर्चा के तैयार हूं - अमित शाह

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, "मैं मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार हूं...हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है। आप (विपक्ष) ही हैं जिनके पास छिपाने के लिए कुछ है कि आप चर्चा नहीं होने दे रहे हैं। अगर खरगे जी 11 अगस्त को चर्चा के लिए हां कहते हैं, तो मैं भी इसके लिए तैयार हूं। कांग्रेस के विरोध के बाद आम आदमी पार्टी का जन्म हुआ। उन्होंने (AAP) कांग्रेस के खिलाफ लगभग तीन टन आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया और अस्तित्व में आए और आज वे इस बिल के विरोध में कांग्रेस से समर्थन मांग रहे हैं। जिस वक्त यह बिल पास होगा, अरविंद केजरीवाल जी पलट जाएंगे, ठेंगा दिखाएंगे और कुछ नहीं होने वाला।"

दिल्ली सेवा बिल पर अमित शाह का बयान

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, "उन्होंने (AAP सरकार) सतर्कता विभाग में अधिकारियों का तबादला कर दिया क्योंकि 'आबकारी घोटाले' से संबंधित फाइलें वहां पड़ी थीं।"

राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र शासन (विधेयक) 2023 की राज्यसभा में चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "इस बिल का उद्देश्य दिल्ली में सुचारू रूप से भ्रष्टाचार मुक्त शासन हो। बिल के एक भी प्रावधान से, पहले जो व्यवस्था थी, उस व्यवस्था में एक इंच मात्र भी परिवर्तन नहीं हो रहा है।कई बार केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तो दिल्ली में भाजपा की सरकार थी, कई बार केंद्र में भाजपा की सरकार थी तो दिल्ली में कांग्रेस की, उस समय ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर कभी झगड़ा नहीं हुआ। उस समय इसी व्यवस्था से निर्णय होते थे और किसी मुख्यमंत्री को दिक्कत नहीं हुई... कई सदस्यों द्वारा बताया गया कि केंद्र को शक्ति हाथ में लेनी है। हमें शक्ति लेने की जरूरत नहीं क्योंकि 130 करोड़ की जनता ने हमें शक्ति दी हुई है।यह बिल हम शक्ति को केंद्र में लाने के लिए नहीं बल्कि केंद्र को दी हुई शक्ति पर दिल्ली UT की सरकार अतिक्रमण करती है, इसको वैधानिक रूप से रोकने के लिए यह बिल लेकर लाए हैं। संविधान सभा में सबसे पहला संविधान संशोधन पारित किया गया था। तब से संविधान को बदलने की प्रक्रिया चल रही है। हम संविधान में बदलाव आपातकाल डालने के लिए नहीं लाए हैं। हम संविधान में बदलाव उस समय की तत्कालीन प्रधानमंत्री की सदस्यता को पुनर्जीवित करने के लिए नहीं लाए हैं।"

राज्यसभा में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह दिखे

दिल्ली बिल पर 'आप' नेता ने क्या कहा?

दिल्ली सेवा बिल पर आप सांसद राघव चड्डा ने कहा मैं दिल्ली के तीन करोड़ लोगों की तरफ से नहीं, देश के 135 करोड़ लोगों की तरफ से बोलने के लिए खड़ा हुआ हूं।आज से पहले शायद ही कभी असंवैधानिक, गैर कानूनी कागज का टुकड़ा बिल के माध्यम से सदन में लाया गया होगा। उन्होंने आगे कहा कि, बीजेपी ने अटजी और लाल कृष्ण आडवाणी की दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने की 40 साल की मेहनत को मिट्टी में मिला दिया है।

Created On :   7 Aug 2023 9:23 PM IST

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