लगातार दो चुनाव में हार: इंडिया गठबंधन में दरार, ममता ने लीडरशिप पर ठोका दावा, सपा का समर्थन, कांग्रेस ने किया विरोध
- ममता ने इंडी गठबंधन की लीडरशिप पर ठोका दावा
- कांग्रेस ने सीएम ममता के दावे का किया विरोध
- सपा ने सीएम ममता के दावे का किया समर्थन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए विपक्ष की ओर से बनाई गई इंडिया गठबंधन में अब दरार आने लगी है। तृणमूल कांग्रेस नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गठबंधन की लीडरशिप पर अपना दावा ठोका है। जिसके बाद सपा ने भी ममता के दावे का समर्थन किया है। वहीं, राष्ट्रीय जनता दल ने लालू यादव को इस गठबंधन का निर्माता बताया है। हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वह इंडिया गठबंधन की कमान संभलाने के लिए तैयार हैं। जिसके बाद गठबंधन के सहयोगी दल कांग्रेस ने इस बात पर असहमति जताई।
कांग्रेस ने किया विरोध
इंडिया टूडे रिपोर्ट के मुताबिक, इंडिया गठबंधन के प्रमुख दल कांग्रेस ने ममता के दावे पर असहमित जताई है। कांग्रेस ने साफ कहा है कि गठबंधन का नेतृत्व सामूहिक सहमति से तय किया जाएगा। किसी एकतरफा घोषणा से नहीं। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि गठबंधन का नेतृत्व एक सामूहिक निर्णय से होना चाहिए। यह मामला सभी सहयोगियों की सहमति से तय किया जाएगा।
ममता के बयान पर सपा का समर्थन
वहीं, समाजवादी पार्टी ने ममता बनर्जी के नेतृत्व को खुलकर समर्थन किया है। समाजवादी पार्टी ने कहा कि ममता बनर्जी अपने नेतृत्व कौशल से हरियाणा और महाराष्ट्र में लगातार चुनावी हार के बाद इंडिया गठबंधन को मजबूत करेंगी। इंडिया टूडे की रिपोर्ट के मुताबिक, सपा प्रवक्ता उदयवीर सिंह ने कहा- अगर ममता बनर्जी ने ऐसी इच्छा जाहिर की हैं तो इंडिया ब्लॉक के नेताओं को उसपर विचार करना चाहिए। उनका सहयोग लेना चाहिए। इससे इंडिया गठबंधन मजबूत होगा। ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में बीजेपी को रोकने का काम किया। वहीं, ममता बनर्जी और उनकी पार्टी के प्रति हमारा 100 फीसदी समर्थन है।
आरजेडी की अलग राय
इधर, आरेजडी ने लालू यादव को गठबंधन का असली निर्माता बनाया है। राजद प्रवक्ता ने कहा कि इंडिया गठबंधन किसी एक व्यक्ति की महत्वाकांक्षा नहीं होनी चाहिए। बल्कि सामूहिक ताकत के आधार पर आधारित होना चाहिए। लालू यादव ने गठबंधन की नींव रखी थी और उनकी दृष्टि ही आगे ले जाएगी।
सपा और ममता बनर्जी के बयान से साफ हो गया है कि अगर समस्या का हल नहीं निकाला गया तो सभी दलों को इंडिया गठबंधन में एक साथ रहना काफी चुनौतीपूर्ण होगा। अब तक इंडिया गठबंधन ने ईवीएम के छोड़छाड़ को लेकर मिलकर आवाज उठाई है। लेकिन अब लीडरशिप को लेकर उठाए आवाज से इंडिया गठबंधन के कमजोर होने के संकेत मिल रहे हैं।
Created On :   7 Dec 2024 5:14 PM IST