नफरती भाषण में सजा पाई और विधायकी खोई, बरी होने के बाद क्या होगा आजम का भविष्य?
- नफरती भाषण मामले में बरी आजम खां
- सदस्यता हो चुकी है समाप्त
- उपचुनाव में बीजेपी की हुई जीत
- विधायक आकाश सक्सेना ले चुके है शपथ
- कोर्ट ने आजम को किया बरी
- अभी अन्य मामले में पा चुके है सजा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नफरती भाषण मामले में सजा पाने और सदस्यता खोने के बाद समाजवादी पार्टी नेता आजम खान को अब कोर्ट ने बरी कर दिया है। अब सबसे बड़ा सवाल ये सामने आ रहा है कि बरी होने के बाद उनकी सदस्यता का क्या होगा ? जबकि आजम खान की सदस्यता खत्म होने से खाली सीट पर हुए उपचुनाव में जीतकर विधायक शपथ ले चुके है।
संवैधानिक व न्यायिक दोनों ही नजरिए से ये सवाल सबसे खास है। सवाल ये है कि जब नया विधायक निर्वाचित होकर शपथ ले चुका है, तो आजम की समाप्त हुई सदस्यता बहाल कैसे होगी? आगे अन्य मामलों में भी ऐसी स्थिति बन सकती है, तब क्या होगा? संविधान और कानून के जानकारों का मानना है कि इस मामले में टॉप कोर्ट को नए सिरे से स्पष्ट दिशानिर्देश जारी करने चाहिए।
आपको बता दें समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक आजम खान को नफरती भाषण देने के मामलेनफरती में एमपी-एमएलए कोर्ट ने 27 अक्तूबर 2022 को तीन वर्ष की सजा सुनाई थी। जिसके चलते उनकी सदस्यता समाप्त हो गई थी। सदस्यता खत्म होने के बाद रामपुर सीट पर उपचुनाव हुआ, जिसमें बीजेपी के आकाश सक्सेना विधायक निर्वाचित हो गए। आकाश शपथ भी ले चुके हैं। अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि जिस मामले में दोषी होने पर सदस्यता रद्द हो सकती है, उसमें बरी होने पर बहाल कैसे हो?
आजम का मामला
- नफरती भाषण
-27 अक्तूबर 2022 को सदस्यता रद्द
-5 दिसंबर 2022 को हुआ उप चुनाव
- 8 दिसंबर की मतगणना में रामपुर सीट पर बीजेपी के आकाश सक्सेना जीते
- 24 मई को आजम खां बरी
अमर उजाला के मुताबिक छजलैट प्रकरण में भी मुरादाबाद की कोर्ट से आजम खान को दो वर्ष की सजा हुई थी, जिसके चलते उनकी सदस्यता अभी बहाल नहीं पाएगी। लेकिन भविष्य में यदि फिर किसी जनप्रतिनिधि के साथ ऐसा मामला सामने आया तब संकट पैदा हो सकते है।
Created On :   25 May 2023 9:50 AM IST