मध्यप्रदेश सियासत: जहां रुकने से कतराते थे सियासी दिग्गज वहां सीएम मोहन यादव ने बिताई पूरी रात, तोड़ा वर्षों पुराना मिथक, बोले - बाबा महाकाल तो पूरे ब्रह्मांड के राजा और हम उनके बच्चे
- मोहन यादव ने तोड़ी वर्षों पुरानी परंपरा
- उज्जैन में गुजारी रात
- ज्योतिषियों ने कहीं ये बातें
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद मोहन यादव पहली बार अपने गृह नगर उज्जैन में रुके। इसी के साथ उन्होंने वर्षों पुराने उस मिथक को तोड़ा जिसके मुताबिक कोई शासक महाकाल की नगरी में रात में नहीं रुक सकता। दरअसल, उज्जैन के बारे में कहा जाता है कि यहां कोई शासक यानी कोई प्रधानमंत्री या फिर मुख्यमंत्री रात्रि विश्राम नहीं कर सकता, यदि वो रुका तो उसकी कुर्सी चली जाती है।
इसके विपरीत मोहन यादव 16 दिसंबर(शनिवार) को उज्जैन की गीता कॉलोनी स्थित घर में रुके। उन्होंने शनिवार रात को ही उज्जैन में आयोजित एक जनसभा में रात में न रुकने वाली कहानी के पीछे का कारण भी बताया। उन्होंने कहा, 'इस मिथक को तत्कालीन राजा महाद जी सिंधिया के निधन के बाद दौलत राव सिंधिया राजधानी को उज्जैन से ग्वालियर ले जाना चाहते थे। 1812 में वे राजधानी तो ले ही गए, धीरे से एक मंत्र फूंक गए कि यहां कोई राजा रात को नहीं रहेगा, जिससे कोई कब्जा करने नहीं आए। यह उनकी राजनीतिक रणनीति थी।'
महाकाल पूरे ब्रह्मांड के राजा
सीएम ने आगे कहा, 'अब हम भी कहते हैं कि राजा रात्रि में नहीं ठहरेगा। अरे, राजा तो बाबा महाकाल हैं, हम सभी तो उनके पुत्र हैं, फिर क्यों नहीं ठहरेंगे रात में? ब्रह्मांड में कोई बच सकता है यदि बाबा महाकाल ने टेढ़ी निगाह करली तो? मुझसे प्रधानमंत्री मोदी जी ने कहा था कि बनारस मैं संभालता हूं, मोहन जी आप उज्जैन संभालो। मैं मुख्यमंत्री नहीं, मुख्य सेवक हूं।'
ज्योतिषियों की राय
हालांकि इस मिथक को लेकर ज्योतिषियों की अलग-अलग राय है। कुछ का कहना है कि मोहन यादव महाकाल के आशीर्वाद से ही सीएम के पद पर पहुंचे हैं। ऐसे में उनका यहां रात में रुकना उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा। वहीं कुछ ज्योतिषी ऐसे भी हैं जिनका मानना है कि सीएम मोहन यादव को वर्षों से चली आ रही इस परंपरा का निर्वाहन करना चाहिए।
बता दें कि बीजेपी आलाकमान ने जब मोहन यादव का नाम सीएम पद के लिए चुना तो नई बहस शुरु हो गई थी। तब प्रदेश कांग्रेस की मीडिया विंग के चैयरमैन ने की ओर से सवाल उठाया गया था कि, अब कोई सनातनी ये बताएगा कि बाबा महाकाल की नगरी में अब दो राजा कैसे रहेंगे?
Created On :   17 Dec 2023 3:29 PM IST