कमलनाथ के करीबी दीपक सक्सेना ने थामा बीजेपी का हाथ: सीएम डॉ. मोहन यादव ने दिलाई सदस्यता, कमलनाथ को लेकर कही ये बात
- दीपक सक्सेना ने थामा बीजेपी का हाथ
- 22 मार्च को दिया था कांग्रेस से इस्तीफा
- बेटे अजय सक्सेना भी हो चुके हैं बीजेपी में शामिल
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के कई नेता एक के बाद एक पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम रहे हैं। इस फेहरिस्त में नया नाम कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ के करीबी और पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना का है। उन्होंने शुक्रवार की रात अपने समर्थकों के साथ बीजेपी जॉइन की। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उन्हें प्रदेश कार्यालय में पार्टी की सदस्यता दिलाई। उन्होंने भाजपा का दुपट्टा पहनाकर उन्हें बीजेपी में शामिल कराया।
मोदी जी के काम से प्रभावित होकर लिया फैसला
इस मौके पर दीपक सक्सेना ने कहा कि वह बीजेपी की नीतियों, पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम मोहन यादव के काम और बीजेपी की सरकार जो देश में विकास के काम कर रही है उससे प्रभावित होकर बीजेपी में सम्मिलित हुआ हूं। वहीं कमलनाथ को लेकर उन्होंने कहा, 'मैं 44 साल से कमलनाथ का सिपाही रहा हूं। ना उनसे कोई नाराजगी है। ना ही उनके सम्मान में कोई कमी है। अभी जो व्यवस्था वहां लोकल में चल रही है। उसमें मैं अपने आप को फिट नहीं पाता हूं।' बता दें कि इससे पहले दीपक सक्सेना के बेटे अजय सक्सेना ने 22 मार्च को कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया था। इसी दिन दीपक सक्सेना ने भी कांग्रेस से अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। तब से ही कयास लगाए जा रहे थे कि वे जल्द ही बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।
ये आत्मसम्मान की लड़ाई - दीपक सक्सेना
इस मौके पर अजय सक्सेना ने कहा था, 'यह आत्मसम्मान की लड़ाई है। 6 साल से छिंदवाड़ा में नकुलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस दिशाहीन होती जा रही है। पिता ने 45 साल कमलनाथ की सेवा की। कमलनाथ हमारे लिए सर्वमान्य थे, हैं और रहेंगे, मेरे लिए वे पिता तुल्य हैं, लेकिन 6 साल से पिता का अपमान हो रहा है, कार्यकर्ताओं को उपेक्षित रखा जा रहा है, इसी कारण यह कदम उठाना पड़ रहा है।'
वहीं दीपक सक्सेना को बीजेपी की सदस्यता दिलाने के बाद सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि दीपक जहां जलता है वहां अंधेरा हटता है। उन्होंने कहा कि पहले कहा जाता था कि छिंदवाडा हमारी वजह से चलता है लेकिन मैं बधाई देना चाहता हूं दीपक जी और उनके साथ महापौर व कमलेश शाह को। जिन्होंने छिंदवाड़ा का गौरव बढ़ाया। छिंदवाड़ा में लोकतंत्र को अपमानित करने का काम हुआ है।
Created On :   6 April 2024 12:32 AM IST