'दुल्हन दिलाइए, वोट ले जाइए', कर्नाटक चुनाव से पहले उम्मीदवारों ने मतदाताओं से किए अजीबो-गरीब वादे, मेनिफेस्टो में भी कई नेता ने इस मुद्दों को किया शामिल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक में नेताओं द्वारा युवकों की शादी कराने का मुद्दा भी इन दिनों खूब सुर्खियों में है। कर्नाटक चुनाव में जहां एक ओर पार्टियां भ्रष्टाचार, रोजगार, मंहगाई और असमानता जैसे चुनावी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर चुनावी हुंकार भरने का काम कर रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ इन गहन मुद्दों की बजाय कुछ उम्मीदवारों ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में "दुल्हन संकट" यानी जिन युवकों की शादी किसी वजह से नहीं हो पा रही है, तो उन्हें नेता जी इस परेशानी से छुटकारा दिलाने का काम करेंगे।
न्यूज 18 कन्नड़ के मुताबिक, कर्नाटक के बेलगाम जिले के अराभावी और गोकक विधानसभा क्षेत्रों के लिए चुनाव लड़ रहे निर्दलीय उम्मीदवारों ने "वैवाहिक बैठक" आयोजित कर अविवाहित युवकों के लिए दुल्हन खोजने का वादा किया है। बता दें कि, राज्य के अरबवी सीट से निर्दलीय उम्मीदवार गुरुपुत्र केम्पन्ना कुल्लूर और गोकक सीट से चुनावी मैदान में पुंडलिका कुल्लुर ने अपने-अपने घोषणापत्र में शादी कराने के वादे को शामिल कर एक नया चुनावी दांव खेलने का काम किया है। स्थानीय रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक, इन दोनों निर्दलीय उम्मीदवारों की ओर से शादी कराने का वादा करने के बाद कुछ अन्य क्षेत्रों की जनता ने इसी तरह के आश्वासन की मांग कर दी है।
राज्य के प्रमुख दल ने किया ऐसा वादा
राज्य में केवल निर्दलीय नेता ही नहीं, बल्कि कर्नाटक की एक प्रमुख राजनीतिक पार्टी जनता दल (सेक्युलर) यानी जेडीएस ने भी आगामी चुनावों में एक अजीब लेकिन बेहतर वादा किया है। जेडीएस नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने इस साल अप्रैल में घोषणा की थी कि उनकी पार्टी किसानों के बेटों से शादी करने वाली लड़कियों को 2 लाख रुपये देगी।
गौरतलब है कि, कुमारस्वामी ने अपने चुनावी रैली संबोधन के दौरान कहा था कि उन्हें जानकारी दी गई है कि लड़कियां किसानों के बेटों से शादी करने के लिए राजी नहीं होती है। जिसके बाद उन्होंने कहा कि किसानों के लड़कों से शादी करने के लिए लड़कियों को 2 लाख रुपये दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने भाषण के दौरान कहा था कि यह कार्यक्रमों उन कार्यक्रमों में से एक है जो किसानों की सुरक्षा के लिए शुरू किया जाएगा।
क्षेत्र में निकाला गया "बैचलर मार्च"
खबर है कि, कर्नाटक की कई गांवों की लड़कियां युवा किसानों से शादी करने के लिए तैयार नहीं है। एक रिपोर्ट के अनुसार, इन गांवों के माता-पिता में भी अपनी बेटियों की शादी किसानों के परिवार में करने में दिलचस्पी नहीं रखते हैं। इन क्षेत्रों का आलम इस कदर है कि शादियां कराने वाले पहले ही हार मान लेते है कि जिसकी शादी वह करवाने वाले हैं वह पेशे से किसान हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नाटक के पुराने मैसूर क्षेत्र में 200 से अधिक अविवाहित पुरुष हैं। यहां के लोगों का कहना है कि आस-पास के गांवों की लड़कियां सरकारी नौकरी करने वाले लड़कों से शादी करना चाहती है।
यहां पर शादी का मुद्दा जोरों-शोरों पर है। यहीं वजह है कि यहां के नेता भी इस मुद्दों को उठाकर लोगों को आश्वासन देने का काम कर रहे हैं। साथ ही नेतागण इस समस्या का हल निकालने में लगे हुए हैं। इसी साल फरवरी की ही बात है जब केएम शिवप्रसाद ने "बैचलर मार्च" का आयोजन किया था। इस दौरान शिवप्रसाद ने कहा कि मद्दुर में रहने वाली लड़कियों के माता-पिता को लगता है कि एक किसान की आमदनी लगातार नहीं हो सकती है। न्यूज 18 से बातचीत के दौरान शिवप्रसाद ने बताया कि यहां के परिवारों को लगता है कि उनकी बेटियों की शादी शहर के पुरुषों से कर दी जाएगी, तो इससे उनका भविष्य सुरक्षित हो जाएगा।
Created On :   9 May 2023 12:10 AM IST