लोकसभा चुनाव 2024: कमलनाथ के गढ़ में कांग्रेस नेताओं को अपने पाले में करने में जुटी बीजेपी, समझें सियासी रणनीति

कमलनाथ के गढ़ में कांग्रेस नेताओं को अपने पाले में करने में जुटी बीजेपी, समझें सियासी रणनीति
  • छिंदवाड़ा सीट पर बीजेपी के दिग्गज नेता लगातार कर रहे हैं दौरा
  • रणनीति के जरिए छिंदवाड़ा पर काम कर रही है बीजेपी
  • विवेक बंटी साहू इस बार के चुनाव में बीजेपी से हैं उम्मीदवार

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में बीजेपी की नजर छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर है। पिछले चुनाव में मोदी लहर होने के बावजूद भी इस सीट पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में इस बार के भी लोकसभा चुनाव में बीजेपी का पूरा फोकस छिंदवाड़ा सीट पर बना हुआ है। बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव और मोहन सरकार में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय लगातार छिंदवाड़ा सीट पर नजर बनाए हुए हैं।

बीजेपी ने इस चुनाव में देश की 156 सीटों को चिन्हित किया है, जहां पर पार्टी की पकड़ कमजोर है। साथ ही, इन सीटों पर बीजेपी लंबे समय से जीत हासिल नहीं कर पाई है। इन सीटों में मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा सीट शामिल है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी मध्य प्रदेश की कुल 29 लोकसभा सीटों में से 28 सीटों पर जीत हासिल की थी। हालांकि, इस चुनाव में बीजेपी केवल राज्य की छिंदवाड़ा सीट नहीं जीत पाई थी।

लेकिन, इस दौरान बीजेपी के लिए छिंदवाड़ा सीट पर अच्छी बात यह रही कि उसने इस चुनाव में हार जीत के अंतर को कम कर दिया था। पिछले आम चुनाव में बीजेपी ने आदिवासी नेता नत्थन शाह को टिकट दिया था। वहीं, कांग्रेस की ओर से कमलनाथ के बेटे नुकलनाथ चुनाव मैदान में थे। जिसमें नत्थन शाह को 37 हजार 536 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। जिसके चलते बीजेपी को जीत का बल मिला है। क्योंकि, इस चुनाव में बीजेपी हार जीत के फासले को कम करने में सफल रही।

बीजेपी की कोशिश जारी

इस बार के चुनाव में बीजेपी ने इस सीट से विवेक बंटी साहू को टिकट दिया है। वहीं, कांग्रेस की ओर से एक बार फिर नकुलनाथ चुनाव मैदान में हैं। दोनों नेताओं के बीच कड़ी टक्कर मानी जा रही है। भले कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ का राजनीतिक कद अभी विवेक बंटी साहू से बड़ा लग रहा हो। लेकिन बीजेपी नेता बंटी साहू को भी पार्टी के दिग्गज नेताओं से सहयोग मिल रहा है। जिसे मुकाबला टक्कर का हो गया है। राज्य के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय और राज्य के मौजूदा सीएम मोहन यादव की भी नजर छिंदवाड़ा सीट पर लगी हुई है। ये सभी नेता खुद छिंदवाड़ा में दौरे कर रहे हैं। साथ ही, वहां के स्थानीय कार्यकर्ताओं की रणनीति का भी जायजा ले रहे हैं।

बता दें कि, देश में इमरजेंसी के बाद साल 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस छिंदवाड़ा सीट को बचा ले गई थी। यह चुनाव कई मायने में खास था। क्योंकि, इस चुनाव में इंदिरा गांधी और उनके बेटे संजय गांधी के अलावा पार्टी के कई दिग्गज नेताओं को हार सामना करना पड़ा था। लेकिन, इस दौरान भी बीजेपी मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा सीट को जीतने में विफल रही थी।

बीजेपी की रणनीति

छिंदवाड़ा में बीजेपी प्लान-B के जरिए कमलनाथ-नकुलनाथ के करीबी नेताओं को धीरे-धीरे अपने पाले में करती जा रही है। लोकसभा चुनाव होने से पहले बीजेपी ने कमलनाथ और नकुलनाथ के सबसे करीबी नेताओं में से चौरई से पूर्व विधायक गंभीर सिंह, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव अजय ठाकुर, प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता सैयद जाफर, राष्ट्रीय तेली साहू महासंगठन के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष प्रकाश साहू, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अशोक साहू, राष्ट्रीय संगठन मंत्री गिरीश साहू, नगर अध्यक्ष सोनू साहू, युवा जिलाध्यक्ष दीपक साहू, पांढुर्णा नगर पालिका अध्यक्ष संदीप घाटोडे, जिला उपाध्यक्ष सतीश मिश्रा, हर्रई जनपद अध्यक्ष कंचना उइके, नगर पालिका चौरई नेता प्रतिपक्ष अर्जुन रघुवंशी सहित छिंदवाड़ा के सात पार्षद व अन्य नेताओं को अपने पाले में शामिल कर लिया है। ऐसे में अब ये सभी नेता छिंदवाड़ा सीट पर बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं। जिससे माना जा रहा है कि चुनावी नतीजे में प्रभाव देखने को मिलेगा।

1980 से कमलनाथ का अभेद किला है छिंदवाड़ा

छिंदवाड़ा लोकसभा सीट साल 1952 से कांग्रेस के कब्जे में रही है। साल 1980 के दौरान इस सीट पर (एक साल छोड़कर) कमलनाथ परिवार का कब्जा रहा है। इस सीट से कमलनाथ के अलावा उनकी पत्नी अलका नाथ और उनके बेटे नकुलनाथ सांसद चुने गए हैं। मौजूदा समय में इस सीट पर कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ सांसद हैं। इस बार भी पार्टी ने उन पर भरोसा जताया है।

Created On :   21 March 2024 1:34 PM GMT

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