लोकसभा चुनाव 2024: भाजपा ने चुनाव आयोग के सामने रखी बुर्के वाली वोटर्स की खास जांच की मांग, एआईएमआईएम चीफ ओवैसी ने की आलोचना
- भाजपा ने ईसी के सामने रखी विशेष मांग
- बुर्के वाली वोटर्स की हो खास जांच
- असदुद्दीन ओवैसी ने की आलोचना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के छठे चरण की वोटिंग शनिवार 25 मई को होनी है। छठे चरण की वोटिंग से पहले दिल्ली में बुर्के को लेकर बहस छिड़ गई है। दरअसल, भाजपा ने चुनाव आयोग से बुर्के में मतदान करने आने वाली महिलाओं की खास जांच की मांग की है। इसे लेकर राजनीतिक गलियारे में हलचल बढ़ गई है। एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी भाजपा पर काफी भड़क गए हैं। उन्होंने भाजपा पर मुस्लिम महिलाओं को परेशान करने का आरोप लगाया है। ओवैसी ने भाजपा के इस मांग का विरोध करते हुए कहा कि जब पहले से बुर्के और घूंघट में होने पर चुनाव आयोग ने जांच के नियम बनाए हैं तो भाजपा ऐसी मांग क्यों कर रही है।
दरअसल, बुधवार को बीजेपी विधायक अजय महावार, मोहन सिंह बिष्ट, राज्य सचिव किशन शर्मा और वकील नीरज गुप्ता के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग को जाकर एक ज्ञापन सौंपा था। बीजेपी ने ज्ञापन में चुनाव आयोग से 25 मई को मतदान केंद्र पर बुर्के में चेहरा ढककर आई महिलाओं की स्पेशल जांच की मांग रखी है। महावर ने कहा कि जो महिलाएं बुर्के में या चेहरा ढंककर आएंगी उनके सही सत्यापन के बाद ही वोटिंग की इजाजत दी जाए। उन्होंने इसके लिए महिला अधिकारियों को जांच करने के लिए नियुक्त करने की मांग रखी है।
बोगस वोटिंग रोकने के लिए की मांग
भाजपा ने आशंका जाहिर की है कि चेहरा छिपाकर बोगस वोटिंग की कोशिश हो सकती है। भाजपा ने इसे रोकने के लिए चुनाव आयोग से हर मतदान केंद्र पर पर्याप्त संख्या में महिला मतदान कर्मियों और महिला सुरक्षाकर्मियों को तैनात करने की मांग की है। भाजपा ने कहा कि बड़ी तादाद में महिलाएं चेहरा छिपाकर मतदान करने आती हैं। इसलिए उनकी पहचान सत्यापित की जाए और बोगस वोटिंग को रोका जाए।
ओवैसी ने क्या कहा?
भाजपा के इस मांग पर एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बीजेपी की आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा की दिल्ली इकाई ने चुनाव आयोग से कहा कि बुर्के में महिलाओं की विशेष जांच होनी चाहिए। तेलंगाना में हाल के लोकसभा चुनाव के दौरान उनके उम्मीदवार ने सार्वजनिक रूप से मुस्लिम महिलाओं का अपमान किया था। भाजपा हर चुनाव में मुस्लिम महिलाओं को परेशान करने का बहाना ढूंढती है। चुनाव आयोग के पास उन महिलाओं के लिए स्पष्ट नियम हैं जो परदा रखती हैं, चाहे वह घूंघट हो बुर्का हो या मास्क, बिना जांच किए किसी को मतदान करने नहीं दिया जाता है। उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसे में भाजपा को यह खास मांग रखने की क्या जरूरत पड़ गई?
Created On :   24 May 2024 11:43 AM GMT