भास्कर एक्सक्लूसिव: BJP पर भी लग रहे हैं परिवारवाद फैलाने का आरोप, PM Modi के वंशवाद वाले बयान को मिल रही है चुनौती?
- बीजेपी में भी दिग्गज नेताओं के बेटे को मिल रहा है टिकट
- वंशवाद वाली राजनीति को मिल रही है चुनौती
- भाजपा में फैल रहे परिवारवाद की यह लिस्ट काफी लंबी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव का आगाज हो चुका है। राजनितिक दल एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहें है। बीजेपी विपक्ष पर हमेशा राजनीति में परिवारवाद फैलाने का आरोप लगाती आ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपने भाषणों में परिवारवाद ( भाई-भतीजावाद) का मुद्दा उठाते आ रहे हैं। आम चुनाव हो या उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव बीजेपी ने हमेशा परिवारवाद या भाई-भतीजावाद को लेकर विपक्ष को घेरा है। लेकिन अब इसका शिकार भाजपा खुद बनती जा रही है। चुनाव से पहले ही कई पूर्व प्रधानमंत्री और उप प्रधानमंत्री के परिवार के सदस्य बीजेपी में शामिल हुए हैं। भाजपा में फैल रहे परिवारवाद की यह लिस्ट काफी लंबी है। आज के इस आर्टिकल में हम बीजेपी में शामिल परिवारवाद को लेकर चर्चा करने वाले हैं।
नरसिम्हा राव का परिवार बन रहा भाजपा का ठिकाना
2024 में मोदी सरकार ने 4 लोगो को मरणोपरांत ‘भारत रत्न’ दिया है। इन 4 नामों में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव का नाम भी शामिल हैं। उनको 30 मार्च 2024 को मरणोपरांत ‘भारत रत्न’ मिला है। नरसिम्हा राव के बेटे प्रभाकर राव ने पिता को भारत रत्न मिलने पर प्रधानमंत्री मोदी की खुलकर तारीफ की थी। लेकिन अब खबर आ रही है कि प्रभाकर राव जल्द ही तेलंगाना में भाजपा का दामन थाम सकते हैं। हालांकि, नरसिम्हा राव के पोते एन वी सुभाष पहले से ही बीजेपी में शामिल हैं।
पूर्व PM चंद्रशेखर के बेटे नीरज हैं BJP से राज्यसभा सांसद
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को देश के लगभग सभी लोग जानते हैं। एक ऐसे प्रधानमंत्री जिनका जीवन त्याग और संघर्ष से भरा रहा। चंद्रशेखर भारत के 8वें प्रधानमंत्री थे। लेकिन इनका कार्यकाल महज एक साल का था। 10 नवंबर 1990 से 21 जून 1991 तक चंद्रशेखर ने प्रधानमंत्री का पद संभाला था। लेकिन इनके बेटे नीरज शेखर वर्तमान में बीजेपी से राज्यसभा सांसद हैं। इसके पहले नीरज समाजवादी पार्टी में थे। उसके बाद 2019 में नीरज ने भाजपा का दामन थाम लिया। वह 2007 और 2009 में बलिया से दो बार सांसद रह चुके हैं।
जयंत चौधरी हुए एनडीए का बने बड़ा चेहरा
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पोते और चौधरी अजीत सिंह के बेटे जयंत चौधरी भी हाल ही में बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए में शामिल हो गए। मौजूदा समय में राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी की पकड़ पश्चिमी यूपी में है। लेकिन कुछ दिनों पहले ही जयंत चौधरी प्रमुख विपक्षी इंडिया अलायंस को छोड़कर एनडीए में शामिल हो गए। उनका यह कदम आने वाले आम चुनावों में बीजेपी को फायदा दे सकता है। इसके साथ ही जयंत चौधरी के बीजेपी से साथ गठबंधन करने से विपक्ष को बड़ा झटका भी लगा है।
एचडी देवेगौड़ा का भी साथ एनडीए को मिला
कर्नाटक की हासन लोकसभा सीट से पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा और उनके परिवार का गढ़ माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि, उनके परिवार से जो भी यहां से चुनाव लड़ा उनको जीत ही मिली है। 2019 के लोकसभा चुनावों में उनके पोते प्रज्वल रेवन्ना हासन लोकसभा सीट से मैदान में उतरे और जीत दर्ज की। लेकिन अब एचडी देवेगौड़ा के नेतृत्व वाली जनता दल (सेक्युलर) ने 2024 के लोकसभा चुनाव में तीन सीटों पर एनडीए से गठबंधन किया है।
लाल बहादुर शास्त्री के पोते भी बीजेपी में शामिल
स्वतंत्रता सेनानी और भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री राजनीति में बहुत रूची रखते थे। इसके साथ ही उनके परिवार के कुल 9 लोगों ने भी राजनीति में अपना नाम कमाया है। उन्ही में एक हैं लाल बहादुर शास्त्री के पोते और हरि कृष्ण शास्त्री के बेटे विभाकर शास्त्री। विभाकर शास्त्री लंबे समय तक कांग्रेस के साथ रहे। लेकिन इसी साल फरवरी में कांग्रेस छोड़कर उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया। आशंका लगाई जा रही है कि हरि कृष्ण शास्त्री के छोटे बेटे सुनील शास्त्री भी भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
Created On :   30 March 2024 10:51 PM IST