राजस्थान में एससी आरक्षित विधानसभा सीटों पर बीजेपी की नजर

राजस्थान में एससी आरक्षित विधानसभा सीटों पर बीजेपी की नजर
  • राजस्थान में आरक्षित सीटों पर बीजेपी की नजर
  • राजस्थान में 59 सीटें आरक्षित
  • 34 सीट एससी ,25 सीट एसटी आरक्षित

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। राजस्थान में कुछ महीनों बाद विधानसभा चुनाव होने वाले है। चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने तैयारियां तेज कर दी है। 25 साल के चुनावी इतिहास पर गौर किया जाए तो राजस्थान में हर 5 साल बाद सत्ता परिवर्तन की परंपरा रही हैं। 1998 के बाद से हर पांच साल में बीजेपी और कांग्रेस की सरकारें बारी बारी से आती-जाती रही है। दूसरा सच यह भी है कि राजस्थान विधानसभा में एससी और एसटी के लिए आरक्षित सीटों में से अधिकतर सीटों पर बीजेपी का कब्जा रहा है। यानी रिजर्व सीटों के आंकड़े बीजेपी के पक्ष में रहे हैं। आपको बता दें 200 विधानसभा सीटों वाले राजस्थान में 59 सीटें आरक्षित है, जिनमें से 34 सीट अनुसूचित जाति और 25 सीट अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं। आगामी चुनाव में राजनीतिक दलों की नजर इन आरक्षित सीटों पर टिकी हुई है, जो इन्हें सत्ता की गद्दी पर पहुंचाएंगी।

वैसे तो अनुसूचित जाति की आबादी पूरे राज्य में फैली हुई है। लेकिन उत्तरी राजस्थान में एससी समुदाय की आबादी प्रदेश के अन्य इलाकों की तुलना में अधिक है। जिसमें गंगानगर, हनुमानगढ़ और बीकानेर जिले शामिल है। पश्चिमी और मध्य राजस्थान में भी एससी आबादी है और कई एससी आरक्षित सीटें हैं। दक्षिणी राजस्थान में उदयपुर, डुंगुरपुर और बांसवाड़ा जिलों में भी एससी वर्ग के लोग है, लेकिन इन जिलों में अनुसूचित जाति के लोगों की संख्या बहुत कम हैं। इलाके की 35 विधानसभा सीटों में से केवल दो सीटें ही अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। एक दिलचस्प मामला ये भी है कि जिस इलाके में एससी समुदाय की तादाद कम है उन इलाकों में अनुसूचित जनजाति के लोगों की संख्या अधिक है। एससी आरक्षित सीटों पर बीजेपी का दबदबा और वोट परसेंट और अधिक बढ़ा। बीजेपी एससी आरक्षित सीटों पर अपना आधार मजबूत करने में सफल रही है। मेवाड़ की कुल 28 सीटों में से 17 सीटें आरक्षित है, इलाके में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर है। आरक्षित सीटों में से सात पर बीजेपी और 6 पर कांग्रेस बाकी सीटें अन्य के खाते में है।

आगामी चुनाव में आरक्षित सीटों पर अपने वोटबैंक को बढ़ाने के लिए बीजेपी ने अपने वरिष्ठ नेताओं की बैठक करना शुरू दी है। बीजेपी इन इलाकों में रैलियां और सभाएं कराए जाने की तैयारी है। ताकि इन इलाकों में उसका पारंपरिक दबदबा कायम रहे। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अजमेर जिले में एक सभा की थी, इस महीने के अंत में भी प्रधानमंत्री सीकर जिले में एक बड़ी जनसभा करने वाले है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों के लिए मेवाड़ अहम क्षेत्र माना जा रहा है।

Created On :   23 July 2023 12:10 PM IST

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