महाराष्ट्र पॉलिटिक्स: 'NCP (शरद गुट) में फूट डाल रहे अजित पवार...' संजय राउत के दावे से सियासी उबाल, सांसदो के संपर्क वाले बयान पर दी प्रतिक्रिया
- शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत के बयान से हलचल तेज
- डिप्टी CM अजित पवार पर शरद गुट में फूट डालने का लगाया आरोप
- एनसीपी (अजित गुट) नेता के दावे पर राउत ने दिया था बयान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र में शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत के बयान से बुधवार को सियासी उबाल आ गया है। दरअसल, उन्होंने डिप्टी सीएम और एनसीपी चीफ अजित पवार पर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि अजित पवार की पार्टी महाविकास अघाड़ी के सहयोगी दल एनसीपी शरद पवार की एनसीपी में दरार डालने का प्रयास कर रही है। संजय राउत ने आरोप लगाया कि अजित पवार शरद पवार की पार्टी के सांसदों में फूट डालने की साजिश रच रही है। इसके लिए वह शरद पवार के नेताओं को केंद्रीय मंत्रिमंडल में लालच देना चाह रहे हैं।
अजित गुट के नेता ने किया था ये दावा
दरअसल, अजित पवार के नेता अमोल मिटकरी के दावे के बाद संजय राउत का यह बयान सामने आया है। अमोल मिटकरी ने शरद पवार की पार्टी के कुछ लोकसभा सांसदों के डिप्टी सीएम अजित पवार के संपर्क में होने का दावा किया था।
बता दें, एनीसपी (शरद गुट) के विधायक और पूर्व राज्य मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने आरोप लगाया था कि एनसीपी (अजित गुट) के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने शरद पवार के सांसदों को पार्टी छोड़ने के लिए कहा है। अब इन दावों पर तटकरे की प्रतिक्रिया का इंतजार है।
संजय राउत ने कहा, "वरिष्ठ एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल और तटकरे को शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट में दलबदल कराने का काम सौंपा गया है। जब तक एनसीपी शरद पवार के नेतृत्व वाले धड़े से दलबदल नहीं करवा लेती, तब तक उसे केंद्र सरकार में कोई पद नहीं मिलेगा।"
क्या साथ आएंगे शरद-अजित पवार?
इस दौरान जितेंद्र आव्हाड ने शरद और अजित पवार के साथ आने के सवाल पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "अगर एनसीपी के दोनों धड़ों को साथ आना है, तो सुनील तटकरे ने हमारे लोकसभा सदस्यों को पाला बदलने का प्रस्ताव क्यों दिया? उनका प्रस्ताव था कि 'पिता-पुत्री को छोड़ो और हमारे पास आओ'...मुझे लगता है कि तटकरे खुद नहीं चाहते कि दोनों पवार फिर से एक हो जाएं।"
दरअसल, यह बयान तटकरे ने शरद पवार और उनकी सांसद बेटी सुप्रिया सुले की ओर इशारा किया था। आव्हाड ने यह भी दावा किया कि एनसीपी के दोनों धड़ों के जल्द ही फिर से एक होने की खबरों का उद्देश्य बीजेपी की सहयोगी और जेडी(यू) प्रमुख नीतीश कुमार पर दबाव डालना है, ताकि यह संदेश दिया जा सके कि केंद्र में बीजेपी सरकार को अन्य हलकों से समर्थन मिल सकता है।
Created On :   8 Jan 2025 5:11 PM IST