बंगाल में कांग्रेस कार्यकर्ता की हत्या, सांसद अधीर रंजन चौधरी ने टीएमसी से पूछा 'टीएमसी बुलेट निर्वाचन चाहती है या बैलेट निर्वाचन?'
- पंचायत चुनाव से पहले कांग्रेस कार्यकर्ता की हत्या
- कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने राज्यपाल को लिखा पत्र
- केंद्रीय बल तैनात हो- चौधरी
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव को लेकर प्रदेश की प्रमुख पार्टियां एक दूसरे के सामने खड़ी हो गई हैं। पंचायत चुनाव पास आते ही बंगाल में खूनी हिंसा तेज हो गई है। कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता और मुर्शिदाबाद से सांसद अधीर रंजन चौधरी ने मौजूदा ममता सरकार पर हमला बोला है। चौधरी ने प्रदेश के राजयपाल को पत्र लिखकर चुनाव के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की है। दरअसल, कल यानी 9 जून को प्रदेश के मुर्शिदाबाद शहर में एक कांग्रेस कार्यकर्ता को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद से ही कांग्रेस पार्टी और बीजेपी ममता सरकार पर हमलवार हैं। तमाम दल एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। बता दें कि, पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को पंचायत चुनाव होने वाले हैं। करीब एक महीने चुनाव से पहले खूनी हिंसा ने सबके चिंता में डाल दिया है।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने अपने कार्यकर्ता की हत्या किए जाने पर ममता सरकार पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा, "मुर्शिदाबाद के खारग्राम में कांग्रेस के एक सक्रिय कार्यकर्ता की हत्या की गई, पंचायत चुनाव को देखते हुए यह हुआ है। हत्या के आरोपी को खारग्राम प्रशासन का संरक्षण मिला जिसके बाद इस हत्या को अंजाम दिया गया।" चौधरी ने आगे कहा, "हम इसे लेकर प्रदर्शन करेंगे। तृणमूल कांग्रेस बुलेट निर्वाचन चाहती है या बैलेट निर्वाचन? हम तृणमूल कांग्रेस को यह खून की राजनीति नहीं करने देंगे।"
साथ में चुनाव लड़ेगी कांग्रेस और सीपीआईएम
बीते दिन ही कांग्रेस ने यह घोषणा की थी कि पंचायत चुनाव कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआईएम) साथ में चुनाव लड़ेगी। इसकी घोषणा खुद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने की थी। उन्होंने कहा था कि, हमने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से इस मामले में सीपीआईएम को हर प्रकार का सहयोग देने के लिए पहले ही कह दिया है। बता दें कि, जून से ही पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायती राज प्रणाली की करीब 75,000 सीट पर चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जो 15 जून तक चलने वाली है।
विधानसभा चुनाव में भी जबरदस्त हुई थी हिंसा
यह पहला मौका नहीं है जब पश्चिम बंगाल में किसी तरह की कोई हिंसा हुई हो। इससे पहले रामनवमी के मौके पर भी जबरदस्त तरीके से हिंसा भड़की थी। जिनमें कुछ लोगों की मौत और कई लोगों के घायल होने की भी खबरें आई थी। लेकिन इन सबसे इतर पश्चिम बंगाल में जब भी कोई चुनाव होता है तो अचानक से प्रदेश में हिंसा की घटनाएं बढ़ जाती हैं। साल 2021 के विधानसभा चुनाव के दौरान काफी हिंसा हुई थी। इसके अलावा चुनाव के नतीजे आने के बाद तो हिंसा की सारी हदे टूट गई थी। किसी के घर में आग लगाना, महिलाओं से दुर्व्यवहार और हत्या जैसी कई घटनाएं सामने आई थी। जिसने सभी को हैरान कर दिया था। अब कुछ ऐसा ही फिर पंचायती चुनाव में देखने को मिल रहा है। जिस पर लगाम लगाने के लिए जल्द ही कोई बड़ा कदम उठाना चाहिए ताकि और ऐसी हिंसा होने से पहले रोका जा सके।
Created On :   10 Jun 2023 10:30 AM IST