कूटनीति: रूस और अमेरिका के बीच इस्तांबुल में दूसरे दौर की वार्ता, इन मुद्दों पर हुई चर्चा

रूस और अमेरिका के बीच इस्तांबुल में दूसरे दौर की वार्ता, इन मुद्दों पर हुई चर्चा
रूस और अमेरिका ने गुरुवार को इस्तांबुल में दूसरे दौर की वार्ता शुरू की। बातचीत में दूतावासों के संचालन को सामान्य बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

इस्तांबुल, 10 अप्रैल (आईएएनएस)। रूस और अमेरिका ने गुरुवार को इस्तांबुल में दूसरे दौर की वार्ता शुरू की। बातचीत में दूतावासों के संचालन को सामान्य बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

रिपोर्ट के अनुसार, इस्तांबुल स्थित रूसी महावाणिज्य दूतावास में दोनों प्रतिनिधिमंडलों के बीच विचार-विमर्श कई घंटों तक चल सकता है।

रूसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व वाशिंगटन में मॉस्को के राजदूत अलेक्जेंडर डार्चीव कर रहे हैं, जबकि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व यूरोपीय और यूरेशियाई मामलों के लिए उप सहायक सचिव सोनाटा कूल्टर कर रहे हैं।

रूस की सरकारी समाचार एजेंसी तास ने एक सूत्र के हवाले से कहा, "बातचीत का एक बड़ा हिस्सा पहले ही समाप्त हो चुका है, लेकिन कुल मिलाकर, वार्ता में चार या पांच घंटे लग सकते हैं।"

डार्चीव के अनुसार, रूस, वाशिंगटन द्वारा गलत तरीके से जब्त की गई राजनयिक संपत्ति की वापसी के संबंध में अमेरिका के साथ गंभीर चर्चा के लिए तैयार है।

एजेंडे में मेजबान देश में राजनयिकों की आवाजाही, वीजा और वित्तीय प्रतिबंधों के मुद्दे भी शामिल हैं।

डार्चीव ने कहा, "यह पिछले अमेरिकी प्रशासन की 'विषाक्त विरासत' से निपटने के बारे में है, जिसने अमेरिका में रूसी राजनयिक मिशनों की गतिविधियों पर कड़े प्रतिबंध लगाए थे।"

रूस-अमेरिका परामर्श का पिछला दौर 27 फरवरी को इस्तांबुल में अमेरिकी महावाणिज्यदूत के निवास पर आयोजित किया गया था। वह बैठक छह घंटे से अधिक समय तक चली थी।

पहले दौर की बैठक के समापन के बाद रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि मॉस्को और वाशिंगटन, राजनयिक मिशनों के निर्बाध वित्तपोषण को सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त उपायों पर सहमत हुए। मंत्रालय ने आगे कहा कि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों में 'अनेक परेशानियों' को हल करने के तरीकों पर चर्चा की।

अमेरिका और रूस के संबंध पिछले कुछ समय से काफी बेहतर होते जा रहे हैं। हालांकि ऐतिहासिक रूप से दोनों देशों के रिश्ते काफी तनावपूर्ण रहे हैं। ट्रंप ने दोबारा सत्ता संभालने के बाद से रूस को लेकर बेहद नरम रुख अपनाया है। यूक्रेन युद्ध के मुद्दे पर भी वह मॉस्की की तरफ झुके नजर आए जिससे कीव और उसके यूरोपीय सहयोगी चिंतित हो गए।

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Created On :   10 April 2025 5:17 PM IST

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