राजनीति: संविधान पर हमला बर्दाश्त नहीं, लोकतंत्र के चारों स्तंभों का सम्मान जरूरी प्रमोद तिवारी

नई दिल्ली, 18 अप्रैल (आईएएनएस)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद प्रमोद तिवारी ने शुक्रवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से खास बातचीत में सुप्रीम कोर्ट द्वारा वक्फ कानून पर केंद्र सरकार से जवाब तलब करने, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा पर विपक्ष का पक्ष और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के न्यायपालिका को लेकर दिए गए बयान पर टिप्पणी की।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा न्यायपालिका पर की गई टिप्पणी पर प्रमोद तिवारी ने कहा कि महामहिम राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों में सर्वोच्च हैं। मैं उनकी बातों पर कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं करूंगा। लेकिन यह जरूर कहूंगा कि भारत का संविधान स्पष्ट है। लोकतंत्र चार स्तंभ पर टिका है- विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका और पत्रकारिता। हर स्तंभ के पास अपने-अपने अधिकार हैं और उनका हनन नहीं होना चाहिए। संविधान के अनुच्छेद 142 और 145 पर न्यायालयों ने समय-समय पर अलग-अलग राय दी है और उन सभी का सम्मान है।
वक्फ संशोधन कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा वक्फ बोर्ड की नियुक्तियों पर रोक लगाए जाने और केंद्र सरकार से जवाब मांगे जाने के फैसले का तिवारी ने समर्थन किया। उन्होंने कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का स्वागत करता हूं। यह आदेश संविधान की रक्षा की दिशा में एक अहम कदम है। मैं केंद्र सरकार को यह स्पष्ट रूप से बताना चाहता हूं कि इसे धर्म के चश्मे से न देखें। यह भारत के संविधान की मूल आत्मा पर हमला है। आज वक्फ पर प्रभाव पड़ रहा है, कल गुरुद्वारा प्रबंधक समिति, हिंदू मंदिर, जैन और बौद्ध संगठनों पर भी असर पड़ सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि लोकसभा चुनाव में भाजपा की चार सौ सीटें नहीं आई, यह अच्छा हुआ। अगर इनकी 400 सीटें आ जाती तो भीमराव अंबेडकर का संविधान खत्म हो जाता और पीएम मोदी का संविधान लागू हो जाता।
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा पर भाजपा ने विपक्ष की चुप्पी पर सवाल उठाए। इसको लेकर सवाल किए जाने पर प्रमोद तिवारी ने कहा कि अगर भाजपा को सुनाई नहीं देता तो मैं क्या करूं? मैं जोर से बोल रहा हूं, मुर्शिदाबाद में जो कुछ हुआ, उसकी मैं घोर निंदा करता हूं। मेरे हृदय को पीड़ा पहुंची है। लेकिन अगर हिंसा में बांग्लादेश से घुसपैठ की बात सामने आ रही है, तो यह पूरी तरह केंद्र सरकार की विफलता है। अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है।
दिल्ली के सीलमपुर में हिंदू परिवारों द्वारा लगाए गए 'मकान बिकाऊ है' पोस्टरों पर प्रमोद तिवारी ने सवाल किया कि मुर्शिदाबाद पर बोलने वाले भाजपा नेता सीलमपुर पर चुप क्यों हैं? सीलमपुर तो सीधे गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा की केंद्र सरकार के अधीन है। क्या 'डबल इंजन' सरकार फेल हो गई है?
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Created On :   18 April 2025 12:33 PM IST