बॉक्सिंग टीम में उथल-पुथल जारी
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डिजिटल डेस्क, बर्मिघम। टोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता महिला मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन की निजी कोच संध्या गुरुंग की मान्यता को समायोजित करने के लिए टीम डॉक्टर की मान्यता में बदलाव के बाद राष्ट्रमंडल गेम्स के लिए भारतीय मुक्केबाजी दल में उथल-पुथल मची हुई है।
उनकी मान्यता स्थिति में बदलाव से डॉ. करनजीत सिंह अब खेल विलेज में नहीं रह सकते हैं और प्रशिक्षण और प्रतियोगिता के दौरान मुक्केबाजों के लिए उपलब्ध हो सकते हैं। प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए, उसे एक दिन का पास प्राप्त करना होगा।
मुक्केबाजी में चोटों की बहुत गुंजाइश होती है और डॉक्टर की उपस्थिति जरूरी है। भारतीय बॉक्सिंग टीम ने यह सबक तब सीखा, जब बॉक्सर सतीश को चोट लग गई और उनकी मदद के लिए कोई डॉक्टर नहीं था। यही कारण है कि बॉक्सिंग दल के सदस्य इस बात से चिंतित हैं। डॉ. करनजीत को उनकी परिवर्तित मान्यता स्थिति को देखते हुए मिलेगा।
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) और बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीएफआई) के अधिकारियों के हाथ इस संबंध में बंधे हुए हैं क्योंकि खेल मंत्रालय ने लवलीना को अपना कोच संध्या गुरुंग बनाने के लिए जोर देने का फैसला किया है। बर्मिघम खेलों की आयोजन समिति ने कोच संध्या को मान्यता तभी दी, जब आईओए ने टीम डॉक्टर से इसे वापस लेने का फैसला किया।सहायक कर्मियों की संख्या पर प्रतिबंध के बावजूद बॉक्सिंग को अनुमति से अधिक सहायक स्टाफ दिया गया है।
सोर्सः आईएएनएस
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Created On :   27 July 2022 4:01 PM IST