लैंडिंग से 17 मिनट पहले चंद्रयान-3 के लिए बेहद ही संवेदनशील, वैज्ञानिकों ने बताई ये वजह
- भारत की ताकत देखेगी पूरी दुनिया
- चांद पर भारत का तिरंगा!
डिजिटल डेस्क,बेंगलुरु। चंद्रयान-3 कुछ ही घंटों में चांद की सतह पर लैंड करने वाला है। इसरो ने बताया कि, भारत का मिशन मून, चंद्रयान-3 शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चांद की दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करने वाला है। इसरो ने यह जानकारी अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से दिया।
इसरो ने ट्वीर कर कहा, 'मिशन तय समय पर है। सिस्टम की नियमित जांच चल रही है। मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स (एमओएक्स) ऊर्जा और उत्साह से भरा हुआ है! MOX/ISTRAC पर लैंडिंग ऑपरेशन का सीधा प्रसारण 17:20 बजे शुरू होगा। यहां 19 अगस्त, 2023 को लगभग 70 किमी की ऊंचाई से लैंडर पोजिशन डिटेक्शन कैमरा (एलपीडीसी) द्वारा ली गई चंद्रमा की छवियां हैं। एलपीडीसी छवियां ऑनबोर्ड चंद्रमा संदर्भ मानचित्र के साथ मिलान करके लैंडर मॉड्यूल को उसकी स्थिति (अक्षांश और देशांतर) निर्धारित करने में सहायता करती हैं।'
इसरो के वैज्ञानिकों के मुताबिक, चंद्रयान-3 के लैंडिंग से पहले 17 मिनट बेहद ही संवेदनशील होने वाले हैं क्योंकि इस समय यान को चांद पर सॉफ्ट लैंडिग कराने के लिए प्लने सतह की जरूरत होगी। चांद पर छोटे से बड़े कई तरह के गड्ढे है, जो चंद्रयान के लिए चुनौती पूर्ण साबित हो सकते हैं। साथ ही लैंडर की गति भी एक चुनौती भरा रहने वाला है। लैंडर की गति, चांद पर स्थिति गड्ढे, तकनीकी खामी और गुरुत्वाकर्षण बल में कोई बाधा नहीं आती है तो भारत चंद्रयान-3 को आसानी से चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करा लेगा। जिससे दुनिया में भारत का नाम एक और उपलब्धि दर्ज हो जाएगा। अगर भारत दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने में सफल रहा तो हम पहले ऐसे देश होंगे जिसने मून की साउथ पोल पर सफलतापूर्वक यान को उतारा होगा।
Created On :   23 Aug 2023 2:24 PM IST