बकरीद से पहले मुंबई में की एक सोसायटी में बवाल, सोसाइटी में बकरे लाने पर दो समुदाय आपस में भिड़े, मामला हुआ दर्ज

बकरीद से पहले मुंबई में की एक सोसायटी में बवाल, सोसाइटी में बकरे लाने पर दो समुदाय आपस में भिड़े, मामला हुआ दर्ज
  • बकरे पर दो समुदाय आमने-सामने
  • पुलिस के आने से मामला हुआ शांत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बकरीद से एक दिन पहले महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से एक खबर समाने आई है। जहां एक मुस्लिम परिवार कुर्बानी के लिए घर पर बकरा लाया जिसके बाद से ही बवाल मच गया। हंगामा इस कदर बरपा कि इस पूरे मामले में पुलिस को आना पड़ा तब जाकर मामला शांत हुआ। मुस्लिम समुदाय में बकरीद के दिन कुर्बानी देने की परंपरा है। इसी के तहत बकरे को सोसायटी में लाया गया था।

यह पूरी घटना मुबंई के मीरा रोड स्थित एक सोसाइटी की है। जहां एक मुस्लिम परिवार बकरीद के मौके पर दो बकरे लेकर आए थे। लेकिन इनके बकरे लाने का इस कदर विरोध हुआ कि पुलिस को बीच बचाव करने के लिए आना पड़ा। जैसे ही मुस्लिम परिवार सोसाइटी में बकरे लेकर घुसे, उनका विरोध अन्य समुदाय के लोगों ने करना शुरू कर दिया। देखते ही देखते मामला बढ़ता चल गया और हिंदुवादी संगठन बजरंग दल भी इसका विरोध करने के लिए घटना स्थल आ पहुंचा।

विरोध पर मुकदमा हुआ दर्ज

सोसाइटी में बकरे पर हुए विवाद को लेकर एफआईआर दर्ज हो चुकी है। यह शिकायत मुस्लिम परिवार द्वारा कराई गई है। जानकारी के मुताबिक, मुस्लिम परिवार की महिला सदस्य यास्मीन ने विरोध कर रहे सोसाइटी के लोगों पर एफआईआर कशिमिरा पुलिस स्टेशन में कराई हैं। जिसमें पुलिस ने आईपीसी की धारा 143, 147, 149, 354, 323, 341, 504 और 506 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।

सोसाइटी में पुलिस तैनात

खबरें हैं कि, बजरंग दल के सोसाइटी में पहुंचे लोगों ने जमकर जय श्री राम के नारे लगाए और हनुमान चालीसा का पाठ भी किया। सोसाइटी में बढ़ता हंगामा देख मौके पर पुलिस पहुंची और तनाव भरे माहौल को शांत करने का काम किया। तनाव बढ़ता देख पुलिस ने सोसाइटी से बकरों को वापस ले जाने के लिए कहा और लोगों को आश्वासन दिया कि कुर्बानी सोसाइटी के अंदर नहीं दी जाएगी। वहीं हंगामा आगे न बढ़े उसके लिए पुलिस ने मीरा रोड स्थित सोसाइटी में पुलिस बल को तैनात कर दिया है ताकि किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न घटे।

कुर्बानी के क्या है रिवाज?

इस्लाम धर्म में मान्यता है कि, बकरीद के दिन मुस्लिम लोग कुर्बानी देते हैं। ऐसी मान्यता है कि हजरत इब्राहिम अल्लाह के बेहद करीब थे। अल्लाह के आदेश पर वो अपने बेटे की कुर्बानी देने के लिए तैयार हो गए थे और बेटे की कुर्बानी देने के लिए उन्होंने अपने आंखों पर पट्टी बांध ली थी। हालांकि, जब कुर्बानी के बाद उन्होंने अपनी आंखे खोली तो देखा कि उनका बेटा जिंदा है और उनके बेटे की जगह मेमना कुर्बान हो गया था। तब से अब तक इस्लाम में इस परंपरा के तहत बकरे या अन्य जानवरों की कुर्बानी दी जाती है।

Created On :   28 Jun 2023 1:38 PM IST

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