पर्यावरण संरक्षण की बात: सोनम वांगचुक ने पीएम मोदी को लिखा खुला पत्र, ग्लेशियरों के संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाए भारत

- अगले महाकुंभ तक सूखकर रेत में बदल सकती हैं नदियां-वांगचुक
- वांगचुक ने ग्लेशियर से बर्फ का एक टुकड़ा लेकर यात्रा शुरू की थी
- पर्यावरण कार्यकर्ता वागंचुक ने हाल ही में अमेरिकी यात्रा की
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने अमेरिकी यात्रा से लौटेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला पत्र लिखा। वांगचुक ने पीएम मोदी से भारत से ग्लेशियरों के संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाने की अपील की।
आपको बता दें लद्दाख में खारदुंग ला के एक ग्लेशियर से बर्फ का एक टुकड़ा लेकर वांगचुक ने अपनी यात्रा शुरू की थी, ताकि जलवायु परिवर्तन होने की वजह से तेजी से पिघलते ग्लेशियरों की समस्या की ओर ध्यान आकर्षित किया जा सके। संयुक्त राष्ट्र ने 2025 को ग्लेशियरों के संरक्षण का अंतरराष्ट्रीय वर्ष घोषित किया है। आपको बता दें वांगचुक हिमालयी ग्लेशियरों के संरक्षण पर कई दिनों से काम कर रहे हैं। वांगचुक ने लद्दाख से दिल्ली और फिर अमेरिकी का यात्रा की। उन्होंने इसे खारदुंग ला के ग्लेशियर से बर्फ का एक टुकड़ा लेकर यात्रा शुरू की थी।
बर्फ के टुकड़े को एक खास पश्मीना ऊन में लपटेकर एक कंटेनर में रखा था। जिसे पहले दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र के कार्यालय को भेजा गया और फिर अमेरिका के हार्वर्ड केनेड स्कूल, एमआईटी (मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) और न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में गया। अंत में इसे न्यूयॉर्क के हडसन और ईस्ट रिवर (नदी) के संगम में 21 फरवरी को डुबोया गया।
पीएम मोदी को खिले खुले खत में वांगचुक ने हिमालय के ग्लेशियरों की स्थिति को बेहद गंभीर बताया। इसमें उन्होंने कहा कि अगर समय रहते हुए इन ग्लेशियरों को बचाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो अगले महाकुंभ के आने तक पवित्र नदियां सूखकर रेत में तब्दील हो सकती हैं। वांगचुक ने कहा हमारी नदियों के स्रोत का अस्तित्व संकट में है। वांगचुक ने अपने पत्र में लिखा, भारत को ग्लेशियरों के संरक्षण में अग्रसर रोल अदा करना चाहिए। क्योंकि हिमालय पृथ्वी पर आर्कटिक और अंटार्कटिका के बाद बर्फ और बर्फीले पानी का तीसरा सबसे बड़ा भंडार है और इसे तीसरे ध्रुव के नाम से जानते है। उन्होंने कहा हमारी गंगा और यमुना जैसी पवित्र नदियां भी इन ग्लेशियरों से निकलती हैं। पीएम मोदी को लिखे खत में उन्होंने पीएम मोदी द्वारा शुरु की गई मिशन लाइफ योजना की तारीफ की। उन्होंने हिमालयी ग्लेशियरों का आकलन करने के लिए एक आयोग बनाने की मांग की है।
Created On :   25 Feb 2025 6:06 PM IST