सुप्रीम कोर्ट का फैसला: अभी नहीं खोला जाएगा शंभू बॉर्डर, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को किया खारिज, क्या होगा किसानों का अगला कदम?

अभी नहीं खोला जाएगा शंभू बॉर्डर, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को किया खारिज, क्या होगा किसानों का अगला कदम?
  • नहीं खोला जाएगा शंभू बॉर्डर
  • याचिकाकर्ता का ये है कहना
  • सुप्रीम कोर्ट ने गठित की थी कमेटी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हरियाणा और पंजाब के बीच का शंभू बॉर्डर साथ ही पंजाब के दूसरे हाईवे को खोलने की मांग वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया गया है। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि, इस मामले की इससे पहले भी एक याचिका लंबित है, इसलिए नई याचिका पर अलग सुनवाई नहीं होगी। याचिकाकर्ता कुछ करना चाहता है तो लंबित मामले में ही आवेदन दाखिल कर दे।

याचिकाकर्ता का क्या है कहना?

याचिकाकर्ता गौरव लूथरा जालंधर के रहने वाले हैं। इनका कहना है कि, किसानों के आंदोलन के कारण शंभू बॉर्डर काफी ज्यादा समय से बंद है। साथ ही, किसान यूनियनों के दूसरे हाईवे भी बंद कर दिए हैं। ये गैरकानूनी होने के साथ-साथ नागरिकों के मौलिक अधिकारों को भी ठेस पहुंचाना है। याचिका में कहा है कि, सड़कों को बाधित करना बीएनएस और एनएचएआई एक्ट के तहत एक अपराध है। जिसपर ना तो पुलिस कार्रवाई कर रही है और ना ही एनएचएआई कोई कार्रवाई कर रहा है। संविधान भी राइट टू मूवमेंट यानी आवगमन के अधिकार को मौलिक अधिकार का दर्जा देता है। जो कि पंजाब के लोगों से ये मौलिक अधिकार छीना गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने सभी रोडों को खुलवाने वाली याचिका को खारिज करते हुए कहा है कि, ये याचिका प्रचार के लिए दाखिल हुई नजर आ रही है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ एक ही याचिकाकर्ता लोगों की चिंता करता है। जिसको देखते हुए कोर्ट ने पहले ही दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने गठित की है कमेटी

2 सितंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर पहले ही एक याचिका को सुनते हुए पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस नवाब सिंह के नेतृत्व में कमेटी का गठन किया था। कमेटी को एमएसपी के साथ और भी दूसरे मुद्दों पर किसानों से बात करने को कहा गया था। कोर्ट ने पैनल से बैरिकेडिंग को भी हटाने के लिए किसनों से बातचीत करने को कहा गया था। सुप्रीम कोर्ट ने किसानों से भी ये कहा था कि वे अपने आंदोलन का राजनीतिकरण से बचें। बैठक में किसान पैनल के साथ अनुचित मांगों को ना रखें।

Created On :   9 Dec 2024 3:03 PM IST

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