जामा मस्जिद विवाद: घरों से अवैध हथियार-कारतूस बरामद, हिंसा में 4 लोगों की मौत के बाद पुलिस ने रात भर मारा छापा, स्कूल-कॉलेज और इंटरनेट बंद
- संभल में स्थिति तनावपूर्ण
- अवैध हथियार-कारतूस बरामद
- 21 लोग अरेस्ट
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जित विवाद के चलते स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। रविवार (24 नवंबर) को मस्जिद सर्वे के वक्त हिंसा भड़क उठी जिसमें 4 लोगों ने अपनी जान गंवा दी। जिसके बार पुलिस टीम ने पूरी रात छापा मारा। इस छापेमारी में पुलिस ने घरों से अवैध हथियारों (Illegal Weapons) सहित कारतूस बरामद किए। साथ ही, पुलिस ने दो महिलाओं और 19 लोगों को अरेस्ट कर लिया है। गिरफ्तार हुए लोगों के फोन से कॉल रिकार्ड्स निकाले जा रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या इस हिंसा के पीछे कोई सोची समझी साजिश थी या नहीं?
स्कूल-कॉलेज बंद
संभल में भड़की हिंसा से माहौल अशांत हो गया है। स्कूल-कॉलेजों को बंद कर दिया गया। बाहर से लोगों के आने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। इतना ही नहीं बल्कि, इंटरनेट की सेवाएं भी रोक दी गई हैं।
सुबह साढ़े सात बजे पहुंची थी सर्वे टीम
बता दें कि, रविवार सुबह साढ़े सात बजे के करीब सर्वे टीम जामा मस्जिद के पहुंची थी। इस दौरान दोनों पक्षों की मौजूदगी में सर्वे किया जा रहा था, लेकिन अचानक से इसका विरोध शुरू हो गया और लोगों ने पुलिस पर पत्थराव करना शूरु कर दिया। जानकारी है कि, एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई और डीएम डॉ राजेंद्र पेंसिया ने हालात संभाला और भीड़ को भगाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। जामा मस्जिद के आसपास के इलाके में इकट्ठा हुई भीड़ को हटाने के लिए मस्जिद के अंदर से अनाउंसमेंट की गई लेकिन कोई नहीं माना और पत्थरबाजी शूरू कर दी।
कोर्ट ने दिए सर्वे के आदेश
इससे पहले 19 नवंबर को संभल जिले की चंदौसी स्थित सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह की कोर्ट ने जामा मस्जिद के एडवोकेट कमिश्नर को सर्वे का आदेश दिया था। याचिकाकर्ता अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि सिविल जज की अदालत ने जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के लिये ‘एडवोकेट कमीशन’ गठित करने के निर्देश दिए थे। और अदालत ने कहा था कि कमीशन के माध्यम से वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी सर्वे कराकर अदालत में रिपोर्ट दाखिल की जाए।
जाने क्या है पूरा मामला
एडवोकेट विष्णु जैन ने दावा किया था कि- सम्भल में हरिहर मंदिर हमारी आस्था का केंद्र है। हमारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहां पर दशावतार में से कल्कि अवतार यहां से होना है। वर्ष 1529 में बाबर ने मंदिर को तोड़ कर मस्जिद में बदलने की कोशिश की थी। यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित क्षेत्र है। उसमें किसी भी तरह का अतिक्रमण नहीं हो सकता है। वहां पर बहुत सारे निशान और संकेत हैं जो हिन्दू मंदिर के हैं। इन सारी बातों को ध्यान रखते हुए अदालत ने सर्वे का आदेश जारी किया है।
Created On :   25 Nov 2024 11:05 AM IST