इंफाल में प्रेस कॉन्फेंस: हिंसा पीड़ितों से मिलने के बाद राहुल गांधी की पहली प्रतिक्रिया, बोले- 'दो हिस्सों में बंट गया है मणिपुर...'

हिंसा पीड़ितों से मिलने के बाद राहुल गांधी की पहली प्रतिक्रिया, बोले- दो हिस्सों में बंट गया है मणिपुर...
  • मणिपुर की स्थिति ठीक नहीं- राहुल गांधी
  • प्रधानमंत्री को मणिपुर आना चाहिए- राहुल गांधी
  • राज्यपाल से भी राहुल गांधी ने की मुलाकात

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सोमवार को मणिपुर के जिरीबाम और चुराचांदपुर जिलों में हिंसा पीड़ितों से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। इस दौरान राहुल गांधी ने निशाना पर मणिपुर सरकार और केंद्र सरकार रही। राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी को मणिपुर आना चाहिए। उनसे आग्रह है कि वह मणिपुर आकर लोगों को भरोसा दें।

मणिपुर की स्थिति ठीक नहीं- राहुल गांधी

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, "समस्या शुरू होने के बाद से मैं तीसरी बार यहां आया हूं और यह एक बहुत बड़ी त्रासदी रही है। मुझे उम्मीद थी कि स्थिति में कुछ सुधार होगा, लेकिन मैं यह देखकर निराश हूं कि स्थिति अभी भी वैसी नहीं है जैसी होनी चाहिए। मैंने शिविरों का दौरा किया और वहां के लोगों की बातें सुनीं, उनका दर्द सुना। मैं उनकी बातें सुनने, उनमें आत्मविश्वास भरने और विपक्ष में होने के नाते सरकार पर दबाव बनाने के लिए यहां आया हूं ताकि वह कार्रवाई करे। यहां, समय की मांग शांति है। हिंसा से हर कोई आहत है। हजारों परिवारों को नुकसान पहुंचाया गया है, संपत्ति नष्ट की गई है, परिवार के सदस्यों को मार दिया गया है और मैंने भारत में कहीं भी ऐसा नहीं देखा जो यहां हो रहा है। राज्य पूरी तरह से दो हिस्सों में बंट गया है और यह सभी के लिए एक त्रासदी है। मैं मणिपुर के सभी लोगों से कहना चाहता हूं कि मैं यहां आपका भाई बनकर आया हूं, मैं यहां एक ऐसे व्यक्ति के रूप में आया हूं जो आपकी मदद करना चाहता है, जो मणिपुर में शांति वापस लाने के लिए आपके साथ काम करना चाहता है।"

मणिपुर दर्द में है- राहुल गांधी

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने कहा, "मैं जो भी कर सकता हूं, करने के लिए तैयार हूं, कांग्रेस पार्टी यहां शांति वापस लाने के लिए जो भी कर सकती है, करने के लिए तैयार है। हमने राज्यपाल से बातचीत की और हमने राज्यपाल से कहा कि हम हर संभव तरीके से मदद करना चाहेंगे, हमने अपनी नाराजगी भी व्यक्त की और कहा कि हम यहां हुई प्रगति से खुश नहीं हैं। मैं इस मुद्दे का और अधिक राजनीतिकरण नहीं करना चाहता, यह मेरा इरादा नहीं है। मैं समझता हूं कि पूरा मणिपुर दर्द में है, पीड़ित है और उसे जल्द से जल्द इस पीड़ा से बाहर निकलने की जरूरत है। मैं सभी से शांति के बारे में सोचने, भाईचारे के बारे में सोचने का अनुरोध करूंगा और हिंसा और नफरत से कोई समाधान नहीं निकलने वाला है। इसलिए, अगर हम शांति के बारे में सोचना शुरू कर सकते हैं, स्नेह के बारे में सोचना शुरू कर सकते हैं, तो यह मणिपुर के लिए एक बहुत बड़ा कदम होगा। कांग्रेस पार्टी और मैं उपलब्ध हैं, जब भी आप चाहें मैं यहां आ सकता हूं। मुझे यहां आकर खुशी होगी और मैं आपकी बातें सुनकर खुश हूं और विपक्ष के नेता के रूप में आपकी मदद करने की कोशिश करूंगा। भारत सरकार और हर कोई जो खुद को देशभक्त मानता है, उसे आगे आना चाहिए और गले लगाना चाहिए। मणिपुर के लोगों के प्रति अपना प्यार और समर्पण प्रदर्शित करते हुए उन्होंने कहा कि मणिपुर में शांति लायी जानी चाहिए।"

प्रधानमंत्री को मणिपुर आना चाहिए- राहुल गांधी

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, "मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि प्रधानमंत्री यहां आएं, मणिपुर के लोगों की बात सुनें और मणिपुर में क्या हो रहा है, इसे समझने की कोशिश करें। आखिरकार, मणिपुर भारतीय संघ का एक गौरवशाली राज्य है। भले ही कोई त्रासदी न हुई हो, प्रधानमंत्री को मणिपुर आना चाहिए था। इस बड़ी त्रासदी में, मैं प्रधानमंत्री से अनुरोध करता हूं कि वे अपने समय में से 1-2 दिन का समय निकालें और मणिपुर के लोगों की बात सुनें। इससे मणिपुर के लोगों को राहत मिलेगी। हम, कांग्रेस पार्टी के रूप में, यहां की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए किसी भी चीज का समर्थन करने के लिए तैयार हैं।"

प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद जब पत्रकारों ने सवाल पूछे तो राहुल गांधी ने कहा, "मैं जो कह रहा हूं, उसका सम्मान करें। मैं यहां एक स्पष्ट संदेश देने आया हूं, मैं ऐसे सवालों का जवाब देने में दिलचस्पी नहीं रखता जो मुद्दे को भटकाने के लिए बनाए गए हों। मैंने अपना बयान दे दिया है।" उन्होंने आगे कहा, "मणिपुर भारतीय संघ के सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक है।"

राज्यपाल से भी राहुल गांधी ने की मुलाकात

पिछले साल तीन मई को पूर्वात्तर राज्य मणिपुर में हिंसा भड़की थी। जिसके बाद से ही वहां पर मैतई और कुकी समुदाय के बीच तनाव का माहौल है। हिंसा से अब तक 200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। लोग राहत शिविरों में रहने पर मजबूर हो गए हैं। इस बीच राहुल गांधी तीसरी बार हिंसा की जानकारी लेने के लिए मणिपुर पहुंचे। उन्होंने राहत शिविरों में रह रहे लोगों से मुलाकात की और उनकी समस्या सुनीं। राहुल गांधी दो दिनों के लिए मणिपुर पहुंचे हैं। सोमवार को राहुल गांधी के मणिपुर दौरे का पहला दिन था। इस दौरान उन्होंने राज्य के जिरीबाम और चुराचांदपुर जिलों का दौरा किया। इसके बाद उन्होंने मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात की और हिंसा को लेकर जानकारी ली।

Created On :   8 July 2024 9:56 PM IST

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