रामलला प्राण प्रतिष्ठा: रमजान के बनाए आलीशान सिंहासन पर विराजे रघुनंदन, 25 साल पहले मिली थी जिम्मेदारी, सामने रखी थी ये शर्त

रमजान के बनाए आलीशान सिंहासन पर विराजे रघुनंदन, 25 साल पहले मिली थी जिम्मेदारी, सामने रखी थी ये शर्त
  • मुस्लिम कारीगर ने बनाया रामलला का सिंहासन
  • 25 साल पहले मिली थी जिम्मेदारी
  • गोपनीय रखी थी बात

डिजिटल डेस्क, अयोध्या। प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में अब कुछ ही समय शेष बचा है। इस बीच रामलला की प्रतिमा को मंदिर के गर्भगृह में स्थापित भी किया जा चुका है। देश के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई रामलला की मूर्ति की पहली झलक भी सामने आ गई है। जिसे लोगों का भरपूर प्यार मिल रहा है। लेकिन क्या आपको मालूम है कि जिस आलीशान सिंहासन पर रामलला विराजे हैं वो किसने बनाया है?

तो चलिए आज हम आपको उस कारीगर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने प्रभू श्रीराम का सिंहासन बनाया है। यह संगमरमर का खूबसूरत सिंहासन बनाने वाले कारीगर का नाम मोहम्मद रमजान है। रमजान ने न केवल सिंहासन बनाया है बल्कि उसने मंदिर की दीवारों छतों, फर्श और सीढ़ियों पर भी मनमोहक कलाकृतियां बनाई हैं। राजस्थान के नागौर जिले में रहने वाले रमजान बीते 25 साल से संगमरमर पत्थर पर राममंदिर के लिए खूबसूरत कलाकृतियां बनाने में लगे हुए हैं।

25 साल पहले मिली थी जिम्मेदारी

मंदिर निर्माण के लिए रामजन्मभूमि मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने अच्छी क्वालिटी के मार्बल और डिजाइनरों की तलाश कर रहे थे। आखिर में उनकी यह तलाश राजस्थान के मकराना में जाकर पूरी हुई। उन्होंने इस पावन काम को करने के लिए यहां के प्रसिद्ध कारीगर मोहम्मद रमजान से बात की।

रमजान ने भी मंदिर ट्रस्ट के इस ऑफर को स्वीकार कर लिया। लेकिन ट्रस्ट और वीएचपी के पदाधिकारियों ने उनके सामने एक शर्त रखी। जिसके मुताबिक उन्हें यह काम गोपनीय रखना था। मीडिया को दिए इंटरव्यू में रमजान ने बताया कि उन्हें जब यह ऑफर मिला तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था।

बखूबी निभाई जिम्मेदारी

रमजान बताते हैं कि उन्हें पदाधिकारियों से हिदायत मिली थी कि वह राम मंदिर की डिजाइन और नक्शे की जानकारी किसी के साथ शेयर न करें। जिसे उन्होंने बखूबी निभाया। जब वो मंदिर के लिए मार्बल पर डिजाइन कर रहे थे तो उस दौरान उन्होंने किसी को यह भनक तक नहीं लगने दी कि यह सब निर्माण किस के लिए हो रहा है। यहां तक कि यह बात उन्होंने अपने परिवार से भी शेयर नहीं की थी। रमजान के मुताबिक पत्थरों पर डिजाइन बनाने में उन्हें लगभग डेढ़ साल का समय लगा और इस काम को करने में करीब 700 मजदूरों ने अंजाम दिया।

रमजान के मुताबिक, राम मन्दिर के निर्माण का फैसला आने के कुछ समय बाद ही एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें उन्हें भी बुलाया गया था। इस बैठक में उन्हें मंदिर निर्माण के लिए अहम जिम्मेदारी सौंपी गई थी। जिसके तहत उन्हें गर्भगृह में रामलाल प्रतिमा के लिए सिंहासन बनाने के साथ ही मंदिर के गर्भगृह की दीवारों, छत्तों, दरवाजों, फर्श तथा सीढ़ियों पर मनमोहक कलाकृतियां बनाना शामिल था।

प्राण प्रतिष्ठा के पहले किया खुलासा

इस सीक्रेट का खुलासा रमजान ने प्राण प्रतिष्ठा से पहले किया, जब उन्हें ट्रस्ट की तरफ से इसकी इजाजत मिली। बता दें कि मोहम्मद रमजान को 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए निमंत्रण भी मिला है। बता दें कि इस भव्य समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी समेत देश की कई नामचीन हस्तियां शामिल होंगी।

Created On :   19 Jan 2024 9:59 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story