पीएम मोदी स्वदेश लौटे: तीन दिवसीय अमेरिकी यात्रा के बाद देश लौटे पीएम मोदी, दिल्ली एयरपोर्ट पर किया गया स्वागत
- देश वापस लौटे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
- दिल्ली एयरपोर्ट पर पीएम मोदी का हुआ स्वागत
- अमेरिका में क्वाड समिट में लिया था हिस्सा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी 3 दिवसीय अमेरिकी यात्रा समाप्त करने के बाद मंगलवार को दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे। जहां बीजेपी नेताओं ने उनका स्वागत किया। अपनी तीन दिवसीय अमेरिकी यात्रा के दौरान उन्होंने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में समिट ऑफ द फ्यूचर और क्वाड लीडर्स समिट में भाग लिया। इसके साथ ही उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान कुछ महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठकें भी कीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 से 23 सितंबर तक अमेरिकी दौरे पर रहे। जहां वे अमेरिका में होने वाली चौथे क्वाड लीडर्स समिट में लिया। बता दें कि, ये क्वाड समिट ऐसे समय में की गई, जब अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने में ज्यादा समय नहीं बचा है। अभी वहां राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सियासत अपने चरम पर है।
#WATCH दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी 3 दिवसीय अमेरिकी यात्रा समाप्त करने के बाद दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे।अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान, उन्होंने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में समिट ऑफ द फ्यूचर और क्वाड लीडर्स समिट में भाग लिया। इसके साथ ही, उन्होंने अपनी यात्रा के… pic.twitter.com/cnxB3a785J
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 24, 2024
भारत को क्वाड से क्या-क्या फायदा हुआ?
क्वाड से भारत को कई तरह के फायदे हुए। जैसे हिंद महासागर में समुद्री ताकत बढ़ी, चीन पर आर्थिक निर्भरता कम करने की स्थितियां मजबूत हुईं। ये मंच भारत के आर्थिक लचीलेपन को बढ़ाने और अपने उद्योगों का समर्थन करने के लिए भी अहम है।
क्वाड में भारत की उपस्थिति क्षेत्रीय भू-राजनीति का एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में गिना जाता है। ये भारत को दक्षिण पूर्व एशियाई देशों और क्षेत्रीय भागीदारों के साथ ज्यादा असरदार तरीके से जोड़ने की स्थितियां बनाता है। जिससे चीन की विस्तारवादी नीतियों को काउंटर किया जाता है।
क्वाड महत्वपूर्ण टेक्नोलॉजी और कच्चे माल तक पहुंच को सुरक्षित करने के लिए काम कर रहा है। जिससे चीन पर निर्भरता कम हो सके। ये भारत को 5जी दूरसंचार पर्यावरण को लचीला और सुरक्षित रखने पर बल दिया। क्वाड सदस्यों ने चीनी कंपनियों पर सुरक्षा को देखते हुए चीनी कंपनियों के 5जी तकनीक का परीक्षण करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। भारत में कई कंपनियां पहले से ही अपनी 5जी तकनीक विकसित करने के लिए अगले चरण में काम कर रही हैं।
भारत सेमीकंडक्टरों और उनके महत्वपूर्ण घटकों के लिए आपूर्ति-श्रृंखला सुरक्षा शुरू करने के लिए क्वाड की महत्वाकांक्षा का समर्थन कर सकता है। जिसका उपयोग स्थानीय बाजार में सिलिकॉन चिप्स की आपूर्ति के साथ-साथ वैश्विक अवसर के लिए आधार बनने के लिए किया जा सकता है। सेमीकंडक्टर डिजाइन के लिए बड़ी संख्या में कुशल इंजीनियरों की आवश्यकता होती है और यहीं भारत की ताकत है।
क्वाड इंडो-पैसिफिक पार्टनरशिप फॉर मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस (IPMDA) जैसी पहल से हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में अवैध समुद्री गतिविधियों का मुकाबला करने के लिए भी काम कर रहा है। इसका उद्देश्य अवैध मछली पकड़ने, जलवायु घटनाओं और मानव संकटों जैसी समुद्री गतिविधियों में वास्तविक समय में जानकारी को साझा करना है। जिससे भारत को फायदा मिलता है।
क्वाड समिट क्या है?
क्वाड यानी “क्वाड्रीलेटरल सिक्योरिटी डायलॉगचार” चार देशों का एक संयुक्त संगठन है। जिसमें भारत के अलावा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान जैसे देश शामिल हैं। इसका गठन 2007 में हुआ था। लेकिन तब ये प्रभाव में नहीं आ सका। जिसके बाद 2017 में इसे दोबारा एक्टिव किया गया। इस संगठन का उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते दबदबे को रोकना है। क्वाड भारत को संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ संयुक्त नौसैनिक अभ्यास और संचालन में शामिल होने का एक मंच देता है। जिससे भारतीय नौसेना की कुशलता और क्षमता दोनों बढ़ती है। नौसेनाओं का आपसी तालमेल करके समुद्री ताकत बढ़ाता है। जिससे भारत इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में समुद्री चुनौतियों का जवाब देने में सक्षम हो रहा है। आपको बता दें कि, चीन लगातार इस ग्रुप का विरोध करता आ रहा है इसलिए यह भी माना जाता है कि क्वाड चीन को जवाब देने का एक जरिया है।
Created On :   24 Sept 2024 9:00 PM IST