PM Modi Lex Fridman Podcast: 'RSS ने राष्ट्र के प्रति समर्पण का मूल्य सिखाया...', लेक्स फ्रिडमैन के साथ पॉडकास्ट में बोले पीएम मोदी, बचपन और पारिवारिक जीवन पर भी की चर्चा

- पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन ने पीएम नरेंद्र मोदी से की बात
- बचपन और आरएसएस में शामिल होने पर की बात
- बडनगर के ऐतिहासिक महत्व पर भी की चर्चा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अमेरिकन एआई रिसर्चर और दुनिया के फेमस पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन से बात की। इस तीन घंटे लंबे इंटरव्यू में पीएम ने पाकिस्तान, चीन, ट्रम्प, विश्व राजनीति, खेल, राजनीति और RSS समेत निजी जीवन से जुड़े सवालों पर बात की।
आरएसएस के साथ अपने जुड़ाव पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ अपने गहरे संबंध को सौभाग्य बताया। उन्होंने कहा कि आरएसएस ने निस्वार्थ सेवा और राष्ट्र के प्रति समर्पण का मूल्य सिखाया। मजदूर संघ के अंतरों को समझाते हुए पीएम ने कहा, 'दुनिया के मजदूरों, एक हो जाओ', जबकि RSS का मजदूर संघ कहता है – 'मजदूरों, दुनिया को एक करो'।"
मां को किया याद
पीएम ने पॉडकास्ट में अपनी मां-पिता की मेहनत और अनुशासन को याद किया। उन्होंने कहा, "हमारी मां ने बहुत मेहनत की। मेरे पिता भी बहुत अनुशासित थे। वह हर सुबह 4:00 या 4:30 बजे घर से निकलते थे, मंदिरों में जाते थे और फिर अपनी दुकान पर काम करने पहुंचते थे।" पीएम ने बताया कि इतनी कठनाईयों के बावजूद उनके परिवार ने कभी संघर्ष का अनुभव नहीं होने दिया। उन्होंने कहा, "मेरी मां यह सुनिश्चित करती थीं कि हमें कभी कठिन परिस्थितियों का असर महसूस न हो। स्कूल में, जूते पहनने का विचार कभी मेरे मन में नहीं आया।"
कभी गरीबी को बोझ नहीं समझा
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बचपन की यादें साझा करते हुए बताया कि उनका परिवार एक छोटे से घर में रहता था, जहां "कोई खिड़की नहीं थी, बस एक छोटा-सा दरवाजा था।" उन्होंने कहा कि उनका शुरुआती जीवन गरीबी में बीता, लेकिन परिवार ने इसे कभी बोझ नहीं समझा।
पीएम ने अपने जन्मस्थान का जिक्र करते हुए बताया कि उनका जन्म गुजरात के मेहसाणा जिले के वडनगर में हुआ, जो ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा वहीं पूरी की और आज जब वे दुनिया को समझते हैं, तो अपने बचपन की यादें उन्हें प्रेरित करती हैं।
बडनगर के समृद्ध इतिहास पर बात की
प्रधानमंत्री मोदी ने वडनगर के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनके गांव में एक अद्वितीय परंपरा थी। वहां के बुजुर्ग बच्चों को प्राचीन शिलालेख और खुदाई में मिली वस्तुएं स्कूल में जमा करने के लिए प्रेरित करते थे। उन्होंने बताया कि समय के साथ उन्हें अपने गांव के समृद्ध इतिहास का एहसास हुआ और "चीन ने इस पर एक फिल्म भी बनाई थी।" उन्होंने जिक्र किया कि प्रसिद्ध चीनी दार्शनिक ह्वेन त्सांग ने कई सदियों पहले वडनगर में समय बिताया था, जब यह बौद्ध शिक्षा का प्रमुख केंद्र था।
Created On :   16 March 2025 11:25 PM IST