विश्व बैंक की 3 सदस्यीय टीम जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव से मिली
- जम्मू-कश्मीर सरकार के प्रयासों की सराहना
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। विश्व बैंक की तीन सदस्यीय टीम ने जम्मू-कश्मीर में विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित परियोजनाओं को लेकर शनिवार को जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता के साथ बैठक की। विश्व बैंक की टीम का नेतृत्व दक्षिण एशिया क्षेत्र के जलवायु परिवर्तन और आपदा जोखिम प्रबंधन के अभ्यास प्रबंधक आभास झा ने किया। टीम में आपदा जोखिम प्रबंधन विशेषज्ञ दीपक सिंह और वरिष्ठ आपदा जोखिम प्रबंधन विशेषज्ञ हेमंग करेलिया भी शामिल थे।
विश्व बैंक की टीम ने पिछले दो वर्षो के दौरान विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित झेलम तवी बाढ़ वसूली परियोजना (जेटीएफआरपी) के कार्यान्वयन को सुव्यवस्थित करने में जम्मू-कश्मीर सरकार के प्रयासों की सराहना की। मुख्य सचिव ने अतिथि टीम के साथ जेटीएफआरपी पर हुई प्रगति के बारे में विस्तृत चर्चा की।
मेहता ने भूकंपरोधी निर्माण के क्षेत्र में इंजीनियरों के क्षमता निर्माण के लिए अधिक संभावनाएं तलाशने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, मैंने आशा व्यक्त की है कि विश्व बैंक जलवायु परिवर्तन, सतत विकास, पर्यावरणीय स्थिरता और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों के क्षेत्रों में जम्मू-कश्मीर का समर्थन करना जारी रखेगा। बाद में, विश्व बैंक की टीम ने बडगाम में एसडीएच चरार-ए-शरीफ में 500 एलपीएम मैनिफोल्ड ऑक्सीजन प्लांट का दौरा किया, जो विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित जेटीएफआरपी के तहत जम्मू और केरा द्वारा निर्मित कई गुना ऑक्सीजन संयंत्रों में से एक है।
बताया गया कि चरार-ए-शरीफ स्थित आक्सीजन प्लांट से दूरस्थ चरियर-ए-शरीफ तहसील के विभिन्न क्षेत्रों के लगभग एक लाख लोगों को सीधा लाभ होगा। विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित जेटीएफआरपी के तहत जे एंड केईआरए द्वारा जम्मू-कश्मीर के सबसे दूर-दराज के क्षेत्रों में 70 करोड़ रुपये की लागत से 30 ऑक्सीजन संयंत्रों का निर्माण किया गया है।
(आईएएनएस)
Created On :   26 March 2022 6:00 PM GMT