अमेरिकी नौसेना के एडमिरल माइकल गिल्डे भारत की पांच दिवसीय यात्रा पर

US Navy Admiral Michael Gilday on a five-day visit to India
अमेरिकी नौसेना के एडमिरल माइकल गिल्डे भारत की पांच दिवसीय यात्रा पर
अमेरिका-भारत नौसेना अमेरिकी नौसेना के एडमिरल माइकल गिल्डे भारत की पांच दिवसीय यात्रा पर

डिजिटल डेस्क,नयी दिल्ली। अमेरिकी नौसेना के अभियान प्रमुख एडमिरल माइकेल गिल्डे पांच दिन की सरकारी यात्रा पर भारत आए हुए हैं। आधिकारिक जानकारी के अनुसार एडमिरल गिल्डे की यह यात्रा सोमवार को शुरू हुई और वह शुक्रवार 15 अक्टूबर तक भारत में रहेंगे तथा इस दौरान मुंबई और विशाखापटनम भी जाएंगे। एडमिरल गिल्डे दिल्ली में भारत के नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह और सरकार के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रतिरक्षा क्षेत्र में सहयोग के मुद्दों पर बातचीत करेंगे।

इस यात्रा में वह मुंबई और विशाखापटनम भी जाएंगे तथा वहां भारतीय नौसेना की क्रमश: पश्चिमी कमान और स्थित पूर्वी कमान के कमान प्रमुख प्रमुखों से बातचीत करेंगे। आधिकारिक जानकारी के अनुसार एडमिरल गिल्डे भारत के पूर्वी तट के समीप अमेरिकी नौसेना के युद्धपोतों और सैनिकों के एक समूह के साथ भी मिलेंगे। इस अवसर पर उनके साथ भारत का एक प्रतिनिधिमंडल भी होगा। यहां अधिकारियों के अनुसार भारत और अमेरिका के संबंध घनिष्ठ और मित्रतापूर्ण हैं।

रक्षा क्षेत्र में दोनों देश आपसी विश्वास और भरोसे के साथ एक दूसरे के साथ सहयोग करते हैं। भारत और अमेरिका की नौसेनाएं अनेक मुद्दों पर परस्पर घनिष्ठतापूर्वक सहयोग करती आ रही हैं। गौरतलब है कि अमेरिका ने जून 2016 में भारत को अपने बड़े प्रतिरक्षा भागीदार का दर्जा दिया। उसके बाद उसके साथ भारत के प्रतिरक्षा संबंधों में गुणात्मक बदलाव आया है। हाल के वर्षों में भारत और अमेरिका ने प्रतिरक्षा एवं रणनीतिक क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए हाल के वर्षों में कई आधारभूत समझौते किए हैं।

इनमें 2015 का प्रतिरक्षा व्यवस्था का एक समझौता भी है, जिसके तहत दोनों देशों के रक्षा प्रतिष्ठान एक दूसरे के साथ सहयोग कर सकते हैं। इसी तरह दोनों देशों ने 2016 में एक-दूसरे की सैन्य इकाइयों के बीच पारस्परिक आधार पर लॉजिस्टिक्स सुविधाओं के आदान प्रदान के करार (लेमोआ) पर हस्ताक्षर किए। यह भी एक आधारभूत समझौता है। इसी तरह का एक समझौता सेनाओं के बीच उन्नत संचार के क्षेत्र में ताल-मेल और सुरक्षा का समझौता (कॉमकासा) भी हुआ है। इस पर सितंबर 2018 में हस्ताक्षर किए गए थे। दोनों देशों की एजेंसियों के बीच उन्नत भू-स्थानिक पौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग का करार भी हुआ है। मनोहर.श्रवण

(वार्ता)

 

 

 

Created On :   12 Oct 2021 4:30 PM IST

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