नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर क्या है? NRC से है कितना अलग

Understand What is National Population Register
नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर क्या है? NRC से है कितना अलग
नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर क्या है? NRC से है कितना अलग

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को जनगणना 2021 और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के अपडेशन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। जनगणना 2021 में आयोजित की जाएगी, जबकि एनपीआर का अपडेशन असम को छोड़कर सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में अप्रैल से सितंबर 2020 तक होगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जनगणना 2021 के लिए 8,754 करोड़ रुपये और NPR के अपडेशन के लिए 3,941 करोड़ रुपये खर्च करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) क्या है?
एनपीआर देश के स्थानीय निवासियों का एक रजिस्टर है। भारत के प्रत्येक स्थानीय निवासी के लिए एनपीआर में पंजीकरण कराना अनिवार्य है। इसमें भारतीय नागरिक के साथ-साथ विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। एनपीआर का उद्देश्य देश में हर स्थानीय निवासी का एक व्यापक पहचान डेटाबेस तैयार करना है। पहला राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर 2010 में तैयार किया गया था और 2015 के दौरान डोर टू डोर सर्वे करके इस डेटा का अपडेशन किया गया था। एनपीआर का अगला अपडेशन अगले वर्ष अप्रैल से सितंबर तक जनगणना 2021 के हाउसिंग फेज के साथ होगा। इसे स्थानीय (ग्राम / सब-टाउन), उर-जिला, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जा रहा है। "नागरिकता कानून 1955" और "नागरिकता पंजीयन व राष्ट्रीय पहचान पत्र आवंटन नियम, 2003" के तहत यह किया जा रहा है।

स्थानीय निवासी का अर्थ क्या है?
नागरिकता पंजीयन व राष्ट्रीय पहचान पत्र आवंटन नियम, 2003" के मुताबिक, एक स्थानीय निवासी वह व्यक्ति है जो पिछले 6 महीने या उससे अधिक समय तक स्थानीय क्षेत्र में निवास कर चुका है। या वह व्यक्ति जो अगले 6 महीने या उससे अधिक समय के लिए उस क्षेत्र में निवास करना चाहता है।

जनगणना क्या है?
जनगणना देश की जनसंख्या की गणना है। इसे 10 वर्षों के अंतराल में किया जाता है। जनगणना 2021 देश में 16 वीं जनगणना होगी क्योंकि पहली जनगणना 1872 में हुई थी। हालांकि, यह आजादी के बाद 8 वीं जनगणना होगी। पहली बार, जनगणना 2021 डेटा संग्रह के लिए मोबाइल ऐप का उपयोग किया जाएगा। यह जनता को सुविधा भी प्रदान करेगा।

NPR के लिए कौन-कौन सी जानकारी जरूरी है?
NPR के लिए प्रत्येक व्यक्ति को 21 बिंदुओं में जनसांख्यिकीय विवरण देना होगा।  इसमें माता-पिता की जन्म तिथि और स्थान, निवास का अंतिम स्थान, स्थायी खाता संख्या (पैन), आधार (स्वैच्छिक आधार पर), मतदाता पहचान पत्र नंबर, ड्राइविंग लाइसेंस नंबर और मोबाइल नंबर शामिल है। 2010 में किए गए अंतिम NPR में, डेटा को 15 बिंदुओं पर एकत्र किया गया था और इसमें माता-पिता के जन्म का स्थान, जन्म तारीख और अंतिम निवास स्थान शामिल नहीं था।

NPR और NRC में क्या फर्क है?
NPR का इस्तेमाल सरकार अपनी योजनाओं को लागू करने के लिए करती है। एनपीआर में लोगों द्वारा दी गई सूचना को ही सही माना जाता है। अगर कोई बाहरी व्यक्ति देश के किसी हिस्से में छह महीने से ज्यादा समय से रह रहा है, तो उसका ब्योरा भी एनपीआर में दर्ज किया जाता है। यह नागरिकता का प्रमाण नहीं होता। वहीं एनआरसी का उद्देश्य देश में अवैध रूप से रह रहे प्रवासियों की पहचान करना है। एनआरसी में लोगों से उनकी पहचान के वैध दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा जाता है। इसके बाद इन दस्तावेजों का परीक्षण किया जाता है और वैध नागरिकों की सूची प्रकाशित की जाती है। इसमें दावे-आपत्ति का प्रावधान भी होता है। इसके बाद नागरिकता की अंतिम सूची जारी की जाती है।

Created On :   24 Dec 2019 9:49 PM IST

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