गोवा: डिप्टी सीएम धवलीकर को पद से हटाया, कल बीजेपी में शामिल हुए थे एमजीपी के दो MLA

Two MLA from Maharashtrawadi Gomantak Party joined BJP in Goa
गोवा: डिप्टी सीएम धवलीकर को पद से हटाया, कल बीजेपी में शामिल हुए थे एमजीपी के दो MLA
गोवा: डिप्टी सीएम धवलीकर को पद से हटाया, कल बीजेपी में शामिल हुए थे एमजीपी के दो MLA

डिजिटल डेस्क, पणजी। गोवा में मंगलवार आधी रात से शुरू हुआ सियासी ड्रामा अभी भी जारी है। गोवा में मंगलवार रात एमजीपी के दो विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे। विधायकों के बीजेपी में आने के बाद अब मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने डिप्टी सीएम सुदीन धवलीकर को पद से हटा दिया है। धवालीकर ने एक हफ्ते पहले ही डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी। सीएम प्रमोद सावंत ने बुधवार को राज्यपाल मृदुला सिन्हा के नाम संबोधित पत्र में धवलीकर के हटाए जाने की जानकारी दी। 

दरअसल सीएम सावंत ने ये फैसला ऐसे समय में लिया है जब उपमुख्यमंत्री सुदीन धवालीकर की पार्टी महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के दो विधयकों ने बीजेपी में विलय कर लिया। गोवा विधानसभा में महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के 3 विधायक थे। इनमें से दो विधायक मनोहर अजगांवकर और दीपक पावस्कर बीजेपी में शामिल हो गए। सुदीन धवलीकर एक मात्र विधायक थे जो एमजीपी से अलग नहीं हुए थे।
एमजीपी के विधायक, मनोहर अजगांवकर और दीपक पवास्कर बीजेपी में शामिल हुए हैं। उन्होंने अपनी पार्टी के विलय के बारे में गोवा विधानसभा के अध्यक्ष को पत्र लिखकर जानकारी दी थी। 36 सदस्यों वाले सदन में बीजेपी के अब 14 विधायक हैं। 


दरअसल मंगलवार देर रात सहयोगी दल महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के दो-तिहाई विधायक विधानसभा अध्यक्ष के पास पहुंचे और कहा उन्होंने अपनी पार्टी का बीजेपी में विलय करने का फैसला किया है। कुल तीन विधायकों वाली इस पार्टी के दो विधायकों ने अपने हस्ताक्षर का पत्र भी स्पीकर माइकल लोबो को सौंपा। पार्टी के तीसरे विधायक सुदिन धवलीकर ने इस पर हस्ताक्षर नहीं किया था। 

नियम के अनुसार अगर किसी पार्टी के दो-तिहाई विधायक अलग होकर दल बनाते हैं तो उन पर दल-बदल कानून लागू नहीं होता। इस वजह से उनकी सदस्यता रद्द नहीं होती। एमजीपी के कुल तीन में से दो विधायकों के अलग होने के कारण इस मामले में अब दल-बदल कानून के तहत कार्रवाई नहीं हो सकती। दल-बदल कानून के तहत कम से कम दो तिहाई विधायक अगर एक साथ पार्टी छोड़ते हैं, तभी उन्हें एक पृथक दल के रूप में मान्यता दी जा सकती है और पार्टी छोड़ने वाले विधायकों की विधानसभा सदस्यता भी बरकरार रह सकती है।


 

 

दीपक पवास्कर ने दावा किया है कि उन्हें प्रमोद सावंत सरकार में मंत्री पद दिया जाएगा। इस सियासी ड्रामा से 36 सदस्यीय सदन में बीजेपी के विधायकों की संख्या 12 से बढ़कर 14 हो गई है। अब बीजेपी के विधायकों की संख्या कांग्रेस के बराबर हो गई है। एमजीपी 2012 से ही बीजेपी की सहयोगी पार्टी रही है। 

Created On :   27 March 2019 7:55 AM IST

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