स्ट्राइक: ट्रेड यूनियनों का 'भारत बंद' आज, जानिए इससे जु़ड़ी हर एक बात
- सरकार की 'जनविरोधी' नीतियों के विरोध में की जा रही इस ऑल इंडिया स्ट्राइक
- दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों का देशव्यापी हड़ताल का आह्वान
- हड़ताल का असर बैंकिंग
- परिवहन और अन्य मुख्य सेवाओं पर पड़ सकता है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साथ-साथ विभिन्न स्वतंत्र फेडरेशनों और एसोसिएशनों ने 8 जनवरी, 2020 को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। सरकार की "जनविरोधी" नीतियों के विरोध में की जा रही इस ऑल इंडिया स्ट्राइक में लगभग 25 करोड़ लोगों के शामिल होने का दावा किया जा रहा है। पिछले साल सितंबर में 8 जनवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल करने का प्रस्ताव पारित किया गया था। इस हड़ताल का असर बैंकिंग, परिवहन और अन्य मुख्य सेवाओं पर पड़ सकता है।
बंद से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें:
* हड़ताल के कारण देश भर में बैंकिंग, परिवहन और अन्य सेवाओं के बुधवार को प्रभावित होने की संभावना है। हड़ताल और बैंकिंग सेवाओं पर इसके प्रभाव के बारे में कई बैंकों ने स्टॉक एक्सचेंजों को पहले ही सूचित कर दिया है। बैंकिंग सेवाओं जैसे जमा और निकासी, चेक क्लियरिंग और इंस्ट्रूमेंट जारी करने पर प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।
* राष्ट्रव्यापी हड़ताल के कारण बैंकिंग के अलावा परिवहन और अन्य प्रमुख सेवाएं कई राज्यों में बाधित होने की संभावना है।
* केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को अपने कर्मचारियों को हड़ताल में भाग लेने से रोकने के लिए कहा है और उन्हें सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए एक कंटीजेंसी प्लान तैयार करने की सलाह दी है।
* सरकार की ओर से जारी एक कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है, "विरोध प्रदर्शन सहित किसी भी रूप में हड़ताल में शामिल हो रहे किसी भी कर्मचारी को परिणाम भुगतना पड़ेगा। कर्मचारी पर वेतन कटौती के अलावा उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है।"
* 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों (सीटीयू) ने एक संयुक्त बयान में कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि आगामी 8 जनवरी, 2020 को होने वाली नेशनल जनरल स्ट्राइक में कम से कम 25 करोड़ लोग शामिल होंगे।"
* छात्रों के लगभग 60 संगठनों और कुछ विश्वविद्यालयों के निर्वाचित पदाधिकारियों ने भी शिक्षा के व्यावसायीकरण और फीस स्ट्रक्चर में बढ़ोतरी के एजेंडे को लेकर ड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है।
* 175 से अधिक किसानों और कृषि श्रमिकों यूनियनों के संयुक्त मंच ने भी श्रमिकों की मांगों को लेकर अपना समर्थन दिया है। संयुक्त मंच 8 जनवरी को अपनी मांगों के चार्टर के साथ ग्रामीण भारत बंद के रूप में मनाएगा।
* पश्चिम बंगाल में वाम दलों और अन्य दलों से जुड़ी ट्रेड यूनियनों ने केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की आर्थिक नीतियों के खिलाफ बंद का आह्वान किया था। हालांकि, राज्य सरकार ने कहा कि वह किसी भी बंद का समर्थन नहीं करेगी।
Created On :   8 Jan 2020 12:24 AM IST