आतंकवादी हमले के 21 साल बाद कड़ी सुरक्षा, अतिरिक्त पेट्रोलिंग

Tight security, extra patrolling after 21 years of Parliament attack
आतंकवादी हमले के 21 साल बाद कड़ी सुरक्षा, अतिरिक्त पेट्रोलिंग
संसद हमला आतंकवादी हमले के 21 साल बाद कड़ी सुरक्षा, अतिरिक्त पेट्रोलिंग
हाईलाइट
  • दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को अपने क्षेत्रों में अतिरिक्त गश्त करने के लिए कहा गया है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इक्कीस साल पहले पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के पांच आतंकवादियों ने गृह मंत्रालय और संसद के नकली स्टिकर वाली एक सफेद एम्बेसडर कार में भारतीय संसद के परिसर में घुसपैठ करके भारतीय संसद पर हमला किया था।

इसके बाद से दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। सभी संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया। 13 दिसंबर 2001, देश के उन लोगों के जेहन में आज भी ताजा है जिन्होंने इसे देखा था। इस घटना से सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया था।

संसद पर हमला करने वाले आतंकवादियों के पास एके 47 राइफल, ग्रेनेड लांचर, पिस्तौल और ग्रेनेड था और संसद परिसर के चारों ओर सुरक्षा घेरा तोड़ने में सक्षम रहे थे। तभी उनकी कार पर कांस्टेबल कमलेश कुमारी यादव की नजर पड़ गई। आतंकियों को इस बात का अंदाजा नहीं था कि यादव ने उनकी संदिग्ध गतिविधियों को देख लिया है।

हवलदार को शक हुआ तो उसने भागकर गेट नंबर एक को बंद कर दिया, जहां वह उस समय तैनात थी। यादव पर आतंकियों ने 11 बार फायरिंग की। उसकी मौके पर ही मौत हो गई लेकिन वह आत्मघाती हमले को विफल करने में सफल रही। यादव को मारने के बाद आतंकी अंधाधुंध फायरिंग करते हुए आगे बढ़ते गए। करीब 30 मिनट तक यह सब चला, जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई और 18 अन्य घायल हो गए।

इस दौरान सुरक्षा एजेंसियां कार्रवाई में जुट गईं और सभी पांच आतंकवादियों को मार गिराया गया। मामला दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को दिया गया था। तत्कालीन पुलिस उपायुक्त अशोक चांद ने कहा कि जब हमला हुआ तब वह विशेष प्रकोष्ठ के कार्यालय में थे। उन्होंने बताया कि सूचना मिलने के बाद वह मौके पर पहुंचे और अन्य लोगों को इसकी सूचना दी। चांद जब संसद पहुंचे, तब भी हमला जारी था। कुछ ही मिनटों में स्पेशल सेल के अन्य अधिकारी भी वहां पहुंच गए।

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों ने आतंकवादियों को मार गिराया। सीआरपीएफ की बटालियन हाल ही में जम्मू-कश्मीर से लौटी थी और संसद भवन में तैनात थी। सीआरपीएफ की टीम अच्छी तरह जानती थी कि आतंकवादियों से कैसे निपटना है क्योंकि वह जम्मू-कश्मीर में ऐसे तत्वों से निपट रहे थे। हालांकि यह सुरक्षा बलों की अत्यधिक बहादुरी थी, जिसने स्थिति पर जल्द काबू पा लिया, संसद के वॉच एंड वार्ड स्टाफ ने भी कई लोगों की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

अगले 72 घंटों में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इस मामले का पदार्फाश कर दिया। स्पेशल सेल के जवानों ने इस सिलसिले में चार लोगों मोहम्मद अफजल गुरु, शौकत हुसैन, अफसल गुरु और एसएआर गिलानी को गिरफ्तार किया।

दिल्ली पुलिस ने किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को अपने क्षेत्रों में अतिरिक्त गश्त करने के लिए कहा गया है।

(आईएएनएस)

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Created On :   12 Dec 2022 9:00 PM IST

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