महाराष्ट्र में सियासी ड्रामा, शिवसेना का सरकार बनाने का दावा फेल, अब एनसीपी को न्योता
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में किसकी सरकार बनेगी इस पर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। शिवसेना का सरकार बनाने का दावा फेल होने के बाद अब राज्यपाल ने एनसीपी को न्योता भेजा है। उसे मंगलवार शाम 8 बजे तक बहुमत साबित करना होगा। एनसीपी तीसरी बड़ी पार्टी है। चुनावों में एनसीपी ने 54 सीटें जीती थी। अगर एनसीपी को सरकार बनानी है तो उसे कांग्रेस और शिवसेना के समर्थन की जरुरत पड़ेगी।
राज्यपाल से चिट्ठी मिलने के बाद एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा, "हम कांग्रेस के साथ विचार-विमर्श करेंगे और देखेंगे कि राज्य को एक स्थिर सरकार कैसे प्रदान की जा सकती है।" एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने कहा, "हमने राज्यपाल से मुलाकात की है और उनसे कहा है कि हमारी सहयोगी पार्टी कांग्रेस के साथ बातचीत के बाद जल्द ही हम अपनी स्थिति स्पष्ट करेंगे।"
बीजेपी के सरकार बनाने से इनकार करने के बाद शिवसेना को रविवार को राजभवन से सरकार बनाने को लेकर चिट्ठी भेजी गई थी। उन्हें सोमवार शाम 07.30 बजे तक का सरकार बनाने का दावा पेश करने का समय दिया गया था। चिट्ठी मिलने के बाद सोमवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता राज्यपाल से मिलने पहुंचे। हालांकि कांग्रेस के समर्थन की चिट्ठी न मिलने के कारण शिवसेना सरकार बनाने का दावा पेश नहीं कर पाई। शिवसेना ने राज्यपाल से बहुमत साबित करने के लिए 3 दिनों का वक्त मांगा, लेकिन उन्होंने वक्त देने से इनकार कर दिया।
राज्यपाल से मिलने के बाद शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि एनसीपी और कांग्रेस, शिवसेना को सरकार बनाने के लिए समर्थन देने पर सैद्धांतिक रूप से सहमत है। उन्होंने कहा कि हम महाराष्ट्र में स्थिर सरकार चाहते हैं। उन्होंने कहा, दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में यहां आना हमारा अधिकार था। हमने सरकार बनाने के लिए अपनी इच्छा व्यक्त की है, हमने प्रक्रिया को पूरी करने के लिए 48 घंटे का और समय देने के लिए कहा है।
उधर, दिनभर चली बैठक के बाद कांग्रेस ने कहा कि उनकी अभी समर्थन को लेकर एनसीपी के साथ बात चल रही है। कांग्रेस नेता माणिकराव ठाकरे ने कहा, "न तो हमारा और न एनसीपी का पत्र अभी तक महाराष्ट्र के राज्यपाल के पास गया है। यह निर्णय लिया गया है कि पवार साहब (शरद पवार) के साथ चर्चा के बाद अगला कदम उठाया जाएगा।"
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "हमने पहले ही एक प्रेस नोट जारी किया है जिसमें बताया है कि हमने कार्यसमिति के सदस्यों और हमारे पीसीसी नेताओं के साथ चर्चा की है। हमारी एआईसीसी अध्यक्ष ने शरद पवार जी से बात की है। आगे की चर्चा कल मुंबई में होगी।"
बता दें कि 24 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित किए जाने के बाद से सरकार बनाने को लेकर माथापच्ची की जा रही है। चुनाव में भाजपा ने 105 सीटें, शिवसेना ने 56, शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटें जीतीं।
शिवसेना और भाजपा ने 288 सदस्यीय विधानसभा की 161 सीटों पर जीत हासिल कर 145 के बहुमत के आंकड़े को आसानी से पार कर लिया है, लेकिन दोनों के बीच सीएम पद को लेकर सहमति नहीं बन पाई है।
बीजेपी नेता देवेन्द्र फडणवीस ने शुक्रवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप दिया था। इस्तीफा सौंपने के बाद फडणवीस ने दावा किया था कि शिवसेना को कभी भी ढाई साल के लिए सीएम पद देने का वादा नहीं किया गया। वहीं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरने ने फडणवीस के बयान को झूठा बताया था। ठाकरे ने कहा था, सबको पता है झूठ कौन बोल रहा है।
शिवसेना का दावा है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले उनके और भाजपा के बीच आपसी सहमति से 50-50 फॉर्मूला तय किया गया था। जिसके मुताबिक दोनों पार्टियों को प्रदेश में ढाई-ढाई साल तक अपनी सरकार चलानी थी। शिवसेना का आरोप है कि भाजपा दोनों पार्टियों के बीच हुए इस फैसले से मुकर रही है।
Created On :   11 Nov 2019 3:33 PM GMT