सुप्रीम कोर्ट आज सुबह 10.30 बजे सुनाएगी फैसला, चप्पे-चप्पे पर कड़ी सुरक्षा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अयोध्या राम जन्म भूमि और बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट आज (शनिवार) सुबह 10:30 बजे फैसला सुनाएगी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले उत्तर प्रदेश में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। लखनऊ समेत कई शहरों में पुलिस फ्लैग मार्च करेगी। इसके अलावा शनिवार को सभी स्कूल और कॉलेज यूपी में बंद रहेंगे।
इस फैसले के मद्देनजर आज शुक्रवार को दिन में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई से उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी और डीजीपी ओपी सिंह ने बैठक की। इस बैठक में दोनों अधिकारियों ने मुख्य न्यायाधीश को उत्तर प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जानकारी दी। बैठक खत्म के बाद मुख्य सचिव और डीजीपी उत्तर प्रदेश के लिए रवाना हो गए हैं।
Supreme Court to deliver verdict in the #Ayodhya land dispute case tomorrow. https://t.co/pC6Ri3ZhyU pic.twitter.com/H21ZG2MmSY
— ANI (@ANI) November 8, 2019
LIVE:
- अलीगढ़ जिला मजिस्ट्रेट चंद्र भूषण सिंह ने कहा, "पूरे जिले में 12 बजे (08.11.2019) से 12 बजे (09.11.2019) तक सभी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहेगी।
Aligarh District Magistrate (DM), Chandra Bhushan Singh: All mobile internet services to remain suspended from 12 AM (08.11.2019) to 12 AM (09.11.2019) in the entire district.
— ANI UP (@ANINewsUP) November 8, 2019
- बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त, भास्कर राव ने कहा, "हमने आवश्यक तैनाती की है। बेंगलुरू में सुबह 7 बजे से 12 बजे के बीच धारा 144 लगा दी गई है। सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। शराब की दुकानें शनिवार को बंद रहेंगी।"
Bengaluru police commissioner,Bhaskar Rao: We"ve made necessary deployments. Sec 144 CrPC (prohibits assembly of more than 4 people in an area)imposed in Bangalore from 7 am-12 midnight. Social media will be strictly monitored. Liquor shops will remain closed tomorrow. #Karnataka pic.twitter.com/2lgJYIANW1
— ANI (@ANI) November 8, 2019
- हैदराबाद शहर के पुलिस आयुक्त अंजनी कुमार ने कहा, "हमने हैदराबाद में स्थिति को नियंत्रण में रखने और शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए हैं। शहर में संवेदनशील इलाकों में विशेष तैनाती की गई है।"
Anjani Kumar, Commissioner of Police, Hyderabad City: We have taken all necessary measures to keep the situation under control in Hyderabad to maintain peace and laworder. Special deployment has been done in the sensitive areas in the city. #AyodhyaVerdict
— ANI (@ANI) November 8, 2019
- जम्मू के सभी 10 जिलों में धारा 144 (एक क्षेत्र में 4 से अधिक लोगों की सभा पर प्रतिबंध लगाया गया है)। सभी निजी और सरकारी स्कूल और कॉलेज शनिवार को बंद रहेंगे।
Jammu: Section 144 (prohibits assembly of more than 4 people in an area) has been imposed in all 10 districts of Jammu. All private as well as government schools and colleges to remain closed tomorrow. #AyodhyaVerdict
— ANI (@ANI) November 8, 2019
- उत्तराखंड के डायरेक्टर जनरल (लॉ एंड ऑर्डर) ने कहा, "सभी 13 जिलों की पुलिस को अवांछनीय तत्वों और संवेदनशील स्थानों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए। देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर और नैनीताल में सख्ती बरतने के निर्देश दिए। अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए जा रहे हैं।"
Director General (LawOrder), Uttarakhand: Police of all 13 districts instructed to keep a close watch on undesirable elementson sensitive places. Instructions issued to maintain strict vigil in Dehradun,Haridwar,Udhamsinghnagar Nainital. Extra security personnel being deployed
— ANI (@ANI) November 8, 2019
- कर्नाटक में शनिवार को सभी कॉलेज और स्कूल बंद रहेंगे।
Karnataka: All schools and colleges to remain closed tomorrow. #AyodhyaVerdict
— ANI (@ANI) November 8, 2019
- भोपाल के कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट ने अयोध्या के फैसले के मद्देनजर जिले में धारा 144 (4 से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध) लगाया गया है। सभी निजी और सरकारी स्कूल, कॉलेज कल बंद रहेंगे।
Collector and District Magistrate of Bhopal on #Ayodhya verdict: Section 144 (gathering of more than 4 people banned) has been imposed in the district. All private government schools, colleges to remain closed tomorrow. #MadhyaPradesh
— ANI (@ANI) November 8, 2019
- पीएम मोदी ने कहा, "अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, वो किसी की हार-जीत नहीं होगा। देशवासियों से मेरी अपील है कि हम सब की यह प्राथमिकता रहे कि ये फैसला भारत की शांति, एकता और सद्भावना की महान परंपरा को और बल दे।
अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, वो किसी की हार-जीत नहीं होगा। देशवासियों से मेरी अपील है कि हम सब की यह प्राथमिकता रहे कि ये फैसला भारत की शांति, एकता और सद्भावना की महान परंपरा को और बल दे।
— Narendra Modi (@narendramodi) November 8, 2019
अयोध्या में अर्धसैनिक बल के 4,000 जवान तैनात
अयोध्या विवाद पर फैसले को लेकर योगी सरकार से लेकर पूरा प्रशासनिक अमला हाई अलर्ट पर आ चुका है। इस कड़ी सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों साथ सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की।
संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, गृह मंत्रालय (MHA) ने उत्तर प्रदेश, विशेषकर अयोध्या में सुरक्षा तैनाती के लिए लगभग 4,000 अर्धसैनिक बल के जवानों को तैनात किया है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया, "सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एक जनरल एडवाइजरी भेजी गई है, जिसमें सभी संवेदनशील स्थानों पर पर्याप्त सुरक्षाकर्मी तैनात करने और यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि देश में कहीं भी कोई अप्रिय घटना न हो।"
क्या है अयोध्या मामला?
टाइटल विवाद की कानूनी लड़ाई हिंदू और मुस्लिमों के बीच है, जिसमें दावा किया गया है कि विवादित भूमि वास्तव में भगवान राम की जन्मभूमि है, जहां बाबर के सेनापति मीर बाकई ने 1528 में एक मस्जिद का निर्माण किया था।
इलहाबाद हाईकोर्ट ने चार अलग-अलग सिविल केस पर फैसला सुनाते हुए विवादित 2.77 एकड़ जमीन को सभी तीन पक्षों, सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला विराजमान, के बीच समान बंटवारे को कहा था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली अपीलों पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने सुनवाई की। बेंच के सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायामूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस ए नजीर शामिल थे।
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले को पहले मध्यस्थता से हल करने की कोशिश की थी। 8 मार्च 2019 को जस्टिस एफएम कलीफुल्ला की अध्यक्षता में 3 सदस्यों की एक समिति भी गठित की गई थी। सुप्रीम कोर्ट चाहता था, समिति आपसी समझौते से सर्वमान्य हल निकाले। इस समिति में आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर और वरिष्ठ वकील श्रीराम पांचू शामिल थे।
समिति ने बंद कमरे में संबंधित पक्षों से बात की लेकिन हिंदू पक्षकार गोपाल सिंह विशारद ने सुप्रीम कोर्ट के सामने निराशा व्यक्त करते हुए लगातार सुनवाई की गुहार लगाई। 155 दिन के विचार-विमर्श के बाद मध्यस्थता समिति ने रिपोर्ट पेश की और कहा, वह सहमति बनाने में सफल नहीं हुए हैं। जिसके बाद कोर्ट ने रोजाना सुनवाई शुरू की।
सीजेआई गोगोई की अगुवाई वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने 16 अक्टूबर को मैराथन 40 दिनों की सुनवाई के बाद राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
Created On :   8 Nov 2019 9:23 PM IST