अयोध्या विवाद: उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और DGP से CJI रंजन गोगोई की बैठक खत्म

Supreme Court has summoned Uttar Pradesh DGP OP Singh and Chief Secretary RK Tiwari today
अयोध्या विवाद: उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और DGP से CJI रंजन गोगोई की बैठक खत्म
अयोध्या विवाद: उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और DGP से CJI रंजन गोगोई की बैठक खत्म

डिजिटल डेस्क, दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद पर अपना फैसला सुनाने से पहले उत्तर प्रदेश में हर प्रकार की तैयारियों को परखना चाहती है। इसी क्रम में आज (शुक्रवार) सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई से उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी और डीजीपी ओपी सिंह ने बैठक की। इस बैठक में दोनों अधिकारियों ने मुख्य न्यायाधीश को उत्तर प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जानकारी दी। बैठक खत्म के बाद मुख्य सचिव और डीजीपी उत्तर प्रदेश के लिए रवाना हो गए हैं। 

 

 

अयोध्या विवाद पर फैसले को लेकर योगी सरकार से लेकर पूरा प्रशासनिक अमला हाई अलर्ट पर आ चुका है। इस कड़ी सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों साथ सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। गौरतलब है कि केंद्र ने गुरुवार को सभी राज्यों से राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले सतर्क रहने को कहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि टॉप कोर्ट 17 नवंबर को भारत के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के रिटायर होने से पहले इस मामले पर अपना फैसला सुनाएगी।

संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, गृह मंत्रालय (MHA) ने उत्तर प्रदेश, विशेषकर अयोध्या में सुरक्षा तैनाती के लिए लगभग 4,000 अर्धसैनिक बल के जवानों को भेजा है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया, "सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एक जनरल एडवाइजरी भेजी गई है, जिसमें सभी संवेदनशील स्थानों पर पर्याप्त सुरक्षाकर्मी तैनात करने और यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि देश में कहीं भी कोई अप्रिय घटना न हो।"

मंत्रालय ने कानून और व्यवस्था बनाए रखने में राज्य सरकार की सहायता के लिए अर्धसैनिक बलों की 40 कंपनियों को यूपी के लिए रवाना किया है। अर्धसैनिक बलों की एक कंपनी में लगभग 100 कर्मी होते हैं। सीजेआई गोगोई की अगुवाई वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने 16 अक्टूबर को मैराथन 40 दिनों की सुनवाई के बाद राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

 

Created On :   8 Nov 2019 9:41 AM IST

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