Sexual abuse case:चिन्मयानंद की जमानत को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज
- चिन्मयानंद को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली जमानत रद्द करने की मांग वाली याचिका खारिज
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा नेता चिन्मयानंद को कानून की छात्रा के यौन शोषण मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दी गई जमानत को रद्द करने की मांग वाली याचिका मंगलवार को खारिज कर दी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था कि यह आपसी लेनदेन का एक मामला है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता द्वारा मामले की सुनवाई दिल्ली स्थानांतरित करने के लिए दाखिल एक अलग याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य लोगों को एक नोटिस जारी किया।
Supreme Court issues notice to former BJP MP Chinmayanand (accused in sexual assault of a law student from Shahjahanpur) on a plea seeking transfer of rape trial against him from Uttar Pradesh to Delhi. pic.twitter.com/iBDQMcGmm2
— ANI (@ANI) March 3, 2020
न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा, इलाहाबाद हाईकोर्ट पहले ही अपने आदेश में जमानत देने का कारण बता चुकी है। तीन फरवरी को हाईकोर्ट ने चिन्मयानंद को जमानत दे दी थी। उन्हें उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में उनके ट्रस्ट द्वारा संचालित लॉ कॉलेज की एक छात्रा का यौन शोषण करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
हाईकोर्ट ने कहा था कि दोनों ने एक-दूसरे का इस्तेमाल किया। न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने कहा था, दोनों ही पक्षों ने अपनी हदें पार कर दी हैं। यह तय करना मुश्किल है कि किसने किसका शोषण किया। वास्तव में दोनों ने एक-दूसरे का इस्तेमाल किया।
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चिन्मयानंद को पिछले 20 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। पिछले साल अगस्त में कानून की 23 वर्षीय छात्रा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप जारी कर यौन शोषण का आरोप लगाया था। उसके बाद वह लापता हो गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने उसके बाद मामले में हस्तक्षेप किया था। एसआईटी ने इस मामले में छात्रा को भी गिरफ्तार किया था कि वह और उसके दोस्त चिन्मयानंद से कथित रूप से पांच करोड़ रुपये वसूलने का प्रयास कर रहे थे।
Created On :   3 March 2020 9:36 AM GMT