Smart India Hackathon 2020: पीएम मोदी बोले- हमने दुनिया को एक से बढ़कर एक वैज्ञानिक और उद्यमी दिए
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (शनिवार, 1 अगस्त) स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2020 के ग्रैंड फिनाले को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने छात्रों से कहा कि इन परिस्थितियों में इस प्रतियोगिता को कराना पहली चुनौती थी। जिन चुनौतियों पर आप काम कर रहे हैं, मैं उनके बारे में जानने के लिए उत्सुक हूं। हमें हमेशा से गर्व रहा है कि बीती सदियों में हमने दुनिया को एक से बढ़कर एक साइंटिस्ट, तकनीशियन, प्रौद्योगिकी और उद्यमी दिए हैं। लेकिन, आज तेजी से बदलती हुई दुनिया में भारत को अपनी वही प्रभावी भूमिका निभाने के लिए उतनी ही तेजी से बदलना होगा।
उन्होंने कहा कि हमारी सुविधाओं को प्रभावी, इंटरैक्टिव और लोगों के अनुकूल बनाने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक बहुत बड़ी सुविधा हो सकती है। पीएम ने छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि डेटा-संचालित समाधानों के साथ, हेल्थकेयर समाधान एक बड़ा बदलाव पैदा कर रहे हैं। गरीबों के अधिकांश इलाकों को इस कारण आज सस्ती सेवाएं मिल रही हैं और आयुष्मान भारत योजना के तहत हमारा ये उद्देश्य भी है।
स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2020 में प्रधानमंत्री ने ये बड़ी बातें कहीं
- ऑनलाइन एजुकेशन के लिए नए संसाधनों का निर्माण हो या फिर स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन जैसे ये अभियान, प्रयास यही है कि भारत की शिक्षा और आधुनिक बने, मॉडर्न बने, यहां प्रतिभा को पूरा अवसर मिले।
- इसी कड़ी में कुछ दिन पहले देश की नई एजुकेशन पॉलिसी का ऐलान किया गया है। ये पॉलिसी 21वीं सदी के नौजवानों की सोच, उनकी जरूरतें, उनकी आशाओं-अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को देखते हुए बनाई गई है।
- पुरानी शिक्षा व्यवस्था की अप्रोच ने देश को बहुत बड़ी आबादी ऐसी दी है, जो पढ़ी-लिखी तो है, लेकिन जो उसने पढ़ा है उसमें से अधिकांश, उसके काम नहीं आता। डिग्रियों के अंबार के बाद भी वो अपने आप में एक अधूरापन महसूस करता है।
- नई एजूकेशन पॉलिसी के माध्यम से इसी अप्रोच को बदलने का प्रयास किया जा रहा है, पहले की कमियों को दूर किया जा रहा है। भारत की शिक्षा व्यवस्था में अब एक सिस्टेमेटिक रिफॉर्म, शिक्षा का इनटेंट और कंटेंट, दोनों को परिवर्तित करने का प्रयास है।
- हमारे संविधान के मुख्य शिल्पी, हमारे देश के महान शिक्षाविद बाबा साहेब आंबेडकर कहते थे कि शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो सभी की पहुंच में हो, सभी के लिए सुलभ हो। ये शिक्षा नीति, उनके इस विचार को भी समर्पित है।
- ये Education Policy, Job seekers के बजाय Job Creators बनाने पर बल देती है। यानि एक प्रकार से ये हमारे Mindset में, हमारी अप्रोच में ही रिफॉर्म लाने का प्रयास है।
- हमारे देश में भाषा- Language हमेशा से एक संवेदनशील विषय रही है। इसी एक बड़ी वजह ये है कि हमारे यहां स्थानीय भाषा को अपने हाल पर ही छोड़ दिया गया, उसे पनपने और आगे बढ़ने का मौका बहुत कम मिला।
- अब एजुकेशन पॉलिसी में जो बदलाव लाए गए हैं, उससे भारत की भाषाएं आगे बढ़ेंगी, उनका और विकास होगा। ये भारत के ज्ञान को तो बढ़ाएंगी ही, भारत की एकता को भी बढ़ाएंगी।
- इससे विश्व का भी भारत की समृद्ध भाषाओं से परिचय होगा। और एक बहुत बड़ा लाभ ये होगा की विद्यार्थियों को अपने शुरुआती वर्षों में अपनी ही भाषा में सीखने को मिलेगा।
- वैसे भी आज GDP के आधार पर विश्व के top 20 देशों की लिस्ट देखें तो ज्यादातर देश अपनी गृहभाषा, मातृभाषा में ही शिक्षा देते हैं। ये देश अपने देश में युवाओं की सोच और समझ को अपनी भाषा में विकसित करते हैं और दुनिया के साथ संवाद के लिए दूसरी भाषाओं पर भी बल देते हैं।
- एक ओर जहां स्थानीय लोक कलाओं और विद्याओं, शास्त्रीय कला और ज्ञान को स्वभाविक स्थान देने की बात है तो वहीं Top Global Institutions को भारत में campus खोलने का आमंत्रण भी है।
- देश की युवा शक्ति पर मुझे हमेशा से बहुत भरोसा रहा है। ये भरोसा क्यों है, ये देश के युवाओं ने बार-बार साबित किया है।
- हाल ही में कोरोना से बचाव के लिए फेस शील्ड्स की डिमांड एकदम बढ़ गई थी। इस डिमांड को 3D Printing टेक्नॉलॉजी के साथ पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर देश के युवा आगे आए।
- देश के गरीब को एक Better Life देने के, Ease of Living के हमारे लक्ष्य को हासिल करने में आप सभी युवाओं की भूमिका बहुत अहम है। मेरा हमेशा से ये मानना रहा है कि देश के सामने आने वाली ऐसी कोई चुनौती नहीं है जिससे हमारा युवा टक्कर ना ले सके, उसका समाधान ना ढूंढ सके।
- स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन के माध्यम से भी बीते सालों में अद्भुत Innovations देश को मिले हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि इस Hackathon के बाद भी आप सभी युवा साथी, देश की जरूरतों को समझते हुए, देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए, नए-नए solutions पर काम करते रहेंगे।
Created On :   1 Aug 2020 6:16 PM IST