भारत में तीसरी वैक्सीन: दिल्ली के अपोलो अस्पताल में आज पहुंचेंगी स्पुतनिक-V की एक हजार डोज, 20 जून से लोगों को लगाया जाएगा टीका
- 20 जून से लोगों को लगाया जा सकता है स्पुतनिक-V का टीका
- डॉ. रेड्डी लैबोरेट्रीज के कर्मचारियों को लग चुकी है स्पुतनिक-V
- भारत में स्पुतनिक-V वैक्सीन की एक हजार डोज पहुंचेंगी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली के अपोलो अस्पताल में आज रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-वी की एक हजार खेप पहुंचेंगी। 20 जून से वैक्सीन की डोज आम लोगों को दी जाने लगेगी। इसी के साथ ये भारत में लगाई जाने वाली तीसरी वैक्सीन होगी। स्पुतनिक-वी से पहले देश में भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और सीरम इंस्टि्यूट की कोविशील्ड लगाई जा रही है। दिल्ली के अपोलो अस्पताल में स्पूतनिक वैक्सीन लगनी शुरू भी हो चुकी है, हालांकि यह फिलहाल डॉ. रेड्डी लैबोरेट्रीज के कर्मचारियों को लगाई जा रही है। 170 कर्मचारियों को रविवार को वैक्सीन की पहली डोज दी गई।
स्पूतनिक-V वैक्सीन की एफिकेसी 90 प्रतिशत से भी ज्यादा है। भारत में तेजी से फैले डेल्टा वैरिएंट B.1.617.2 के खिलाफ यह कितना असरदार है, हमारे लिए यह जानना जरूरी है। रूस के जाने-माने माइक्रोबायोलॉजिस्ट एलेक्जेंडर जिंट्सबर्ग के मुताबिक, स्पूतनिक V भारत में मिले कोरोना वायरस के वैरिएंट के खिलाफ पर्याप्त एंटीबॉडी बनाती है।
स्पूतनिक V को कोल्ड-टाइप वायरस से बनाया गया है। वायरस को इंजिनियर करके इससे होने वाला खतरा खत्म किया जाता है और फिर इसे कैरियर के तौर पर इस्तेमाल करके शरीर में कोरोना वायरस का एक हिस्सा पहुंचाया जाता है। इम्यून सिस्टम वायरस के जेनेटिक कोड को पहचानता है और बिना बीमार पड़े उससे लड़ता है। इससे शरीर में कोरोना वायरस के खिलाफ खास ऐंटीबॉडी बनती हैं।
बता दें कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को स्पुतनिक वी वैक्सीन के मैन्युफैक्चरिंग की पहले ही मंजूरी दे चुका है। सीरम इंस्टीट्यूट ने टेस्ट, एनालिसिस और एग्जामिनेशन के लिए डीसीजीआई के पास आवेदन किया था। डीजीसीई ने सीरम इंस्टीट्यूट को हडपसर, पुणे में उनकी लाइसेंस फैसिलिटी में कुछ शर्तों के साथ ये मंजूरी दी है। भारत में अभी स्पुतनिक-वी का निर्माण डॉ रेड्डीज लेबोरेटरीज द्वारा भी किया जा रहा है।
पुणे स्थित कंपनी ने भारत में स्पुतनिक वी डेवलप करने के लिए रूस में गमालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी, मॉस्को के साथ कोलाबोरेट किया है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया पहले से ही "कोविशील्ड" नाम से ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका कोविड -19 वैक्सीन का उत्पादन कर रही है और सरकार से कहा है कि वह जून में इसकी 10 करोड़ खुराक की आपूर्ति करेगी। सीरम इंस्टीट्यूट नोवावैक्स वैक्सीन का भी निर्माण कर रहा है, जिसके लिए अमेरिका से नियामक मंजूरी का इंतजार है।
Created On :   15 Jun 2021 8:39 AM IST