Tractor Rally : किसानों ने 8 बसें, 17 गाड़ियां तोड़ीं, 86 पुलिसकर्मी घायल हुए, पुलिस ने दर्ज की 7 FIR
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कृषि कानूनों को रद्द करने पर अड़े किसानों ने मंगलवार को दिल्ली की सीमाओं के आसपास ट्रैक्टर रैली निकाली। इस दौरान किसानों ने कई जगह पर उत्पात मचाया। दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर मार्च के दौरान नांगलोई, आईटीओ और लाल किले के पास जमकर बवाल हुआ। किसानों ने लाल किले की प्रचीर पर तिरंगे की जगह अपना झंडा फहराया। ऐसे में लाल किले से किसानों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया, तो किसानों ने तोड़फोड़ शुरू कर दी। यहां अफवाहें रोकने के लिए इंटरनेट भी बंद कर दिया गया। हालांकि अब धीरे-धीरे हालात सामान्य होते जा रहे हैं।
इधर, दिल्ली में बिगड़ते हालात के मद्देनजर गृह मंत्री अमित शाह ने आपात बैठक बुलाई। मीटिंग में दिल्ली पुलिस, इंटेलिजेंस और गृह मंत्रालय के आला अधिकारी मौजूद रहे। गृह मंत्रालय के सचिव अजय भल्ला ने शाह को दिल्ली के हालात की जानकारी दी। भल्ला ने उन्हें बताया कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की ट्रैक्टर रैली कब और कैसे हिंसक हुई।
दिल्ली पुलिस ने दर्ज किए 4 FIR
दिल्ली में आज हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने 7 FIR दर्ज की हैं। इनमें से एक पांडव नगर, दो गाजीपुर थाने और एक सीमापुरी थाने में दर्ज की गई है। प्रदर्शनकारियों पर 8 बसें, 17 गाड़ियां, 4 कंटेनर और 300 से ज्यादा बैरिकेड तोड़ने के आरोप हैं।
दिल्ली में सामान्य हो रहे हालात
दिल्ली में हालात अब सामान्य हो रहे हैं। कई मेट्रो स्टेशन के गेट खुल गए हैं। दिल्ली गेट, आईटीओ, जामा मस्जिद, रोहिणी सेक्टर 18, आजादपुर और मॉडल टाउन के एंट्री और एग्जिट गेट को खोल दिया गया है। वहीं, पीरागढ़ी चौक और पंजाबी बाग चौक पर यातायात सामान्य हो गया है। NH-24 और NH-9 पर ट्रैफिक सामान्य हो गया है।
ITO से सभी प्रदर्शनकारी किसान लौटे
ITO से सभी प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली की सीमाओं पर लौट गए हैं। वहीं, ITO पर भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती की गई है। उदर, हरियाणा में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। हरियाणा के डीजीपी ने सख्ती दिखाई है। उन्होंने कहा है कि उपद्रवियों और दंगाइयों को बख्शा नहीं जाएगा।
हरियाणा के तीन जिलों में इंटरनेट बंद
दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद हरियाणा अलर्ट पर है। सोनीपत, झज्जर और पलवल में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। इससे पहले डीजीपी ने जवानों को उपद्रवियों से सख्ती से निपटने का निर्देश जारी किया था।
किसान नेताओं ने कहा- हमने कानून नहीं तोड़ा
इस बीच किसान नेताओं ने कहा है कि उनकी तरफ से कानून नहीं तोड़ा गया है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने कहा कि मार्च में शामिल 32 किसान संगठन ट्रैक्टर परेड के लिए पुलिस की ओर से तय किए रूट पर ही चल रहे थे। पंजाब के किसान बचाओ मोर्चा के नेता कृपा सिंह ने लाल किले में हंगामे का आरोप किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पर लगाया।
झड़प में घायल 83 पुलिसकर्मी, किसानों का लोकनायक में हो रहा इलाज
ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा में दिल्ली पुलिस के 83 जवान घायल हो गए। नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट के करीब 45 पुलिसकर्मियों को सिविल लाइन अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती करवाया गया है। वहीं, 18 पुलिसकर्मी LNJP अस्पताल में भर्ती हैं। कई पुलिसकर्मियों की हालत नाजुक बताई जा रही है।
गृह मंत्री अमित शाह ने की अधिकारियों के साथ बैठक
किसान आंदोलन के दौरान हुई हिंसा पर गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गई बैठक 2 घंटे तक चली। बैठक में तत्काल प्रभाव से उन संवेदनशील जगहों पर सुरक्षाबलों की तैनाती के निर्देश दिए गए हैं जहां पर आज हिंसा हुई है। यह जगह नांगलोई, आईटीओ और गाजीपुर हैं। गृह मंत्री द्वारा बुलाई गई इस बैठक में आईबी चीफ, गृह मंत्रालय के आला अधिकारी और दिल्ली पुलिस कमिश्नर मौजूद रहे। अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया गया कानून-व्यवस्था दिल्ली में कायम करना प्राथमिकता है।
दिल्ली पुलिस ने जारी किया बयान
ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा पर दिल्ली पुलिस ने बयान जारी किया है। पुलिस की ओर से कहा गया है कि आज के ट्रैक्टर रैली के लिए दिल्ली पुलिस ने किसानों के साथ तय हुए शर्तों के अनुसार काम किया और आवश्यक बंदोबस्त किया। दिल्ली पुलिस ने अंत तक काफी संयम का परिचय दिया, परन्तु आंदोलनकारियों ने तय शर्तों की अवहेलना की और तय समय से पहले ही अपना मार्च शुरू कर दिया और आंदोलनकारियों ने हिंसा व तोड़फोड़ का मार्ग चुना, जिसको देखते हुए दिल्ली पुलिस कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए संयम के साथ ज़रूरी कदम उठाए। इस आंदोलन से जन संपत्ति को काफी नुक्सान हुआ है और कई पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं। आंदोलनकारियों से अपील है कि हिंसा का रास्ता छोड़ शान्ति बनाएं और तय हुए रास्ते से वापस लौट जाएं।
किसान बोले- गलत लोग आंदोलन को भटकाने की कोशिश में
ऑल इंडिया किसान सभा के जनरल सेक्रेटरी मेजर सिंह पुनेवाल ने कहा कि कुछ गलत लोग किसानों का आंदोलन भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने भी कहा कि वह चाहते थे कि किसान सिर्फ तय रूट पर ही ट्रैक्टर परेड निकालें।
लाल किले पर खालसा का झंडा फहराया, लेकिन तिरंगा नहीं हटाया
इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने लाल किले पर पहुंच कर खालसा पंथ और किसान संगठनों के झंडे फहरा दिए। जहां स्थायी रूप से तिरंगा लगा रहता है, वहां भी प्रदर्शनकारियों ने अपने झंडे लहराए। हालांकि, तिरंगे को नहीं हटाया।
#WATCH दिल्ली: लाल किले के अंदर एक प्रदर्शनकारी ने पोल पर अपना झंडा लगाया। #FarmersProtest pic.twitter.com/Uc1hVFH2ef
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 26, 2021
ट्रैक्टर पलटने से किसान की मौत
ITO के पास ट्रैक्टर पलटने से एक किसान की मौत हो गई। प्रदर्शनकारी दिल्ली पुलिस मुख्यालय आईटीओ के पास शव के साथ धरने पर बैठ गए हैं। यहां धीरे-धीरे किसानों की संख्या बढ़ रही है। गाजीपुर और राजघाट रोड की तरफ से भी ट्रैक्टर यहां पहुंचना शुरु हो गए हैं। अगर किसान यहां जमे तो यहां से किसानों को हटाना एक बड़ी चुनौती होगी। इससे पहले प्रदर्शनकारी आंध्रा एजुकेशन सोसायटी में घुस गए और गार्ड को बंधक बना लिया। पुलिस ने बताया कि किसानों को सोसायटी में CCTV लगे होने का शक था। इसी के चलते उन्होंने गार्ड को बंधक बना लिया।
#WATCH | A protesting farmer died after a tractor rammed into barricades and overturned at ITO today: Delhi Police
— ANI (@ANI) January 26, 2021
CCTV Visuals: Delhi Police pic.twitter.com/nANX9USk8V
Created On :   26 Jan 2021 2:12 PM GMT