भारतीय प्रेस परिषद एक स्वायत्त वैधानिक निकाय है
- पत्रकारों को आचार संहिता का पालन करना होता है
- प्रेस हाउस की निगरानी अव्यवस्थित हो हुई है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ एल मुरूगन ने कहा है कि देश विरोधी और फेक न्यूज देने वाले 60 से अधिक यूट्यूब चैनलों के खिलाफ सरकार ने कार्रवाई की गई है। पिछले दो महीने के दौरान पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित इन चैनलों को ब्लॉक कर दिया गया है। पिछले नवंबर महीने से रिक्त भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) के अध्यक्ष पद के सवाल पर मंत्री ने कहा कि प्रेस परिषद एक स्वायत्त वैधानिक निकाय है। डॉ मुरूगन ने राज्यसभा में कहा कि प्रेस परिषद पत्रकारों की आचार संहिता को देखती है।
उन्होने कहा कि पत्रकारों को आचार संहिता का पालन करना होता है। अगर पत्रकारों ने भारतीय प्रेस परिषद अधिनियम की धारा 14 के तहत आचार संहिता का पालन नहीं किया, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है। उन्होने बताया कि 150 से ज्यादा मामलों में हमने उनके खिलाफ कार्रवाई की है। डॉ मुरूगन प्रश्न काल के दौरान कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा के एक सवाल का जवाब दे रहे थे। तन्खा ने पूछा था कि अध्यक्ष के नहीं होने की स्थिति में मैं अखबारों से संबंधित अपनी शिकायत किससे करूं?
अध्यक्ष के अभाव में खतरे में है स्वतंत्र पत्रकारिता
कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने गुरूवार को भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति में देरी का मसला विशेष उल्लेख के तहत भी उठाया। उन्होने कहा कि पिछले तीन महीने से भी ज्यादा समय से इस महत्वपूर्ण स्व-नियामक निकाय में अध्यक्ष की नियुक्ति न हो पाने के चलते इसमें एक शून्यता सी आई है। इसकी वजह से प्रेस हाउस की निगरानी अव्यवस्थित हो गई है।
सांसद तन्खा ने सदन में कहा कि प्रेस परिषद के अध्यक्ष के अभाव में आज स्वतंत्र पत्रकारिता खतरे में है। देश में ऐसे कई व्यावसायिक घराने हैं, जो इस निकाय की विचारधारा से समझौता कर सकते हैं। इस बात की भी संभावना है कि सरकारें अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए प्रेस को एक निरंकुश उपकरण के रूप में इस्तेमाल कर सकती हैं। तन्खा ने सरकार से पूछा कि उसने प्रेस परिषद के अगले अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है और यदि हां, तो ऐसी महत्वपूर्ण नियुक्ति में विलंब क्यों किया जा रहा है?
Created On :   10 Feb 2022 8:22 PM IST