बंगाल बिजनेस समिट में पीएम के मौजूद रहने की संभावना नहीं, सियासी घमासान शुरू

PM unlikely to be present in Bengal Business Summit, political turmoil begins
बंगाल बिजनेस समिट में पीएम के मौजूद रहने की संभावना नहीं, सियासी घमासान शुरू
नई दिल्ली बंगाल बिजनेस समिट में पीएम के मौजूद रहने की संभावना नहीं, सियासी घमासान शुरू
हाईलाइट
  • पश्चिम बंगाल में औद्योगीकरण के प्रयासों को नजरअंदाज करने की कोशिश

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। अब यह लगभग तय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार की सुबह बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट (बीजीबीएस) 2022 के उद्घाटन सत्र में शामिल नहीं होंगे। इस मसले पर भाजपा और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के बीच सियासी घमासान शुरू हो गया है।

जहां एक तरफ तृणमूल नेतृत्व ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री जानबूझकर पश्चिम बंगाल में औद्योगीकरण के प्रयासों को नजरअंदाज करने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं भाजपा नेतृत्व ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री कार्यालय को इस संबंध में राज्य सचिवालय से कोई आधिकारिक निमंत्रण नहीं भेजा गया था। पिछले साल नवंबर में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नई दिल्ली गई थीं, जहां उन्होंने प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी और उन्हें बीजीबीएस-2022 के उद्घाटन सत्र में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। बैठक के बाद ममता ने मीडियाकर्मियों से कहा था कि प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम में मौजूद रहने के लिए राजी हो गए हैं।

हालांकि, मंगलवार दोपहर तक राज्य सचिवालय को इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय से कोई सूचना नहीं मिली है। प्रधानमंत्री के आधिकारिक दौरे की पीआईबी को मिली जानकारी के अनुसार, मोदी का 18 से 20 अप्रैल तक अपने गृह राज्य गुजरात में रहने का कार्यक्रम है। भाजपा सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने मंगलवार को मीडियाकर्मियों से कहा कि चूंकि मुख्यमंत्री की ओर से केवल मौखिक तौर पर आमंत्रण दिया गया था, इसलिए शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री के पहुंचने का कोई सवाल ही नहीं उठता।

घोष ने कहा, हर चीज में एक प्रोटोकॉल होता है। इस मामले में राज्य सरकार की ओर से प्रधानमंत्री कार्यालय को कोई आधिकारिक निमंत्रण नहीं भेजा गया था। इसलिए प्रधानमंत्री के शिखर सम्मेलन में शामिल होने का सवाल ही नहीं उठता। हालांकि, तृणमूल नेता जयप्रकाश मजूमदार ने कहा कि जब मुख्यमंत्री व्यक्तिगत रूप से दिल्ली गई थीं और प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया था, तब उन्हें आमंत्रण का सम्मान करना चाहिए था। मजूमदार ने सवाल किया, इस पर टिप्पणी करने वाले दिलीप घोष कौन हैं? क्या वह पीएमओ के प्रवक्ता हैं? प्रधानमंत्री अक्सर राष्ट्र के विकास की बात करते हैं। क्या पश्चिम बंगाल में उनके सपनों का कोई हिस्सा नहीं है?

 

 (आईएएनएस)

Created On :   19 April 2022 6:00 PM IST

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