Global Potato Summit: PM मोदी बोले- आलू के उत्पादन में गुजरात नंबर 1

Global Potato Summit: PM मोदी बोले- आलू के उत्पादन में गुजरात नंबर 1
हाईलाइट
  • 1999 से 2008 तक किए जा चुके 10 समिट
  • गुजरात
  • देश में आलू का मुख्य उत्पादक है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को गुजरात के गांधीनगर में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए तीसरे ग्लोबल पोटेटो समिट को संबोधित किया। पीएम मोदी ने बताया कि "पहली बार यह कॉन्क्लेव दिल्ली से बाहर हो रहा है और इस कॉन्क्लेव का गुजरात में होना इसलिए भी अहम है क्योंकि ये आलू की उत्पादकता के लिहाज से देश का नंबर 1 राज्य है।" उन्होंने कहा कि "साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को लेकर तेजी से कदम उठाए जा रहे हैं।"

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पीएम मोदी ने कहा कि "किसानों के प्रयास और सरकार की पॉलिसी के कॉम्बिनेशन का ही परिणाम है कि अनेक अनाजों और दूसरे खाने के सामान के उत्पादन में भारत दुनिया के टॉप-3 देशों में है।" उन्होंने आगे बताया कि सरकार का प्रयास है कि "खेती की लागत कम हो, किसान का खर्च कम हो, सरकार द्वारा शुरू की गई किसान सम्मान निधि से किसानों के अनेक खर्चो को पूरा करने की मदद मिली है।"

पीएम मोदी ने कहा कि "जनवरी की शुरुआत में, एक साथ 6 करोड़ किसानों के बैंक खातों में 12 हजार करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर करके एक नया रिकॉर्ड भी बनाया गया है।" उन्होंने कहा कि "किसान और उपभोक्ता के बीच के लेयर्स और उपज की बर्बादी को कम करना हमारी प्राथमिकता है। इसके लिए परंपरागत कृषि को बढ़ावा दिया जा रहा है।"

पीएम मोदी ने कहा कि "सरकार का जोर कृषि टेक्नॉलॉजी आधारित "स्टार्ट अप्स" को प्रमोट करने पर भी है, ताकि स्मार्ट और प्रिसिजन एग्रीकल्चर के लिए जरूरी किसानों के डेटाबेस और एग्री स्टैक का उपयोग किया जा सके।" उन्होंने आगे कहा कि "21वीं सदी में भी कोई भूखा और कुपोषित न रहे, इसकी भी एक बड़ी जिम्मेदारी आप सभी के कंधों पर है। मुझे विश्वास है कि आने वाले तीन दिनों में आप इसी दिशा में गंभीर मंथन करेंगे।"

पीएम मोदी ने कहा कि "इसके साथ-साथ एग्रीकल्चर सेक्टर में आधुनिक बायोटेक्नॉलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, ब्लॉक चेन, ड्रोन टेक्नोलॉजी, ऐसी हर नई टेक्नॉलॉजी का कैसे बेहतर उपयोग हो सकता है, इसे लेकर भी आपके सुझाव और समाधान अहम रहेंगे।"

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पीएम मोदी ने कहा कि "फूड प्रोसेसिंग से जुड़े सेक्टर को प्रमोट करने के लिए केंद्र सरकार ने भी अनेक कदम उठाए हैं। चाहे इस सेक्टर को 100% FDI के लिए खोलने का फैसला हो या फिर पीएम किसान संपदा योजना के माध्यम से वैल्यू एडिशन और वैल्यू चेन डेवलपमेंट में मदद, हर स्तर पर कोशिश की जा ही है।"

पीएम मोदी ने कहा कि "इस कॉन्क्लेव की खास बात ये भी है कि यहां पोटेटो कॉन्फ्रेंस, एग्री एक्सपो और पोटेटो फील्ड डे, तीनों एक साथ हो रहे हैं। करीब 6000 किसान फील्ड डे के मौके पर खेतों में जाने वाले हैं, जो काफी प्रशंसनीय प्रयास है।"

पीएम मोदी ने कहा कि "मुझे बताया गया है कि ग्लोबल पोटेटो कॉन्क्लेव में दुनिया के अनेक देशों से वैज्ञानिक आए हैं। हजारों किसान साथी और दूसरे स्केटहोल्डर्स भी जुटे हैं। अगले तीन दिनों में आप सभी पूरे विश्व के फुड और न्यूट्रिशन की डिमांड से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा करने वाले हैं।"

बेहतर अवसर
पिछले दो दशकों में 1999 और 2008 के दौरान 10 ग्लोबल पोटेटो समिट्स का आयोजन किया जा चुका है। यह सम्मेलन सभी साझेदारों को एक साझा मंच प्रदान करने के लिए अवसर प्रदान करेगा, ताकि आलू क्षेत्र से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति को शामिल कर सभी मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जा सके और भविष्य की योजना तय की जा सके। आलू अनुसंधान में अग्रिम जानकारी रखने वालों और नवोन्मेष करने वाले देश के विभिन्न साझेदारों को बाहर लाने का यह एक बेहतर अवसर है।

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गुजरात मुख्य उत्पादक
गुजरात देश में आलू का एक मुख्य उत्पादक है। भारत में आलू के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में 19 फीसदी वृद्धि हुई है। अकेले पिछले 11 वर्षो में गुजरात में करीब 170 फीसदी क्षेत्र बढ़ा है (2006-07 में 49.7 हजार हेक्टेयर से 2017-18 में 133 हजार हेक्टेयर) 30 टन / हेक्टेयर से अधिक उत्पादकता के साथ गुजरात ने पिछले एक दशक से भारत में पहला स्थान बना रखा है। यह राज्य खेती के लिए आधुनिक तरीकों जैसे पानी का छिड़काव करने वाले और ड्रीप सिंचाई यंत्रों का इस्तेमाल करता है। राज्य में सर्वश्रेष्ठ शीत भंडारण सुविधाएं और लिंकेज हैं और यह देश में प्रमुख आलू प्रसंस्करण उद्योगों का एक केन्द्र है।

इसके अलावा आलू का अधिकतर निर्यात गुजरात पर आधारित है। इससे गुजरात, देश में प्रमुख आलू केन्द्र के रूप में उभरा है। इसी को देखते हुए तीसरे ग्लोबल पोटेटो समिट गुजरात में हो रहा है। सम्मेलन का आयोजन भारतीय आलू एसोसिएशन (IPA) ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली और ICAR - केन्द्र आलू अनुसंधान संस्थान, शिमला और अंतर्राष्ट्रीय आलू केन्द्र (CIP), लीमा, पेरू के सहयोग से किया है।

आलू सम्मेलन तीन दिन तक चलेगा। इसके 10 विषय होंगे। 10 में से 8 विषय वस्तुएं व्यावहारिक और प्रायोगिक अनुसंधान पर आधारित होगी। शेष दो विषय वस्तुओं में आलू व्यापार, मूल्य श्रृंखला प्रबंधन और नीतिगत वस्तुओं पर विशेष जोर दिया जाएगा। एग्रीएक्सपो का आयोजन 28 से 30 जनवरी, 2020 के दौरान किया जाएगा। इसमें आलू आधारित उद्योगों और व्यापार की स्थिति, प्रसंस्करण, बीज वाले आलू का उत्पादन, जैव प्रौद्योगिकी, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण में सार्वजनिक-निजी भागीदारी तथा किसान संबंधी उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा।

Created On :   28 Jan 2020 8:21 AM IST

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