CAA के विरोध प्रदर्शन में परोसी बिरयानी, ताकि भूख न बने परेशानी

Parosi Biryani in anti-CAA protest, so that hunger does not cause trouble
CAA के विरोध प्रदर्शन में परोसी बिरयानी, ताकि भूख न बने परेशानी
CAA के विरोध प्रदर्शन में परोसी बिरयानी, ताकि भूख न बने परेशानी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे उन प्रदर्शनकारियों के लिए शनिवार दोपहर का भोजन चिंता का कारण नहीं था, जो सुबह-सुबह ही जामिया पहुंच गए। इन प्रदर्शनकारियों के लिए बिरयानी नजदीक के ही जामिया नगर में तैयार की गई।दोपहर होते होते बड़े-बड़े बर्तनों में वेज और नॉन वेज दोनों तरह की बिरयानी जामिया विश्वविद्यालय परिसर के बाहर वाहनों के जरिए पहुंचाई जाने लगी। बिरयानी के साथ ही पीने के पानी के हजारों पाउच भी यहां पहुंचाए गए।

यह सिलसिला शनिवार ही नहीं, शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद भी जारी था। दरअसल जुमे की नमाज के बाद हजारों की तादाद में बच्चे, महिलाएं, छात्र-छात्राएं, बुजुर्ग व युवा जामिया परिसर के बाहर पहुंचे थे। प्रदर्शनकारियों का यह हुजूम सड़क के दोनों ओर एक किलोमीटर से अधिक की दूरी तक फैला हुआ था।

इनमें कई लोग ऐसे थे जो सीधे जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शन के लिए जामिया परिसर के बाहर पहुंच गए थे। नौशाद, नसीम, रहमान व उनके कई युवा साथियों ने इन लोगों के लंच का पूरा इंतजाम यहां किया था। रहमान ने बताया कि हर दिन अलग-अलग लोग खाने का इंतजाम अपनी ओर से स्वयं ही कर रहे हैं।

दोपहर के भोजन में लोगों को बिरयानी परोसने का यह सिलसिला करीब दो घंटे तक जारी रहा। बड़े-बड़े डेग (बिरयानी का बर्तन) भरकर बिरयानी लाई जाती रही। डेग खाली हो जाने पर बिरयानी के भरे हुए दूसरे डेग जामिया कैंपस के बाहर की सड़क पर लाए जाते।

खास बात यह कि सैकड़ों लोगों के बिरयानी खाने और खिलाने के क्रम में गंदगी या जूठे बर्तनों का ढेर नहीं लगा। खाने के तुरंत बाद वहां सफाई कर दी गई।

बिरयानी के पैकेट लोगों को बांटे गए। कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों को प्लेटों में बिरयानी परोसी गई। इसके साथ पीने के साफ पानी के पाउच बांटे गए। बिरयानी के अलावा लोगों के लिए चाय बिस्किट आदि का इंतजाम भी यहां रहा।

दरअसल, जामिया के आसपास के सभी ढाबे-होटल यहां तक कि छोटे टी स्टॉल भी बंद हैं। ऐसे में सुबह से रात तक यहां डटे रहने वाले प्रदर्शनकारियों के खाने-पीने का इंतजाम जामिया के कुछ छात्रों की मदद से स्थानीय लोग कर रहे हैं।

Created On :   21 Dec 2019 10:23 AM GMT

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