हाथरस की बेटी की मौत से देश में आक्रोश: आज गांव पहुंचेगा शव, परिवार जल्दबाजी में अंतिम संस्कार को राजी नहीं, जानें अब तक क्या-क्या हुआ
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- 14 सितंबर को 4 दरिंदों ने लड़की को बनाया था शिकार
- पीड़िता की कमर तोड़ने
- जीभ काटने का भी आरोप
- हाथरस पुलिस-प्रशासन ने दी सफाई
- आरोपी गिरफ्तार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के हाथरस में दरिंदगी की शिकार बनी एक ओर ‘निर्भया’ ने मंगलवार को दम तोड़ दिया। उसकी मौत के बाद देशभर में आक्रोश है। आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठ रही है। राष्ट्रीय राजधानी में सफदरजंग अस्पताल के बाहर कांग्रेस और भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया, जिसके बाद अस्पताल के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इस बीच दिल्ली गैंगरेप पीड़िता की मां आशा देवी ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि सरकारें आती-जाती हैं, हकीकत नहीं बदल रही।
वहीं पीड़िता का शव अब से कुछ देर में उनके गांव पहुंचेगा। लोगों के आक्रोश को देखते हुए क्षेत्र में भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती की गई है। वहीं, परिवार ने शव का जल्दबाजी में अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि वो न्याय चाहते हैं। पुलिस भी परिवार को मनाने में जुटी है। पुलिस चाहती है कि रातभर में ही अंतिम संस्कार कर दिया जाए। भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। वह हाथरस गैंगरेप पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में धरने पर बैठे थे। पुलिस उन्हें लेकर हरियाणा जा रही है। अस्पताल में मौजूद भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं से भी धरना खत्म करने की अपील की गई है।
केंद्र और योगी सरकार निशाने पर
इस निर्मम घटना के बाद से जहां उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर सवाल उठ रहे हैं वहीं विपक्ष केंद्र की भाजपा सरकार को भी निशाने पर ले रहा हैं। यूपी में एक ओर राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग हो रही है तो पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रदेश में जंगलराज होने की बात कही है।
योगी सरकार में अपराध का गढ़ बना यूपी: कांग्रेस
कांग्रेस ने युवती की मौत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की महिला नेताओं के मौन को लेकर सवाल किए हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि योगी आदित्यनाथ की सरकार में यूपी अपराध का गढ़ बन गया है। सपा, बसपा, आम आदमी पार्टी आदि भी भाजपा की आलोचना कर रहे हैं। कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि इस घटना पर प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं? पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चूड़ियां भेजने वाली महिला नेता चुप क्यों हैं? उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी अपराध मुक्त उत्तर प्रदेश की बात करते थे, लेकिन उन्होंने राज्य को अपराध का गढ़ बना दिया है।
सरकारें आती-जाती हैं, लेकिन हकीकत नहीं बदल रही
16 दिसंबर 2012 को राजधानी दिल्ली में चलती बस में निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में 7 साल के लंबे इंतजार के बाद दोषियों को फांसी की सजा हुई थी। इस इंसाफ की लड़ाई में निर्भया की मां आशा देवी ने पूरी ताकत झोंक दी थी। हाथरस की घटना के बाद आशा देवी ने कहा कि इस पर कहने के लिए मेरे पास कोई शब्द नहीं है। मैं इन हालातों से गुजर चुकी हूं। मैं पीड़िता के परिवार और मां का दर्द समझ सकती हूं, लेकिन इन्हें इंसाफ के लिए खुलकर लड़ना होगा। आशा देवी ने कहा कि सरकारें आती-जाती हैं, लेकिन हकीकत नहीं बदल रही है। मुंह छिपाने से कुछ नहीं होगा, इंसाफ के लिए आवाज उठानी होगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में पहले पुलिस कहती है कि रेप नहीं हुआ, अगर रेप नहीं हुआ तो मेडिकल जांच कराते। पुलिस के पास रिकॉर्ड नहीं है। ये कैसे संभव हो सकता है। इस घटना में पहले पुलिसवालों की जांच होनी चाहिए।
बॉलीवुड में भी आक्रोश, सख्त सजा की उठी मांग
हाथरस में हुई इस निर्मम घटना पर बॉलीवुड भी आक्रोशित है। अभिनेता अक्षय कुमार, फरहान अख्तर, रिचा चड्ढा और अभिषेक बच्चन सहित अन्य अभिनेताओं ने युवती से सामूहिक बलात्कार और उसकी मौत के मामले में दोषियों के लिए कठोर सजा की मांग की है।
- अभिनेता अक्षय कुमार ने ट्वीट किया कि कब रुकेगा ये सब? हमारे कानून और उनका अनुपालन इतना कड़ा होना चाहिए कि सजा की सोचकर दुष्कर्म करने वालों की रूह कांप जाए। ऐसे दोषियों को फांसी पर लटका देना चाहिए। बेटियों और बहनों की सुरक्षा के लिए आवाज उठाएं। हम कम से कम इतना तो कर ही सकते हैं।
- अभिषेक बच्चन ने ट्वीट किया कि ये बंद होना चाहिए। ये निराशा की हद से भी आगे है।
- रितेश देशमुख ने भी कहा कि ऐसा अपराध करने वालों को सार्वजनिक रूप से फांसी दी जानी चाहिए।
- अभिनेत्री कृति सैनन ने इसे अंदर तक झंकझोर देने वाली घटना करार दिया।
ये हैं गुनहगार
- ठाकुर संदीप सिंह (22 वर्ष) - वह 12वीं पास है और गांव में रहकर ही खेती का काम करता है।
- लवकुश सिंह (19 वर्ष) - वह 10वीं कक्षा पास है और गांव में ही रहता है। कोई काम नहीं करता।
- रामकुमार उर्फ रामू (28 वर्ष) - वह 12वीं पास है और दूध के एक चिलर पर काम करता है।
- रवि सिंह (35 वर्ष) - वह 10वीं पास है और हाथरस में रहकर ही पल्लेदारी का काम करता है।
पीड़िता की जीभ काट दी और रीड़ की हड्डी भी तोड़ दी थी
बता दें कि हाथरस में चार लोगों की दरिंदगी का शिकार बनी ‘निर्भया’ ने मंगलवार को दम तोड़ दिया। उसके साथ हैवानियत को इस कदर अंजाम दिया गया था कि उसकी जीभ कट गई और कमर की हड्डी तक टूट गई। घटना 14 सितंबर की है और मंगलवार को पीड़ा के पूरे 15 दिन तक जिंदगी से जंग लड़ते हुए पीड़िता ने दम तोड़ दिया।
14 सितंबर 2020- सुबह के 9:30 बजे हाथरस के चंदपा थाना क्षेत्र के गांव बूलगढ़ी में रहने वाली एक युवती रोज की तरह अपनी मां के साथ चारा काटने खेत पर गई थी। इस दौरान वह अपनी मां से दूर हो गई। कुछ देर बाद गांव के ही 4 दबंग युवक लड़की के पास पहुंचे और उसे दुपट्टे से खींचकर बाजरे के खेत में ले गए। वहां उन चारों ने उसके साथ जबरदस्ती की। विरोध करने पर लड़की को जमकर पीटा। मारपीट में लड़की की रीढ़ की हड्डी टूट गई और उसकी जीभ भी कट गई। आरोपियों ने दुपट्टे से पीड़िता का गला घोंटकर उसे मारने की कोशिश भी की।
घटना के बाद चारों आरोपी पीड़िता को मरा समझकर वहां से भाग निकले। पीड़िता की मां उसे ढूंढते हुए वहां पहुंची तो उसके होश उड़ गए। उसने आवाज लगाकर लोगों को मदद के लिए बुलाया। फौरन पीड़िता को इलाज के लिए अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। लड़की की हालत बहुत गंभीर थी, लेकिन उसका इलाज चलता रहा। पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर आईपीसी की धारा 307 (जान से मारने का प्रयास) का मुकदमा दर्ज किया। पीड़िता दलित थी इसलिए एससी-एसटी एक्ट भी लगाया गया।
19 सितंबर 2020 - घटना के पांच दिन बाद पुलिस को पीड़िता के पड़ोस में रहने वाले आरोपी ठाकुर संदीप सिंह की सूचना मिली कि वो कहीं गायब है। शक के आधार पर पुलिस उसकी तलाश की और गिरफ्तार कर लिया गया।
22 सितंबर 2020 - घटना के बाद 7 दिन तक पीड़ित लड़की बेहोश रही। 22 सितंबर को होश में आने के बाद आपबीती सुनाई और 3 अन्य आरोपियों के नाम पुलिस को बताए। पुलिस हरकत में आई और पीड़ित परिवार की तहरीर पर बलात्कार की धारा भी एफआईआर में जोड़ दी गई। आरोपियों की तलाश शुरू की।
23 सितंबर 2020 - पीड़िता ने अपने बयान में आरोपियों के बारे में बता दिया था। सभी आरोपी पीड़िता के ही गांव के थे। लिहाजा पुलिस ने उनके ठिकानों पर दबिश देना शुरू कर दिया। इसी दौरान पुलिस ने दबिश देकर लवकुश पुत्र रामवीर सिंह को गिरफ्तार किया गया।
25 सितंबर 2020 - इस दिन पुलिस को फरार दो आरोपियों में से एक का सुराग लगा। पुलिस ने फौरन बताए गए स्थान पर दबिश दी और एक और आरोपी रवि सिंह पुत्र अतर सिंह को धर दबोचा।
26 सितंबर 2020 - इस दिन गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने एक जगह छापेमारी की और चौथा आरोपी रामकुमार उर्फ रामू पुत्र राकेश सिंह पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
27 सितंबर 2020 - उधर, अलीगढ़ मेडिकल अस्पताल में पीड़ित लड़की की हालत बिगड़ती जा रही थी। डॉक्टरों ने उसे रेफर करने का फैसला लिया और उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल भेज दिया गया।
28 सितंबर 2020 - दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में लड़की की नाजुक हालत देखते हुए उसे वेंटिलेटर पर रखा गया। मामले को लेकर कांग्रेस ने योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला। यूपी में घटना के विरोध में धरना प्रदर्शन तेज हुए।
29 सितंबर 2020 - मंगलवार की सुबह हाथरस की निर्भया जिंदगी की जंग हार गई। सुबह 6 बजे उसने दम तोड़ दिया। इलाज करने वाले डॉक्टरों ने कहा कि लड़की की हालत बेहद गंभीर थी। उसे बचा पाना बहुत मुश्किल था। उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था। सुबह 6 बजे उसकी सांस थम गई। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
इसके बाद देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं...
Created On :   30 Sept 2020 1:38 AM IST