पेट्रोल के बाद अब क्यों रुला रही है जनता को प्याज, थोक भाव 50 रुपए के पार
- प्याज महंगी होने की असल वजह है कि अच्छे से रखरखाव न होना
- जमाखोरों और बिचौलियों की सांठगांठ।
- एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव में ही प्याज का भाव दो दिन में 1000 रुपए प्रति क्विंटल महंगा हो गया है।
- पिछले एक साल से प्याज की कीमत आसमान छूने लगी है।
डिजिटल डेस्क (भोपाल)। पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमतों से परेशान आम आदमी को अब प्याज भी रुलाने लगी है। दिल्ली में थोक भाव में प्याज 50 रुपए किलो बिक रहा है, जबकि फुटकर में भाव 65 से 75 रुपए किलो तक पहुंच गए हैं। पिछले डेढ़ महीने में प्याज की कीमत दोगुनी हो गई है। एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव में ही प्याज का भाव दो दिन में 1000 रुपए प्रति क्विंटल महंगा हो गया है। यहां जानिए क्यों बढ़ते हैं प्याज के दाम...
पिछले एक साल से प्याज की कीमत आसमान छूने लगी है। यह 50 से 100 रुपए किलो तक बिका है। व्यापारी प्याज के महंगे होने की कई वजह बताते हैं। फ़सल ख़राब होना और समय से मंडी नहीं पहुंचना। सबसे बड़ी विडंबना यही है कि हर साल बेमौसम बारिश के बाद प्याज़ ख़राब होता है और महंगा होता है। बढ़ती कीमतों को रोकने 23 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक तीन महीने के लिए स्टॉक की सीमा लागू की गई थी। तब कुछ समय के लिए भाव नीचे आए थे।
सरकार ने अफगानिस्तान और अन्य देशों से प्याज आयात करने के लिए कदम उठाए थे। एशिया की सबसे बड़ी सब्जी मंडी आजादपुर और लासलगांव में प्याज का थोक भाव पिछले एक साल में कई बार 50 रुपए पहुंच चुका है। साल 2011-12 में कम्पीटिटिव एसेसमेंट ऑफ ऑनियिन मार्केट इन इंडिया के नाम से एक आयोग बना था। चार लोगों पीजी चंगप्पा, एवी मंजूनाथ, विकास डिंबेल और खलील शाह की देखरेख में यह आयोग बनाया गया था।
अधूरे कार्यकाल के बीच आयोग ने अपनी रिपोर्ट देते हुए खुलासा किया था कि देश में प्याजमहंगे होने के पीछे प्याज के उत्पादन और डिमांड में किसी बड़े अंतर के होने का कोई असर नहीं है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि प्याज महंगी होने की असल वजह है कि अच्छे से रखरखाव न होना, जमाखोरों और बिचौलियों की सांठगांठ।
इधर, भोपाल में व्यापारियों का कहना है कि आवक कम होने से भाव बढ़ रहे हैं और मार्च में नई प्याज आने के बाद कुछ राहत मिल सकती है।
Created On :   22 Feb 2021 10:27 AM GMT