प्रेस वार्ता के लिए प्रतिबंधित समूहों की सहायता करने में पीसीआई की भूमिका पर चल रही जांच

Ongoing investigation into PCIs role in assisting banned groups for press talks
प्रेस वार्ता के लिए प्रतिबंधित समूहों की सहायता करने में पीसीआई की भूमिका पर चल रही जांच
नई दिल्ली प्रेस वार्ता के लिए प्रतिबंधित समूहों की सहायता करने में पीसीआई की भूमिका पर चल रही जांच
हाईलाइट
  • सांप्रदायिक दंगे भड़काने के आरोप

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। खुफिया एजेंसियां प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (पीसीआई) की चरमपंथियों और अन्य प्रतिबंधित संगठनों के लिए प्रेस वार्ता और कार्यक्रम आयोजित करने में मदद करने की कथित भूमिका की जांच कर रही हैं।

इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के सूत्रों ने कहा कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सदस्य सिद्दीक कप्पन भी पीसीआई के सदस्य थे और उन्होंने क्लब में एक प्रेस वार्ता आयोजित करने में अपने सहयोगियों की मदद की। कप्पन को 5 अक्टूबर, 2020 को उत्तर प्रदेश में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की विभिन्न धाराओं के तहत कथित रूप से हाथरस में सांप्रदायिक दंगे भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

सूत्रों के मुताबिक, आईबी ने हाल ही में पीसीआई कार्यालय में एक टीम भेजी थी और पीएफआई और अन्य प्रतिबंधित संगठनों द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता के बारे में जानकारी जुटाने के लिए कर्मचारियों और अन्य लोगों से पूछताछ की थी। आईबी के अधिकारी पिछले दो वर्षों में पीसीआई में आयोजित प्रेस वार्ताओं के बारे में जानकारी एकत्र कर रहे हैं जो अति-वामपंथी, इस्लामवादी समूहों और प्रतिबंधित संगठनों द्वारा आयोजित की गई थीं।

जानकारी के अनुसार, 8 अक्टूबर को पीसीआई में एक प्रेस वार्ता आयोजित की गई थी। हालांकि कथित तौर पर यह अखिल भारतीय छात्र संघ (आइसा) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्‍सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन द्वारा आयोजित की गई थी, लेकिन आईबी का मानना है कि यह वास्तव में पीएफआई के एक विंग कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित की गई थी। इस प्रेस वार्ता में वक्ताओं ने यूएपीए को रद्द करने की मांग की।

दिल्ली दंगों की आरोपी खालिद सैफी की पत्नी नरगिस, पत्रकार नेहा दीक्षित, डीयू शिक्षक नंदिनी सुंदर, नंदिता नारायण और जेनी रोवेना पी, राजद सांसद मनोज झा, भाकपा माले लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य और आइसा दिल्ली सचिव नेहा बोरा प्रेस वार्ता में उपस्थित रहे।

आईबी के सूत्रों ने आगे दावा किया कि चूंकि पीएफआई पर अब प्रतिबंध लगा दिया गया है, इसलिए वे अलग-अलग क्लबों से संपर्क कर रहे हैं, जो कथित तौर पर अन्य संगठनों की आड़ में बैठकों की व्यवस्था करने में उनकी मदद करते हैं।

 

आईएएनएस

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Created On :   22 Nov 2022 2:01 PM IST

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