आधार को वोटर कार्ड से जोड़ने को चुनौती देने वाली सुरजेवाला की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हाईकोर्ट जाइए

On Surjewalas petition challenging the linking of Aadhaar with voter card, the Supreme Court said - go to the High Court
आधार को वोटर कार्ड से जोड़ने को चुनौती देने वाली सुरजेवाला की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हाईकोर्ट जाइए
सुप्रीम कोर्ट आधार को वोटर कार्ड से जोड़ने को चुनौती देने वाली सुरजेवाला की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हाईकोर्ट जाइए

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला की चुनाव कानून (संशोधन) अधिनियम, 2021 को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने उन्हें इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने को कहा है। सुरजेवाला ने सुप्रीम कोर्ट में मतदाता कार्ड को आधार से लिंक किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने रणदीप सुरजेवाला से कहा कि इस मामले की सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट में ही होगी।

जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस ए. एस. बोपन्ना ने सुरजेवाला के वकील से कहा, आप दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख क्यों नहीं करते? आपके पास एक ही उपाय होगा.. आप यहां क्यों आए हैं? सुरजेवाला के वकील ने कहा कि अगले छह महीनों में तीन अलग-अलग राज्यों में चुनाव होंगे। पीठ ने आगे कहा कि याचिका चुनाव कानून (संशोधन) अधिनियम 2021 की धारा 4 और 5 को चुनौती दे रही है और याचिकाकर्ता दिल्ली उच्च न्यायालय जा सकते हैं।

अपने आदेश में, शीर्ष अदालत ने कहा, कानून में उपलब्ध उपाय के मद्देनजर, हम याचिकाकर्ता को सक्षम उच्च न्यायालय के समक्ष अनुच्छेद 226 (संविधान के) के तहत याचिका दायर करने की स्वतंत्रता देते हैं। सुरजेवाला की याचिका में कहा गया है, नागरिकों की निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है और इसलिए यह असंवैधानिक है और भारत के संविधान के विरुद्ध है।

याचिका में शीर्ष अदालत से यह घोषित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि चुनाव कानून (संशोधन) अधिनियम, 2021 की धारा 4 और धारा 5 नागरिकों की निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करती है और इसलिए यह असंवैधानिक है और संविधान का उल्लंघन है।

याचिका में कहा गया है, संशोधन दो पूरी तरह से अलग दस्तावेजों (उनके डेटा के साथ) को जोड़ने का इरादा रखता है, यानी आधार कार्ड, जो निवास का प्रमाण है (स्थायी या अस्थायी) और ईपीआईसी/मतदाता पहचान पत्र, जो नागरिकता का प्रमाण है। इसलिए, यह पूरी तरह से स्पष्ट करता है कि आधार और मतदाता पहचान पत्र का लिंक पूरी तरह से तर्कहीन है।

 

(आईएएनएस)

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Created On :   25 July 2022 4:30 PM IST

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