निर्भया मामला: नए डेथ वारंट की अर्जी पर दोषियों को नोटिस, पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई आज
- अदालत ने दोषियों की प्रतिक्रिया मांगी
- आज पटियाला हाउस कोर्ट में दोपहर दो बजे होगी सुनवाई
- दोषियों के सभी कानूनी विकल्प खत्म हुए
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। निर्भया दुष्कर्म व हत्या मामले में दिल्ली की एक अदालत ने अभियोजन पक्ष की ओर से नए डेथ वारंट जारी करने की अर्जी पर दोषियों को नोटिस जारी किया हैं। मामले में आज दोपहर दो बजे सुनवाई की जाएगी। अदालत ने दोषियों से अर्जी पर जवाब मांगा है।
दोषियों के सभी कानूनी विकल्प खत्म हुए
बता दें कि निर्भया के दोषी पवन की दया याचिका बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खारिज कर दी थी। इसके साथ ही चारों दोषियों के सभी कानूनी विकल्प खत्म हो गए हैं और उनका फांसी पर चढ़ना तय है। राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज करने के कुछ ही घंटों बाद दिल्ली सरकार ने अदालत से दोषियों की फांसी की नई तारीख देने की मांग की।
अदालत ने दोषियों की प्रतिक्रिया मांगी है
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने कहा कि मेरी राय में प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत, जो कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद-21 और ऑडी अल्ट्राम पार्टम (कोई भी अभियुक्त ऐसा न हो, जिसे सुना न गया हो) में निहित सिद्धांत अदालत द्वारा नजर अंदाज नहीं किए जा सकते हैं। अदालत ने दोषी की प्रतिक्रिया मांगी है और मामले को गुरुवार दोपहर दो बजे तक के लिए टाल दिया है।
डेथ वारंट जारी करने के बाद तीन बार टाली गई फांसी
निर्भया के चारों दोषियों मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय कुमार शर्मा और अक्षय कुमार को तीन मार्च की सुबह छह बजे फांसी दी जानी थी, लेकिन अदालत ने इसे अगले आदेश तक के लिए टाल दिया था। क्योंकि तब तक पवन की दया याचिका लंबित थी। बता दें कि इससे पहले दोषियों की फांसी को दो बार पहले भी टाला गया था। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 7 जनवरी को पहला डेथ वारंट जारी किया था। इसमें दोषियों को 22 जनवरी सुबह 7 बजे फांसी देने का आदेश दिया था, लेकिन एक दोषी की दया याचिका लंबित रहने के कारण फांसी को टाल दिया गया। इसके बाद कोर्ट ने दूसरी बार 17 जनवरी को डेथ वारंट जारी किया था। इसमें दोषियों को 1 फरवरी सुबह 6 बजे फांसी देने का आदेश दिया गया, लेकिन कोर्ट ने 31 जनवरी को अनिश्चितकाल के लिए फांसी की सजा को टाल दिया। इसके बाद कोर्ट ने 17 जनवरी को तीसरा डेथ वारंट जारी किया। इसमें दोषियों को 3 मार्च सुबह 6 बजे फांसी देने का आदेश दिया गया, लेकिन इस बार भी फांसी के तय समय से ठीक साढ़े 12 घंटे पहले कोर्ट ने अगले आदेश तक दोषियों की फांसी पर रोक लगा दी।
16 दिसंबर, 2012 की रात छह लोगों ने चलती बस में की थी दरिंदगी
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में पैरामेडिकल छात्रा से 16 दिसंबर, 2012 की रात छह लोगों ने चलती बस में दरिंदगी की थी। गंभीर जख्मों के कारण 26 दिसंबर को सिंगापुर में इलाज के दौरान निर्भया की मौत हो गई थी। घटना के नौ महीने बाद यानी सितंबर 2013 में निचली अदालत ने पांच दोषियों राम सिंह, पवन, अक्षय, विनय और मुकेश को फांसी की सजा सुनाई थी। मार्च 2014 में हाईकोर्ट और मई 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा बरकरार रखी थी। सुनवाई के दौरान मुख्य दोषी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। एक अन्य दोषी नाबालिग होने की वजह से तीन साल में सुधार गृह से छूट चुका है।
Created On :   4 March 2020 9:56 PM GMT